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बेमेतराः पोला पर्व पर मिट्टी के खिलौने से सजा बाजार - पोला त्योहार की तैयारी

छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्योहार पोला पर्व पर यहां का बाजार गुलजार हो गया है. बाजार में चारों ओर मिट्टी और लकड़ी के बने रंग बिरंगे बैल बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

बेमेतराः पोला पर्व पर मिट्टी के खिलौने से सजा बाजार
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Published : Aug 29, 2019, 9:21 PM IST

बेमेतराः छतीसगढ़ के प्रमुख पारंपरिक त्योहार पोला पर्व पर यहां के बाजार गुलजार दिखने लगे हैं. बाजार में चारों ओर मिट्टी और लकड़ी के बने रंग बिरंगे खिलौने बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

बेमेतराः पोला पर्व पर मिट्टी के खिलौने से सजा बाजार

बेमेतरा का नवीन बाजार इन दिनों मिट्टी और लकड़ी के खिलौने से भरा है. बाजार में दुकान लगाए तिलईगुडा गांव के कलाकार सुरेश कुमार निषाद ने बताया कि 3 प्रकार के लकड़ी के बैल बाजार में बिकने आये हैं.

जोर-शोर से त्योहार की तैयारी
हिंदी पंचाग के मुताबिक भादो माह के अमावस्या को पोला पर्व मनाया जाता है. इस पर्व में कृषि में सहायक बैलों की पूजा की जाती है. इस साल प्रदेश में पोला पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा. पोला त्योहार में खास व्यंजन और पकवान बनाये जाते हैं. पोला पर महिलाएं मिट्टी के बने पोला-पाटक और पारंगत खेल फुगड़ी, कब्बडी, खो-खो खेलकर अपने बचपन हो याद करती है.

बेमेतराः छतीसगढ़ के प्रमुख पारंपरिक त्योहार पोला पर्व पर यहां के बाजार गुलजार दिखने लगे हैं. बाजार में चारों ओर मिट्टी और लकड़ी के बने रंग बिरंगे खिलौने बच्चों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

बेमेतराः पोला पर्व पर मिट्टी के खिलौने से सजा बाजार

बेमेतरा का नवीन बाजार इन दिनों मिट्टी और लकड़ी के खिलौने से भरा है. बाजार में दुकान लगाए तिलईगुडा गांव के कलाकार सुरेश कुमार निषाद ने बताया कि 3 प्रकार के लकड़ी के बैल बाजार में बिकने आये हैं.

जोर-शोर से त्योहार की तैयारी
हिंदी पंचाग के मुताबिक भादो माह के अमावस्या को पोला पर्व मनाया जाता है. इस पर्व में कृषि में सहायक बैलों की पूजा की जाती है. इस साल प्रदेश में पोला पर्व शुक्रवार को मनाया जाएगा. पोला त्योहार में खास व्यंजन और पकवान बनाये जाते हैं. पोला पर महिलाएं मिट्टी के बने पोला-पाटक और पारंगत खेल फुगड़ी, कब्बडी, खो-खो खेलकर अपने बचपन हो याद करती है.

Intro:एंकर-छतीसगढ़ के गो वंश के पूजा पाठ का पोला त्यौहार समीप आते ही बाजार एक बार फिर गुलजार हुआ है और बाजार में रंग बिरंगे मिट्टी व लकड़ी के बने खिलौने बच्चो को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है ।गांव गांव के बाजारों में मिट्टी-लकड़ी के बैल और खिलौने बिकने आये है।Body:नगर के नवीन बाजार मिट्टी और लकड़ी के खिलौने से भरा है बाजार में दुकान लगाए ग्राम तिलईगुडा के कलाकार सुरेश कुमार निषादने बताया कि 3 प्रकार के लकड़ी के बैल बाजार में बिकने आये है जिसमे 40 रुपये जोड़ी से लेकर 80 रुपये जोड़ी तक के बैल है।
Conclusion:बता दे कि छतीसगढ़ के पारंपरिक त्यौहार पोला शुक्रवार को है जिसकी तैयारी जोरों पर है एवम बाजार में भीड़ देखी जा रही है खास तौर छतीसगढ़ी व्यंजनों वाला त्यौहार होने के कारण किराना कपड़ा के दुकान में भीड़ देखने को मिल रही है।वही पोला के दिन मिट्टी के बने पोला को पटक कर बहन बेटियां अपने पुराने पारंगत खेल फुगड़ी कब्बडी खो- खो खेलकर अपने बचपन हो याद करती है।
बाईट-सुरेश निषाद विक्रेता
बाईट-दिनेश कुम्हार विक्रेता
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