बेमेतरा: जब से घर के चौबारे और बाग-बगीचे से पेड़-पौधे गायब हो रहे हैं. पक्षियों के वजूद पर खतरा मंडराने लगा है. लेकिन जैसे-तैसे वे बदलते हालातों के साथ अपना अस्तित्व बचा रहे हैं. बेमेतरा में पक्षी कुछ ऐसी कलाकारी कर रहे हैं, जो इंसानों को भी सोचने पर मजबूर भी कर रही है. नवागढ़ मार्ग पर पड़कीडीह-अंधियारखोर के बीच एक जर्जर पुल पर करीब साल से परिंदे खूबसूरत आशियाने बना रहे हैं.
करीब 50 वर्षों से जर्जर पुल के नीचे परिंदे अपना आशियाना बना कर रह रहे हैं. इन परिंदों की खासियत है कि, यह पुल के नीचे से कछार मिट्टी से इतना सुंदर और मजबूत घोंसला बनाते हैं जो आसानी से नहीं टूटता है. शाम के समय जब हजारों की संख्या में पुल के आस-पास मंडराते इन परिंदों की टोली जब आसमान में करतब दिखाती है, तो लोग टकटकी लगाए इनके आसमानी करतब को देखते ही रह जाते हैं.
गांव के लोग बताते हैं यह परिंदे पुल के निर्माण के समय से ही अपना बसेरा जमाए हुए हैं. नीचे में पानी और मिट्टी की सुलभता से इनका स्थान भी सुरक्षित है. ग्रामीण इनकी सुरक्षा के लिए शिकारियों को आस-पास जाने नहीं देते और न ही गांव में ऐसे शिकारियों के रात गुजारने देते हैं. ग्रामीणों की पहल से लगभग विलुप्त हो चुकी इस दुर्लभ प्रजाति के परिंदे आज इस गांव की शान बने हैं.