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बेमेतरा में बढ़ा एनीमिया बीमारी का खतरा, खान-पान में लापरवाही बन रही कारण

बेमौसम के कारण इन दिनों जिला अस्पताल में एनीमिया पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी है. जांच में लगभग 42 फीसदी लोग एनीमिया से पीड़ित पाए गए हैं.

बेमेतरा में बढ़ा एनीमिया बीमारी का खतरा
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Published : Oct 26, 2019, 11:53 PM IST

बेमेतरा: मौसम में हो रहे लगातार बदलाव और खान-पान में की वजह से लोगों को बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. जिला अस्पताल में आए दिन एनीमिया पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी है. जांच में लगभग 42 फीसदी लोग एनीमिया से पीड़ित पाए गए हैं.

बेमेतरा में बढ़ा एनीमिया बीमारी का खतरा

स्वास्थ्य विभाग ने 594 गांव में शिविर लगाकर 27 हजार 686 लोगों के रक्त की जांच की. जिसमें 6775 मरीजों में खून की कमी पाई गई, जो एनीमिया के लक्षण हैं. एनीमिया का मुख्य कारण खानपान में लापरवाही बरतना है.

चिड़चिड़ापन, दस्त है लक्षण
वहीं लंबे समय से बुखार आना, बार-बार संक्रमण एवं त्वचा पर चकत्ते बनना, ये सब एनीमिया के लक्षण हैं. वहीं मरीजों में चिड़चिड़ापन आना और जीभ चिकना हो जाना. हाथ-पैरों में दर्द, सूजन और थकान दिखने लगता है.

फास्ट फूड से खतरा
CMHO डॉ. एसके शर्मा ने बताया कि खान-पान में आए बदलाव और मौसम में बदलाव के कारण लगातार खाने-पीनें में वापरवाही के कारण एनीमिया का खतरा बना रहता है. वहीं शरीर में खून की मात्रा कम हो जाती है और इस प्रकार के मरीजों में खून की कमी हो जाती है.

बेमेतरा: मौसम में हो रहे लगातार बदलाव और खान-पान में की वजह से लोगों को बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. जिला अस्पताल में आए दिन एनीमिया पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी है. जांच में लगभग 42 फीसदी लोग एनीमिया से पीड़ित पाए गए हैं.

बेमेतरा में बढ़ा एनीमिया बीमारी का खतरा

स्वास्थ्य विभाग ने 594 गांव में शिविर लगाकर 27 हजार 686 लोगों के रक्त की जांच की. जिसमें 6775 मरीजों में खून की कमी पाई गई, जो एनीमिया के लक्षण हैं. एनीमिया का मुख्य कारण खानपान में लापरवाही बरतना है.

चिड़चिड़ापन, दस्त है लक्षण
वहीं लंबे समय से बुखार आना, बार-बार संक्रमण एवं त्वचा पर चकत्ते बनना, ये सब एनीमिया के लक्षण हैं. वहीं मरीजों में चिड़चिड़ापन आना और जीभ चिकना हो जाना. हाथ-पैरों में दर्द, सूजन और थकान दिखने लगता है.

फास्ट फूड से खतरा
CMHO डॉ. एसके शर्मा ने बताया कि खान-पान में आए बदलाव और मौसम में बदलाव के कारण लगातार खाने-पीनें में वापरवाही के कारण एनीमिया का खतरा बना रहता है. वहीं शरीर में खून की मात्रा कम हो जाती है और इस प्रकार के मरीजों में खून की कमी हो जाती है.

Intro:एंकर-मौसम में हो रहे लगातार बदलाव एवं खानपान में बदलाव की वजह से लोगों को फास्ट फूड का खतरा बढ़ रहा है और जिला अस्पताल में आए पीड़ितों में एनीमिया पीड़ितों की संख्या बढ़ने लगी है बता दें जांच के बाद लगभग 42फ़ीसदी लोग एनीमिया से पीड़ित पाए गए।Body: जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 594 गांव में शिविर लगाकर 27686 लोगों के रक्त की जांच की गई जिसमें 6775 मरीजों में 7 ग्राम से लेकर 9 ग्राम तक रक्त पाया गया जो एनीमिया के लक्षण है एनीमिया का मुख्य कारण खानपान में बदलाव फास्ट फूड है।लंबे समय तक बुखार आया बार-बार संक्रमण एवं त्वचा पर चकत्ते होना एनीमिया के लक्षण हैं इनमें चिड़चिड़ापन 10 और जीप चिकनी हो जाती हैं पैरों में हाथों में दर्दनाक सूजन और थकान एवं पीलिया की भी लक्षण दिखने लगते हैंConclusion:सीएमएचओ डॉ एसके शर्मा ने बताया कि खानपान में आए बदलाव और मौसम में बदलाव के कारण लगातार फास्ट फूड का खतरा बना रहता है और यही बाद में एनीमिया का रूप धारण करता है जिसमें। शरीर में रक्त की मात्रा कम हो जाती है और इस प्रकार के मरीजों में 7 ग्राम ही रक्त रह पाता है।
बाईट-डॉ एस के शर्मा मुख्य स्वास्थ्य एवम चिकित्सा अधिकारी
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