बेमेतरा: कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए जिले में लाॅकडाउन प्रभावशील है. राज्य के बाहर से आए हुए लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है, लेकिन कई लोग क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा किए ही बाहर निकल रहे हैं. इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई है.
कलेक्टर शिव अनंत तायल ने एक आदेश जारी किया है. आदेश के तहत जिन लोगों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा गया है, अगर वे क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा किए बिना नियमों का उल्लंघन करते हुए बाहर निकल जाते हैं, तो उन्हें 6 महीने की सजा हो सकती है और एक हजार रुपए का जुर्माना या दोनों दंड एक साथ दिए जा सकते हैं.
होम क्वॉरेंटाइन के उल्लंघन पर कार्रवाई
जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत 1 साल का कारावास और जुर्माने की सजा मिलेगी. यदि ऐसे काम में उस व्यक्ति का परिवार सहयोग करता है, तो परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
श्रमिकों के खिलाफ FIR दर्ज
प्रदेश के कुछ जिलों में क्वॉरेंटाइन सेन्टर से श्रमिकों के भाग जाने की घटनाएं सामने आई हैं. ऐसे मजदूरों पर FIR दर्ज की गई है.
क्वॉरेंटाइन के बाद होम आइसोलेशन
बता दें कि कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के मद्देनजर दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी कर लेने के बाद भी होम आइसोलेट कराया जा रहा है, ताकि संक्रमण से लोग सुरक्षित रह सकें.
कलेक्टर ने दिए निर्देश
जिले के कई क्वॉरेंटाइन सेंटर से मजदूरों के बाहर निकलने संबंधी शिकायतें आई हैं. जिसके मद्देनजर कलेक्टर ने अब कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.