बेमेतरा: नांदघाट इलाके गिधवा-परसदा में पक्षी महोत्सव का शुभारंभ किया गया. इस दौरान जनप्रतिनिधि मौके से नदारद रहे. वन विभाग के अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तीन दिन के पक्षी महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया. पहले दिन वन विभाग के वक्ताओं ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए. पक्षियों के बारे में लोगों को जानकारी दी.
कार्यक्रम में रविवार को फिल्मों के माध्यम से भी पक्षियों के बारे में लोगों को जानकारी दी गई है. विभिन्न स्टॉल के माध्यम से पक्षी, उनके प्रजनन काल और उनके नेचर के बारे में लोगों को जागरूक किया गया. पक्षी और मनुष्य के बीच के संबंध को लेकर भी वन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी साझा की है.
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1 वर्ष बाद गिधवा-परसदा को मिलेगी अलग पहचान: राकेश चतुर्वेदी
कार्यक्रम में मुख्य वन संरक्षक संगीता गुप्ता ने कहा कि यहां विगत 25 सालों से विदेशी मेहमान आ रहे हैं. यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप से हजारों मील समुद्र पार कर यह मेहमान यहां पहुंचते हैं. इनको यहां संरक्षण मिलता है. पर्याप्त मात्रा में भोजन भी मिलता है. यही कारण है कि यहां पक्षी अपने प्रजनन काल के लिए पहुंचते हैं. वहीं मुख्य वन संरक्षक अधिकारी और बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि आने वाले 1 साल बाद गीधवा राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर सकेगा. जिसके लिए तैयारी की जा रही है.
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प्रशासन के अधिकारी हुए शामिल
कार्यक्रम में दुर्ग डीएफओ धर्मशील गणवीर ने तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्रामीणों की सहभागिता के कारण ही गांव में 150 प्रजाति के पक्षी पहुंच रहे हैं. हम इस क्षेत्र को पक्षी विहार के रूप में डिवेलप करेंगे. कार्यक्रम में कलेक्टर शिव अनंत तायल, एसपी दिव्यांग पटेल, अपर कलेक्टर संजय कुमार दीवान सहित वन अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे.
जलीय और थलीय दोनों ही पक्षी शामिल
गिधवा में 150 प्रकार के पक्षियों का अनूठा संसार है. इनमें जलीय और थलीय दोनों ही प्रकार के पक्षी शामिल हैं. ईको टूरिज्म का विकास और स्थानीय रोजगार की दृष्टि से गिधवा-परसदा सबसे पसंदीदा जगह बनता जा रहा है. वन विभाग और उसकी सहयोगी संस्था फाउंडेशन नोवा नेचर वाइल्डलाइफ वेलफेयर जशपुर के जरिए ये बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया गया है.