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जिला कार्यालय में खुले-आम हो रहा वायु प्रदूषण, नहीं हो रही कोई कार्रवाई

जिला कार्यालय में प्रतिबंधित होने के बाद भी कचरा जलाया जा रहा है. शासन की और से ना तो कानूनी कार्रवाई हो रही है, ना तो जुर्माना लगाया लगाया गया है.

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Published : Oct 27, 2019, 1:56 PM IST

खुले में जलाया जा रहा कचरा

बेमेतरा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने खुले में कचरा फेंकने पर प्रतिबंध लगाया गया है. उसके बाद भी जिला कार्यालय में खुले में कचरा जलाया जा रहा है. रोजाना कर्मचारी कलेक्ट्रेट के खाली प्लांट में कचरा फेंकते हैं.

भारी मात्रा में कागज और अन्य सामग्रियां जलाई जाती हैं, लेकिन ऐसा करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई है, NGT के जानकारों के अनुसार खुले में कचरा जलाते हुए पाए जाने पर 5000 से 25000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन 2 साल में भी इस संबंध में एक बार भी कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण कर्मचारी बेखौफ होकर खुले में कचरा जला रहे हैं.

कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने मामले में संज्ञान लेते हुए कचरा नहीं जलाने के लिए विभागों को निर्देशित किया है. परिसर में संचालित विभिन्न विभागों के बीच कार्यालयों से रोजाना निकलने वाले कचरे को निपटारे के लिए सीमेंट टैंक में डालकर कचरा जलाया जा रहा है.

पढ़े: प्रदेशभर के 55 नगरीय निकायों में 199 एल्डरमैन की हुई नियुक्ति

सवाल यह खड़ा होता हैं कि कचरा जलाने पर दूसरों पर कार्रवाई करने वाले खुद ही अपने कार्यालय में कचरा जला रहे हैं और इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

बेमेतरा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने खुले में कचरा फेंकने पर प्रतिबंध लगाया गया है. उसके बाद भी जिला कार्यालय में खुले में कचरा जलाया जा रहा है. रोजाना कर्मचारी कलेक्ट्रेट के खाली प्लांट में कचरा फेंकते हैं.

भारी मात्रा में कागज और अन्य सामग्रियां जलाई जाती हैं, लेकिन ऐसा करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई है, NGT के जानकारों के अनुसार खुले में कचरा जलाते हुए पाए जाने पर 5000 से 25000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन 2 साल में भी इस संबंध में एक बार भी कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण कर्मचारी बेखौफ होकर खुले में कचरा जला रहे हैं.

कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने मामले में संज्ञान लेते हुए कचरा नहीं जलाने के लिए विभागों को निर्देशित किया है. परिसर में संचालित विभिन्न विभागों के बीच कार्यालयों से रोजाना निकलने वाले कचरे को निपटारे के लिए सीमेंट टैंक में डालकर कचरा जलाया जा रहा है.

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सवाल यह खड़ा होता हैं कि कचरा जलाने पर दूसरों पर कार्रवाई करने वाले खुद ही अपने कार्यालय में कचरा जला रहे हैं और इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

Intro:एंकर- जिला कार्यालय में प्रतिबंधित होने के बाद भी कचरा जलाया जा रहा है परिसर में संचालित विभिन्न विभागों के बीच कार्यालयों से रोजाना निकलने वाले कचरे को निपटारे के लिए लगाया था सीमेंट टैंक में डालकर जलाया जा रहा है अभी से यह सवाल खड़े होते हैं कि कचरा जलाने पर दूसरों पर कार्यवाही करने वाले खुद ही अपने कार्यालय में कचरे जला रहे हैं और इन्हें रोका भी नहीं जा रहा हैBody:नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी ने खुले में कचरा जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है इसके बाद भी जिला कार्यालय में खुले में कचरा जलाया जाता है कर्मचारी कलेक्ट्रेट के खाली प्लांट में रोज कचरा फेंकते हैं उसके बाद जला दिया जाता है सप्ताह भर में भारी मात्रा में कागज एवं अन्य सामग्रियां जलाई जाती है लेकिन आज तक जलाने वालों पर कार्यवाही नहीं हुई हैConclusion:एनजीटी के जानकारों के अनुसार खुले में कचरा जलाते हुए पाए जाने पर 5000 से 25000 तक का जुर्माना लगाया जाता है लेकिन जिले में 2 साल में इस संबंध में एक भी कार्यवाही नहीं की गई है जिसके कारण कर्मचारी बेखौफ होकर खुले में कचरा जला रहे है। मामले में सीखा राजपुत तिवारी ने मामला संज्ञान में आया है कचरा नही जलाने विभागों को निर्देशित किया जाएगा।
बाईट-सिखाराजपुत तिवारी कलेक्टर बेमेतरा
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