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बस्तर में लगातार कम हो रही है कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या - बस्तर में कोरोना मरीजों की संख्या

अक्टूबर महीने में प्रतिदिन 600 संदिग्धों का कोरोना जांच किया जा रहा था, वहीं बीते 1 सप्ताह में प्रतिदिन महज 250 से 300 संदिग्धों की ही जांच हो रही है. जांच में आई कमी का मुख्य कारण संदिग्धों का अस्पताल तक न पहुंचना भी माना जा रहा है.

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कम हो रही है कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या
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Published : Nov 4, 2020, 8:54 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है. बस्तर में संक्रमितों में आई कमी का कारण टेस्टिंग की संख्या में हुई गिरावट को बताया जा रहा है. बीते 1 सप्ताह में औसतन प्रतिदिन 40 से 50 मरीज मिल रहे हैं. जबकि पहले का आंकड़ा देखें तो प्रतिदिन 100 से अधिक मरीज बस्तर में मिल रहे थे. अचानक संक्रमित मरीजों की संख्या कम होने का कारण ऐसा माना जा रहा है कि संदिग्ध कोरोना संक्रमितों की टेस्टिंग में कमी दर्ज की गई है.

कोरोना जांच में आई कमी

अक्टूबर महीने में प्रतिदिन 600 संदिग्धों का कोरोना जांच किया जा रहा था, वहीं बीते 1 सप्ताह में प्रतिदिन महज 250 से 300 संदिग्धों की ही जांच हो रही है. जांच में आई कमी का मुख्य कारण संदिग्धों का अस्पताल तक न पहुंचना भी माना जा रहा है. वहीं प्रशासन ने भी अब रणनीति बदलते हुए भीड़भाड़ वाले इलाकों में कैंप लगाकर कोरोना संक्रमण की जांच शुरू कर दी है.

पढ़ें-जगदलपुर: कोरोना से बचाव के लिए युवा कर रहे लोगों को जागरूक, तख्तियां लेकर पहुंचे चौक

हर वार्ड में कैंप लगाकर जांच

जगदलपुर में स्थित बैंकों में बीते 2 दिन में कैंप लगाए गए. जहां एक कैशियर और दो किसान संक्रमित मिले थे. इसके अलावा लोहण्डीगुड़ा के ग्रामीण इलाके में स्थित बैंक में एक दिन में तीन व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. बस्तर में जिस तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या घट रही है उसकी मुख्य वजह टेस्टिंग में आई गिरावट को ही माना जा सकता है. इधर, जिला प्रशासन के अधिकारियों का दावा है कि शहर के हर एक वार्ड में कैंप लगाकर आगामी दिनों में कोरोना की जांच की जाएगी.

जगदलपुर: बस्तर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है. बस्तर में संक्रमितों में आई कमी का कारण टेस्टिंग की संख्या में हुई गिरावट को बताया जा रहा है. बीते 1 सप्ताह में औसतन प्रतिदिन 40 से 50 मरीज मिल रहे हैं. जबकि पहले का आंकड़ा देखें तो प्रतिदिन 100 से अधिक मरीज बस्तर में मिल रहे थे. अचानक संक्रमित मरीजों की संख्या कम होने का कारण ऐसा माना जा रहा है कि संदिग्ध कोरोना संक्रमितों की टेस्टिंग में कमी दर्ज की गई है.

कोरोना जांच में आई कमी

अक्टूबर महीने में प्रतिदिन 600 संदिग्धों का कोरोना जांच किया जा रहा था, वहीं बीते 1 सप्ताह में प्रतिदिन महज 250 से 300 संदिग्धों की ही जांच हो रही है. जांच में आई कमी का मुख्य कारण संदिग्धों का अस्पताल तक न पहुंचना भी माना जा रहा है. वहीं प्रशासन ने भी अब रणनीति बदलते हुए भीड़भाड़ वाले इलाकों में कैंप लगाकर कोरोना संक्रमण की जांच शुरू कर दी है.

पढ़ें-जगदलपुर: कोरोना से बचाव के लिए युवा कर रहे लोगों को जागरूक, तख्तियां लेकर पहुंचे चौक

हर वार्ड में कैंप लगाकर जांच

जगदलपुर में स्थित बैंकों में बीते 2 दिन में कैंप लगाए गए. जहां एक कैशियर और दो किसान संक्रमित मिले थे. इसके अलावा लोहण्डीगुड़ा के ग्रामीण इलाके में स्थित बैंक में एक दिन में तीन व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. बस्तर में जिस तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या घट रही है उसकी मुख्य वजह टेस्टिंग में आई गिरावट को ही माना जा सकता है. इधर, जिला प्रशासन के अधिकारियों का दावा है कि शहर के हर एक वार्ड में कैंप लगाकर आगामी दिनों में कोरोना की जांच की जाएगी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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