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बेमेतरा जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा, साजा से मंत्री चौबे तो नवागढ़ से गुरु रूद्र भी हारे - Saja Vidhansabha Chunav Result

Bemetara Chhattisgarh Vidhansabha Chunav Result 2023 बेमेतरा जिले के तीनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की है. जिले की तीनों सीटों पर कांग्रेस के साजा से रविंद्र चौबे, बेमेतरा से आशीष छाबड़ा और नवागढ़ से गुरू रूद्र कुमार चुनाव हार गए हैं. तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. BJP Clean Sweep in Bemetara District

Bemetara Chhattisgarh Vidhansabha Chunav Result
बेमेतरा जिले की विधानसभा सीटों पर भाजपा जीती
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 4, 2023, 10:52 AM IST

Updated : Dec 4, 2023, 4:46 PM IST

बेमेतरा: बेमेतरा जिला के तीनों विधानसभा साजा, बेमेतरा और नवागढ़ विधानसभा पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया है. बेमेतरा जिले की तीनों सीटों साजा से मंत्री रविंद्र चौबे को बीजेपी के ईश्वर साहू, बेमेतरा से दो बार के विधायक आशीष छाबड़ा को बीजेपी के दीपक साहू और नवागढ़ सीट से मंत्री गुरु रूद्र कुमार को दयालदास बघेल ने हराया है. इन तीनों सीटों पर भूपेश कैबिनेट के दो मंत्रियों और कांग्रेस विधायक को हार का समना करना पड़ा है.

भूपेश सरकार के मंत्री चुनाव हारे: बेमेतरा जिले के साजा से प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को ईश्वर साहू ने मात दी है. वहीं कैबिनेट मंत्री गुरु रुद्र कुमार को उनके ही चेले और पूर्व कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल ने हरा दिया है. बेमेतरा विधानसभा में युवाओं के बीच हुई टक्कर में भाजपा के दीपेश साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी आशीष छाबडा ने शिकस्त दी है. चुनाव परिणाम के बाद बेमेतरा कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी पीएस एल्मा ने तीनों विधानसभा से जीते प्रत्यशियों को जीत का प्रमाण पत्र सौंपा है.

ईश्वर ने भेदा चौबे का किला, 5 हजार मतों से दी मात: प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट मानी जानी वाली साजा विधानसभा सीट पर बेहद दिलचस्प मुकाबला हुआ. जहां प्रदेश भर के लोगो की नजर बनी हुई थी. प्रदेश के कद्दावर मंत्री रविंद्र चौबे को बिरनपुर हमले में शहीद भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू ने 5308 मतों से मात दी है. ईश्वर साहू ने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से वोट के साथ भुनेश्वर की हत्या को लेकर न्याय की अपील की थी. जिसके बाद ईश्वर साहू चौबे के गढ़ को भेदने में कामयाब रहे.

बिरनपुर हिंसा मंत्री रविंद्र चौबे पर पड़ा भारी: गौरलतब है कि साजा विधानसभा कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. जहां से रविंद्र चौबे के मां और भाई भी विधायक रह चुके हैं. चौबे की जीत की परंपरागत सीट माने जाने वाली सीट पर ईश्वर साहू ने जीत दर्ज की है. मंत्री रविन्द्र चौबे को दूसरी बार साजा की जनता ने नकारा है. इससे पहले लाभचंद बाफना ने उन्हें हाराया था. मंत्री चौबे बिरनपुर हिंसा के बाद पीड़ित भुनेश्वर साहू के घर नहीं गए, जिसे लेकर हिंदुत्व विरोधी होने का उन पर आरोप लगा. जिसके बाद लोगों ने ईश्वर को सहानुभूति के चलते जमकर वोट दिया और चुनाव जीता दिया है.

नवागढ़ में भाजपा के जीत की वजह: नवागढ़ विधानसभा सीट में संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे को टिकट नहीं देना और बाहरी प्रत्याशी अहिवारा विधायक गुरु रुद्र कुमार को टिकट देना कांग्रेस के लिए भारी पड़ गया. कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री गुरुरुद्र कुमार को 15 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गुरुदयाल सिंह बंजारे ने 33 हजार मतों से जीत दर्ज की थी. तब उन्हें संसदीय सचिव बनाया गया था. लेकिन पार्टी ने उन्हें 2023 में टिकट ही नहीं दिया और गुरु रुद्र कुमार को मैदान में उतर दिया. जिसका खामियाजा इस चुनावी नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है.

नवागढ़ से दयालदास बघेल जीते: नवागढ़ विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी दयाल दास बघेल ने जीत दर्ज की है. इससे पहले वह 2003, 2008 और 2013 में तीन बार क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं. दयालदास की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के साथ ही बेदाग छवि है. गांव-गांव में लोगों से सीधा सम्पर्क होने का उन्हें फायदा मिला है. 2018 में वे कर्जा माफी की आंधी में उड़ गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने फिर से वापसी की है.

बेमेतरा में भाजपा ने लहराया परचम: बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक आशीष छाबडा की छवि बेहतर और मिलनसार छवि है. इसके बावजूद वे चुनाव हार गए. बेमेतरा विधानसभा चुनाव में ओबीसी कार्ड हावी रहा और भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए बेमेतरा विधानसभा का सीट पर गहन मंथन कर बाद OBC प्रत्याशी और नौकरी छोड़कर भाजपा पार्टी ज्वाइन करने वाले दीपेश साहू पर दांव खेला. जिसका फायदा नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है. दिपेश साहू ने कांग्रेस के प्रत्याशी आशीष छाबडा को 9137 मतों से हराया है. जिन्हें OBC मतदाताओ का भरपूर साथ मिला है.

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस को मिली करारी हार के पीछे का कारण

बेमेतरा: बेमेतरा जिला के तीनों विधानसभा साजा, बेमेतरा और नवागढ़ विधानसभा पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया है. बेमेतरा जिले की तीनों सीटों साजा से मंत्री रविंद्र चौबे को बीजेपी के ईश्वर साहू, बेमेतरा से दो बार के विधायक आशीष छाबड़ा को बीजेपी के दीपक साहू और नवागढ़ सीट से मंत्री गुरु रूद्र कुमार को दयालदास बघेल ने हराया है. इन तीनों सीटों पर भूपेश कैबिनेट के दो मंत्रियों और कांग्रेस विधायक को हार का समना करना पड़ा है.

भूपेश सरकार के मंत्री चुनाव हारे: बेमेतरा जिले के साजा से प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को ईश्वर साहू ने मात दी है. वहीं कैबिनेट मंत्री गुरु रुद्र कुमार को उनके ही चेले और पूर्व कैबिनेट मंत्री दयाल दास बघेल ने हरा दिया है. बेमेतरा विधानसभा में युवाओं के बीच हुई टक्कर में भाजपा के दीपेश साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी आशीष छाबडा ने शिकस्त दी है. चुनाव परिणाम के बाद बेमेतरा कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी पीएस एल्मा ने तीनों विधानसभा से जीते प्रत्यशियों को जीत का प्रमाण पत्र सौंपा है.

ईश्वर ने भेदा चौबे का किला, 5 हजार मतों से दी मात: प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट मानी जानी वाली साजा विधानसभा सीट पर बेहद दिलचस्प मुकाबला हुआ. जहां प्रदेश भर के लोगो की नजर बनी हुई थी. प्रदेश के कद्दावर मंत्री रविंद्र चौबे को बिरनपुर हमले में शहीद भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू ने 5308 मतों से मात दी है. ईश्वर साहू ने चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से वोट के साथ भुनेश्वर की हत्या को लेकर न्याय की अपील की थी. जिसके बाद ईश्वर साहू चौबे के गढ़ को भेदने में कामयाब रहे.

बिरनपुर हिंसा मंत्री रविंद्र चौबे पर पड़ा भारी: गौरलतब है कि साजा विधानसभा कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है. जहां से रविंद्र चौबे के मां और भाई भी विधायक रह चुके हैं. चौबे की जीत की परंपरागत सीट माने जाने वाली सीट पर ईश्वर साहू ने जीत दर्ज की है. मंत्री रविन्द्र चौबे को दूसरी बार साजा की जनता ने नकारा है. इससे पहले लाभचंद बाफना ने उन्हें हाराया था. मंत्री चौबे बिरनपुर हिंसा के बाद पीड़ित भुनेश्वर साहू के घर नहीं गए, जिसे लेकर हिंदुत्व विरोधी होने का उन पर आरोप लगा. जिसके बाद लोगों ने ईश्वर को सहानुभूति के चलते जमकर वोट दिया और चुनाव जीता दिया है.

नवागढ़ में भाजपा के जीत की वजह: नवागढ़ विधानसभा सीट में संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे को टिकट नहीं देना और बाहरी प्रत्याशी अहिवारा विधायक गुरु रुद्र कुमार को टिकट देना कांग्रेस के लिए भारी पड़ गया. कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री गुरुरुद्र कुमार को 15 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के गुरुदयाल सिंह बंजारे ने 33 हजार मतों से जीत दर्ज की थी. तब उन्हें संसदीय सचिव बनाया गया था. लेकिन पार्टी ने उन्हें 2023 में टिकट ही नहीं दिया और गुरु रुद्र कुमार को मैदान में उतर दिया. जिसका खामियाजा इस चुनावी नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है.

नवागढ़ से दयालदास बघेल जीते: नवागढ़ विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी दयाल दास बघेल ने जीत दर्ज की है. इससे पहले वह 2003, 2008 और 2013 में तीन बार क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं. दयालदास की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के साथ ही बेदाग छवि है. गांव-गांव में लोगों से सीधा सम्पर्क होने का उन्हें फायदा मिला है. 2018 में वे कर्जा माफी की आंधी में उड़ गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने फिर से वापसी की है.

बेमेतरा में भाजपा ने लहराया परचम: बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक आशीष छाबडा की छवि बेहतर और मिलनसार छवि है. इसके बावजूद वे चुनाव हार गए. बेमेतरा विधानसभा चुनाव में ओबीसी कार्ड हावी रहा और भाजपा ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए बेमेतरा विधानसभा का सीट पर गहन मंथन कर बाद OBC प्रत्याशी और नौकरी छोड़कर भाजपा पार्टी ज्वाइन करने वाले दीपेश साहू पर दांव खेला. जिसका फायदा नतीजों में साफ दिखाई दे रहा है. दिपेश साहू ने कांग्रेस के प्रत्याशी आशीष छाबडा को 9137 मतों से हराया है. जिन्हें OBC मतदाताओ का भरपूर साथ मिला है.

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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस को मिली करारी हार के पीछे का कारण
Last Updated : Dec 4, 2023, 4:46 PM IST
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