जगदलपुर : बस्तर जिले के चपका ग्राम में प्रस्तावित स्टील प्लांट के विरोध में लगातार ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं. दरसअल ग्रामीणों का आरोप है कि आदिवासियों की उपजाऊ जमीन को छीनकर राज्य सरकार पूंजीपतियों को यह जमीन देने की कोशिश कर रही है. हाल ही में इसके विरोध में आए आदिवासियों पर प्रशासन ने फर्जी एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार करने की कोशिश भी की थी. जिसके विरोध में एक बार फिर बड़ी संख्या में ग्रामीणों, सर्व आदिवासी समाज और भाजपा के नेताओं ने नेशनल हाईवे 30 पर महारैली निकाली. FIR निरस्त करने की मांग लेकर राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा.
भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि एक तरफ सरकार टाटा की जमीन वापस कराने का ढिंढोरा पूरे देश में पीट रही है. वहीं दूसरी तरफ बस्तर जैसे वनवासी क्षेत्रों में वनवासियों की उपजाऊ जमीन को छीनकर बड़े-बड़े पूंजीपतियों को बेचने का काम कर रही हैं. केदार कश्यप ने कहा की सरकार को ऐसी कौन सी मजबूरी हुई की धारा 144 और लॉकडाउन की स्थिति में प्रभावशील होने के बावजूद 12 गांव के आदिवासियों को जनसुनवाई में बुलाकर ग्रामीणों के खिलाफ फर्जी FIR कराया गया.
सरकार की दमनकारी नीतियों और प्लांट के विरोध में पूरे बस्तरवासी एकजुट होकर सड़क में धरना देने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही है. इधर चपका गांव के सरपंच समेत विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए सभी लोगो ने एक स्वर में प्लांट व फर्जी FIR का विरोध किया और निरस्त करने की मांग की.
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महारैली निकालने से पहले आदिवासी समाज और भाजपा के नेताओं ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ जनसभा की. जिसके बाद चपका ग्राम से पैदल 10 किलोमीटर तक चलकर बस्तर पहुंचे. एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और आदिवासियों पर दर्ज एफआईआर को जल्द से जल्द निरस्त करने की मांग की. इसके साथ ही अपनी उपजाऊ जमीन को स्टील प्लांट के लिए नहीं देने की बात कहीं और एफआईआर निरस्त नहीं होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.