जगदलपुर: देश के हर घरों में रसोई तक गैस पहुंचाने के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार (Central Government) की योजना महंगाई की भेंट चढ़ती दिख रही है. लगातार गैस के बढ़ते दामों की वजह से केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) बस्तर में दम तोड़ती नजर आ रही है. आलम यह है कि बस्तर जिले में केवल 18 फीसदी ही उज्जवला योजना के हितग्राही रिफिलिंग करवा रहे हैं. बस्तर में शहरी और ग्रामीण अंचलों में LPG की कीमतें लगभग दोगुनी हो जाने से उज्ज्वला कनेक्शन धारक सिलेंडर रिफिल नहीं करवा पा रहे है. ऐसे में महिलाओं को बेहतर ईंधन उपलब्ध कराने का सपना अधूरा रह गया है. ग्रामीण क्षेत्र में गरीब परिवार चूल्हे पर उपले और लकड़ी के सहारे ही भोजन बनाने को मजबूर हैं.
महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी
महिलाओं का कहना है कि देश में बढ़ रही महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है. खास करके महिलाओं को इस बढ़ती महंगाई के वजह से आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है. घरेलू गैस के रिफलिंग के दामों में भी दोगुनी बढ़ोतरी कर दी गई है. लिहाजा दूसरी बार इस रिफलिंग करने के लिए सोचना पड़ रहा है। शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी काफी बुरा हाल है ,अधिकतर ग्रामीण रिफलिंग करने के लिए पैसे के अभाव में अपने सिलेंडर तक बेच दे रहे हैं और फिर से आदिकाल की तरह चूल्हे में खाना पकाने को मजबूर हो रहे हैं.
सरकार लगाए महंगाई पर लगाम
महिलाओं का कहना है कि सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द बढ़ती गैस की कीमतों पर लगाम लगाएं और रिफलिंग के कीमत को कम कर आम जनता को राहत दे. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि सरकार ने नि:शुल्क गैस चूल्हा और सिलेंडर तो दे दिया लेकिन गैस के दाम बहुत ज्यादा बढ़ा दिए हैं. ऐसे में गरीब परिवार गैस सिलेंडर भरवाने की सोच भी नहीं सकते हैं और इस वजह से उन्हें मजबूरन धुंए के बीच लकड़ी में खाना पकाने को मजबूर होना पड़ रहा है. इधर सरकार फिर 2.0 के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन बांट रहे है, जबकि वास्तविकता में गैस के दाम को कम करना चाहिए ताकि इसका फायदा सभी गरीब लोगों को मिल सके.
जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने क्या कहा
जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव का कहना है कि साल 2021 में इस योजना के तहत एक भी हितग्राहियों को उज्जवला योजना का लाभ नहीं दिया गया है. जिस तरह से लगातार गैस सिलेंडर के दाम में वृद्धि हो रही है ऐसे में ज्यादा आवेदन भी उनके पास नहीं आ रहे हैं. हालांकि कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा सिलेंडर ग्रामीणों तक पहुंचे, इसके लिए जागरूक किया जा रहा है लेकिन फिलहाल साल 2021 में एक भी आवेदन या एक भी हितग्राही उज्जवला योजना का लाभ लेने नहीं आया है.