रायपुर: नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में लाॅकडाउन है. इस दौरान जिले में महिला और बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सभी आंगनबाड़ी बंद हैं. 3 से 6 साल तक के बच्चों के समग्र विकास के लिए चकमक अभियान और सजग कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ा-लिखा रहे हैं ताकि बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, रचनात्मक, सृजनात्मक विकास हो सके.
चकमक अभियान बच्चों के लिए पूरे परिवार के साथ मिलकर हंसी-खुशी से सीखने-सिखाने का अच्छा अवसर बन गया है. इससे बच्चों को रचनात्मक तरीके से खुद को व्यक्त करने का अवसर मिला है. राज्य स्तर से मिले वीडियो में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ बच्चों को दिखाया जा रहा है. अभियान के दौरान परिवार के सदस्यों की ओर से बच्चों के साथ आनंदपूर्ण गतिविधियां कराई जा रही है.
चकमक अभियान के लिए साप्ताहिक गतिविधि कैलेंडर राज्य से प्राप्त हुआ है. कैलेंडर के अनुसार गतिविधियां कराई जा रही है. यह अभियान लाॅकडाउन की अवधि में बच्चों के लिए विशेष पहल है.
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पाठ्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक
सजग कार्यक्रम के तहत अभिभावकों के लिए विभाग से प्राप्त ऑडियो संदेश भी पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के फोन में भेजा जा रहा है. इसमें बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन होने पर सजग रहने, उनके साथ गुणवत्तापूर्वक समय बिताने, उनकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, रचनात्मक, सृजनात्मक विकास करने के लिए यह कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा हैं.
PPE किट की मांग
आगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष विद्या जैन ने कहा कि देश कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है. इस दौरान हम घर-घर जाकर ड्यूटी कर रहे हैं. महामारी से बचने हमारी कार्यकर्ता बहनों की संक्रमण की जांच होनी चाहिए, उन्होंने PPE किट की मांग भी की है.