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Goncha Festival In Bastar: बस्तर में गोंचा पर्व के लिए चंदन जात्रा रस्म शुरू, बनाई जा रही दो मंजिला रथ

20 जून से 29 जून तक बस्तर में जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर मनाए जाने वाले ऐतिहासिक गोंचा पर्व की शुरुआत हो चुकी है. 25 फीट ऊंची विशालकाय 2 मंजिला रथ का निर्माण कार्य 'चंदन जात्रा रस्म' के साथ शुरू हुआ. यह रथ 19 जून तक बना ली जाएगी. 20 जून को रथ से परिक्रमा शुरू की जाएगी. Preparation For Goncha Festival

Jagdalpur Goncha parv
बस्तर का गोंचा पर्व
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Published : Jun 11, 2023, 4:12 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: गोंचा पर्व की शुरुआत जगदलपुर में हो चुकी है. इस पर्व के लिए जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर विशालकाय रथ का निर्माण जगदलपुर के सिरहासार में किया जा रहा है. जिसे ग्रामीण कारीगर बना रहे हैं. इस पर्व को मनाने के लिए 360 घर के आरण्यक ब्राह्मण जुटे हैं. इसके साथ ही टेंपल कमेटी के सदस्य भी इस पर्व को सफल बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. इस बार गोंचा पर्व में सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हो सकते हैं.



गोंचा पर्व का है ऐतिहासिक महत्व: दरअसल, गोंचा पर्व बस्तर का दूसरा सबसे बड़ा पर्व है. इसकी कहानी रियासत काल से जुड़ी हुई है. करीब 600 सालों से यह परम्परा निरंतर चली आ रही है. सन 1408 में बस्तर के महाराजा पुरुषोत्तम देव भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने जगन्नाथव पुरी गए हुए थे. जहां उन्हें रथपति की उपाधि मिली और उन्हें 16 चक्कों की विशालकाय रथ भेंट में मिली. जिसके बाद रथ लेकर महाराजा बस्तर पहुंचे थे.

"2023 में यह पर्व धूमधाम से मनाने की तैयारी है. 4 जून को भगवान जगन्नाथ का देव स्नान हुआ. जिसके बाद उन्हें मुक्ति मंडप में रख दिया गया है. 19 तारीख को भगवान जगन्नाथ स्वस्थ हो जाएंगे. उस दिन नेत्र उत्सव का कार्यक्रम रखा जाएगा. 20 जून को नवनिर्मित रथ में भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र को रथारूढ़ करके जगन्नाथ मंदिर से जनकपुरी सिरहासार तक रथ परिक्रमा करवाया जाएगा." - वनमाली प्रसाद पाणिग्राही, सदस्य, मंदिर कमेटी

"रथ का निर्माण बेड़ाउमरगांव और झाड़उमर के लोगों द्वारा किया जाता है. आने वाले 10 दिन के भीतर रथ निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. वर्तमान में रथ के 4 पहियों का निर्माण हो चुका है." - हरदेवराम यादव, रथ कारीगर

यादव परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी कर रहा रथ का निर्माण: रथ कारीगर हरदेवराम यादव के परिवार की कई पीढ़िया रथ निर्माण का काम करती आ रही है. इस बार भी इस परिवार के लोग रथ निर्माण के कार्य में जुटे हैं. कारीगर पिछले 20-21 वर्षों से रथ निर्माण का कार्य कर रहे हैं. 19 तारीख तक 2 मंजिला विशालकाय रथ पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा. जिसके बाद गोंचा पर्व के दौरान शहर में रथ की परिक्रमा कराई जाएगी.

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बस्तर की वर्षों पुरानी परंपरा और रीति-रिवाजों को देखने के लिए हर साल देश भर के अलावा विदेशों से भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं. सभी मेहमान बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व और गोंचा पर्व को करीब से देखते हैं. साथ ही अपना अनुभव पूरी दुनिया के साथ साझा करते हैं.

जगदलपुर: गोंचा पर्व की शुरुआत जगदलपुर में हो चुकी है. इस पर्व के लिए जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर विशालकाय रथ का निर्माण जगदलपुर के सिरहासार में किया जा रहा है. जिसे ग्रामीण कारीगर बना रहे हैं. इस पर्व को मनाने के लिए 360 घर के आरण्यक ब्राह्मण जुटे हैं. इसके साथ ही टेंपल कमेटी के सदस्य भी इस पर्व को सफल बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं. इस बार गोंचा पर्व में सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हो सकते हैं.



गोंचा पर्व का है ऐतिहासिक महत्व: दरअसल, गोंचा पर्व बस्तर का दूसरा सबसे बड़ा पर्व है. इसकी कहानी रियासत काल से जुड़ी हुई है. करीब 600 सालों से यह परम्परा निरंतर चली आ रही है. सन 1408 में बस्तर के महाराजा पुरुषोत्तम देव भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने जगन्नाथव पुरी गए हुए थे. जहां उन्हें रथपति की उपाधि मिली और उन्हें 16 चक्कों की विशालकाय रथ भेंट में मिली. जिसके बाद रथ लेकर महाराजा बस्तर पहुंचे थे.

"2023 में यह पर्व धूमधाम से मनाने की तैयारी है. 4 जून को भगवान जगन्नाथ का देव स्नान हुआ. जिसके बाद उन्हें मुक्ति मंडप में रख दिया गया है. 19 तारीख को भगवान जगन्नाथ स्वस्थ हो जाएंगे. उस दिन नेत्र उत्सव का कार्यक्रम रखा जाएगा. 20 जून को नवनिर्मित रथ में भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र को रथारूढ़ करके जगन्नाथ मंदिर से जनकपुरी सिरहासार तक रथ परिक्रमा करवाया जाएगा." - वनमाली प्रसाद पाणिग्राही, सदस्य, मंदिर कमेटी

"रथ का निर्माण बेड़ाउमरगांव और झाड़उमर के लोगों द्वारा किया जाता है. आने वाले 10 दिन के भीतर रथ निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. वर्तमान में रथ के 4 पहियों का निर्माण हो चुका है." - हरदेवराम यादव, रथ कारीगर

यादव परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी कर रहा रथ का निर्माण: रथ कारीगर हरदेवराम यादव के परिवार की कई पीढ़िया रथ निर्माण का काम करती आ रही है. इस बार भी इस परिवार के लोग रथ निर्माण के कार्य में जुटे हैं. कारीगर पिछले 20-21 वर्षों से रथ निर्माण का कार्य कर रहे हैं. 19 तारीख तक 2 मंजिला विशालकाय रथ पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा. जिसके बाद गोंचा पर्व के दौरान शहर में रथ की परिक्रमा कराई जाएगी.

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बस्तर की वर्षों पुरानी परंपरा और रीति-रिवाजों को देखने के लिए हर साल देश भर के अलावा विदेशों से भी पर्यटक यहां पहुंचते हैं. सभी मेहमान बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरा पर्व और गोंचा पर्व को करीब से देखते हैं. साथ ही अपना अनुभव पूरी दुनिया के साथ साझा करते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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