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Bemetara News: यह डगर नहीं आसान, बच्चों चलना संभल संभल के...यहां स्टूडेंट्स के लिए स्कूल पहुंचना किसी करतब से कम नहीं

Bemetara News बेमेतरा जिले के नवागढ़ ब्लॉक में कटई गांव है. इस गांव के बच्चों को बरसात के दिनों में स्कूल जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां स्टूडेंट्स के लिए स्कूल पहुंचना किसी करतब से कम नहीं है.

Katai village of Navagarh block of Bemetara
स्कूल पहुंचना किसी करतब से कम नहीं
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 11, 2023, 1:58 PM IST

Updated : Sep 11, 2023, 4:52 PM IST

बेमेतरा में स्कूल जाने वाले रास्ते खस्ताहाल

बेमेतरा: बेमेतरा जिला के नवागढ़ ब्लॉक के कटई गांव में स्कूल जाने वाले बच्चे परेशान हैं. दरअसल स्कूल तक पहुंचने के लिए कच्चा रास्ता है. बारिश होने पर इस रास्ते में कीचड़ हो जाता है. बमुश्किल बच्चे किसी तरह स्कूल पहुंचते हैं. मुख्य मार्ग से स्कूल तक पहुंचने के लिए सड़क बनाने की कई बार यहां मांग भी की जा चुकी है, लेकिन अबतक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

कच्ची सड़क से बरसात में बढ़ी परेशानी,स्कूल जाना मुश्किल: कटई गांव में स्कूल मुख्य सड़क से 1 किलोमीटर दूर खेत में है. यानी एक किलोमीटर तक कच्ची सड़क है. थोड़ी सी बारिश होने पर यह सड़क बहुत खतरनाक बन जाती है. बरसात में लोगों का चलना भी दूभर हो जाता है. इसी रोड से बच्चे स्कूल और किसान खेत जाते हैं.

स्कूल पहुंचना किसी करतब से कम नहीं : पक्की सड़क नहीं होने की वजह से स्कूली बच्चे और टीचर्स करीब एक किलोमीटर दूर ही अपनी साइकिल खड़ी कर देते हैं और पैदल चलकर स्कूल पहुंचते हैं. बरसात के दिनों में स्कूल पहुंचना किसी करतब से कम नहीं होता है.

''स्कूल पहुंचने में बहुत तकलीफ होती है. टीचर्स भी परेशान होते हैं. कई बार तो हम इतने लेट हो जाते हैं कि क्लास भी मिस हो जाती है. मेन रोड में ही अपनी साइकिल छोड़ देते हैं. साइकिल चोरी, साइकिल का ताला तोड़ने और टायर पंचर करने की भी शिकायतें आती रहती है.'' -हेमलता, छात्रा

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ग्रामीणों का कहना है कि खेत और स्कूल जाने का एकमात्र रास्ता है. किसानों को खेत जाने में भी कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. सड़क निर्माण नहीं होने की वजह से बरसात के दिनों में समय पर खाद और दवाई खेतों तक नहीं पहुंचा पाते हैं.

''बच्चों को बहुत परेशानी होती है. किसान भी खेत जाने के लिए परेशान होते हैं. सड़क निर्माण के लिए बोर्ड लगा है लेकिन 2 साल से कुछ नहीं हुआ है.'' -देवनाथ वर्मा, ग्रामीण

कई बार शिकायत कर चुके ग्रामीण: ग्रामीण और स्कूल प्रशासन भी कई बार सड़क बनाने के लिए शासन प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं. लेकिन अबतक कोई परिणाम नहीं निकला है. ऐसे में लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

''शाला विकास प्रबंधन समिति और सरपंच ने शासन प्रशासन को जानकारी दी है. लेकिन अब तक स्कूल पहुंचने का रास्ता नहीं बनाया गया है.'' जीवन लाल ठाकुर, प्राचार्य

वहीं बेमेतरा कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकार को मौके पर भेज कर जानकारी लेते हैं. बच्चों और लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.

''जल्दी सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा ताकि स्कूली बच्चों और आम जनता को आवागमन में दिक्कत न हो.'' -पदुम सिंह एल्मा, कलेक्टर, बेमेतरा

सुगम सड़क के तहत सिर्फ 20 मीटर बनी सड़क: दरअसल यहां मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के अंतर्गत मुख्य मार्ग से स्कूल तक रास्ता बनाने के लिए 9 लाख की राशि स्वीकृत भी हो चुकी है. लेकिन हैरत की बात तो यह है कि अबतक करीब 20 मीटर ही सड़क बन पाई है. बहरहाल अब अधिकारी ने जल्द सड़क बनवाने का भरोसा दिया है, लेकिन जबतक सड़क नहीं बन जाती तबतक बच्चों को स्कूल पहुंचने और किसानों को अपने खेत तक जाने के लिए मुसीबत झेलनी पड़ेगी.

बेमेतरा में स्कूल जाने वाले रास्ते खस्ताहाल

बेमेतरा: बेमेतरा जिला के नवागढ़ ब्लॉक के कटई गांव में स्कूल जाने वाले बच्चे परेशान हैं. दरअसल स्कूल तक पहुंचने के लिए कच्चा रास्ता है. बारिश होने पर इस रास्ते में कीचड़ हो जाता है. बमुश्किल बच्चे किसी तरह स्कूल पहुंचते हैं. मुख्य मार्ग से स्कूल तक पहुंचने के लिए सड़क बनाने की कई बार यहां मांग भी की जा चुकी है, लेकिन अबतक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.

कच्ची सड़क से बरसात में बढ़ी परेशानी,स्कूल जाना मुश्किल: कटई गांव में स्कूल मुख्य सड़क से 1 किलोमीटर दूर खेत में है. यानी एक किलोमीटर तक कच्ची सड़क है. थोड़ी सी बारिश होने पर यह सड़क बहुत खतरनाक बन जाती है. बरसात में लोगों का चलना भी दूभर हो जाता है. इसी रोड से बच्चे स्कूल और किसान खेत जाते हैं.

स्कूल पहुंचना किसी करतब से कम नहीं : पक्की सड़क नहीं होने की वजह से स्कूली बच्चे और टीचर्स करीब एक किलोमीटर दूर ही अपनी साइकिल खड़ी कर देते हैं और पैदल चलकर स्कूल पहुंचते हैं. बरसात के दिनों में स्कूल पहुंचना किसी करतब से कम नहीं होता है.

''स्कूल पहुंचने में बहुत तकलीफ होती है. टीचर्स भी परेशान होते हैं. कई बार तो हम इतने लेट हो जाते हैं कि क्लास भी मिस हो जाती है. मेन रोड में ही अपनी साइकिल छोड़ देते हैं. साइकिल चोरी, साइकिल का ताला तोड़ने और टायर पंचर करने की भी शिकायतें आती रहती है.'' -हेमलता, छात्रा

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ग्रामीणों का कहना है कि खेत और स्कूल जाने का एकमात्र रास्ता है. किसानों को खेत जाने में भी कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. सड़क निर्माण नहीं होने की वजह से बरसात के दिनों में समय पर खाद और दवाई खेतों तक नहीं पहुंचा पाते हैं.

''बच्चों को बहुत परेशानी होती है. किसान भी खेत जाने के लिए परेशान होते हैं. सड़क निर्माण के लिए बोर्ड लगा है लेकिन 2 साल से कुछ नहीं हुआ है.'' -देवनाथ वर्मा, ग्रामीण

कई बार शिकायत कर चुके ग्रामीण: ग्रामीण और स्कूल प्रशासन भी कई बार सड़क बनाने के लिए शासन प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं. लेकिन अबतक कोई परिणाम नहीं निकला है. ऐसे में लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

''शाला विकास प्रबंधन समिति और सरपंच ने शासन प्रशासन को जानकारी दी है. लेकिन अब तक स्कूल पहुंचने का रास्ता नहीं बनाया गया है.'' जीवन लाल ठाकुर, प्राचार्य

वहीं बेमेतरा कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा ने कहा है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकार को मौके पर भेज कर जानकारी लेते हैं. बच्चों और लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.

''जल्दी सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा ताकि स्कूली बच्चों और आम जनता को आवागमन में दिक्कत न हो.'' -पदुम सिंह एल्मा, कलेक्टर, बेमेतरा

सुगम सड़क के तहत सिर्फ 20 मीटर बनी सड़क: दरअसल यहां मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के अंतर्गत मुख्य मार्ग से स्कूल तक रास्ता बनाने के लिए 9 लाख की राशि स्वीकृत भी हो चुकी है. लेकिन हैरत की बात तो यह है कि अबतक करीब 20 मीटर ही सड़क बन पाई है. बहरहाल अब अधिकारी ने जल्द सड़क बनवाने का भरोसा दिया है, लेकिन जबतक सड़क नहीं बन जाती तबतक बच्चों को स्कूल पहुंचने और किसानों को अपने खेत तक जाने के लिए मुसीबत झेलनी पड़ेगी.

Last Updated : Sep 11, 2023, 4:52 PM IST
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