बेमेतरा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने खुले में कचरा फेंकने पर प्रतिबंध लगाया गया है. उसके बाद भी जिला कार्यालय में खुले में कचरा जलाया जा रहा है. रोजाना कर्मचारी कलेक्ट्रेट के खाली प्लांट में कचरा फेंकते हैं.
भारी मात्रा में कागज और अन्य सामग्रियां जलाई जाती हैं, लेकिन ऐसा करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई है, NGT के जानकारों के अनुसार खुले में कचरा जलाते हुए पाए जाने पर 5000 से 25000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाता है, लेकिन 2 साल में भी इस संबंध में एक बार भी कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण कर्मचारी बेखौफ होकर खुले में कचरा जला रहे हैं.
कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने मामले में संज्ञान लेते हुए कचरा नहीं जलाने के लिए विभागों को निर्देशित किया है. परिसर में संचालित विभिन्न विभागों के बीच कार्यालयों से रोजाना निकलने वाले कचरे को निपटारे के लिए सीमेंट टैंक में डालकर कचरा जलाया जा रहा है.
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सवाल यह खड़ा होता हैं कि कचरा जलाने पर दूसरों पर कार्रवाई करने वाले खुद ही अपने कार्यालय में कचरा जला रहे हैं और इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.