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तैनात जवानों के लिए घातक साबित हो रहा है नक्सलियों का अत्याधुनिक हथियार- IG - Naxalite state-of-the-art weapons

बस्तर आईजी ने बस्तर संभाग के अलग-अलग इलाकों में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ों में नक्सलियों के द्वारा अत्याधुनिक हथियारों से हमले करने की पुष्टि की है.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी
Naxalites attack soldiers
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Published : Aug 25, 2021, 9:35 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में नक्सली अत्याधुनिक हथियार के जरिए अपने संगठन को और मजबूत करने में जुट हैं. पिछले 2 सालों में बस्तर संभाग के अलग-अलग इलाकों में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ों में नक्सलियों के द्वारा अत्याधुनिक हथियारों से पुलिस के जवानों पर हमले करने की पुष्टि बस्तर आईजी ने की है. इसमें सबसे अत्याधुनिक हथियार BGL का नक्सलियों ने इस्तेमाल किया है.

दरसअल नक्सलियों द्वारा पुलिस पर हमला के लिए सबसे घातक हथियार IED और देसी रॉकेट लांचर होता है. वहीं अब पुलिस के जवानों से ही कई मुठभेड़ों में लूटे गए BGL से ही अब पुलिस कैंपों और बड़ी मुठभेड़ों में नक्सली जवानों पर हमला कर रहे हैं. इससे पुलिस फोर्स को काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी

वहीं अब बस्तर पुलिस नक्सलियों के पास पहुंचे इस अत्याधुनिक हथियार का तोड़ निकालने में जुट गई है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी देते हुए बताया कि दरअसल नक्सलियों के संगठन में निचले कैडरों को मुठभेड़ों के दौरान 12 बोर की बंदूक दी जाती है और संगठन में पद के अनुसार उन्हें आधुनिक हथियार दिया जाता है.

नक्सलियों के शहीदी सप्ताह में बस्तर पुलिस को मिल रही सफलता

वहीं 3 साल पहले माओवाद प्रभावित राज्यों में पुलिस फोर्स ने सुरक्षा मजबूत करने के लिए बीजीएल तकनीक अपनाई थी. यह अत्याधुनिक हथियार सीआरपीएफ के जवानों के साथ ही जिला पुलिस बल DRG के जवानों को भी दी गई. कई बड़ी नक्सली मुठभेड़ में इस अत्याधुनिक हथियार से नक्सलियों को नुकसान भी हुआ. लेकिन दुर्भाग्यवश कई मुठभेड़ों में नक्सलियों द्वारा एंबुश लगाकर जवानों पर हमला करने से कई जवान शहीद हुए और नक्सलियों ने इनके पास से BGL, एके-47, एसएलआर जैसे अत्याधुनिक हथियार लूट लिए और अब नक्सली इन्ही हथियारों से पुलिस जवानों और अंदरूनी क्षेत्र में स्थित पुलिस कैंपों पर हमला कर रहे हैं. नक्सली खासकर फोर्स से ही लूटे गए बीजीएल से घातक हथियार बनाने की तैयारी में जुट गए हैं.

आईजी के मुताबिक कि हाल ही में नारायणपुर में हुए नक्सलियों ने देसी रॉकेट लॉन्चर के साथ बड़ी संख्या में BGL से कैंप पर हमला किया था. हालांकि इनमें से कई बम विस्फोट नहीं हो पाए लेकिन वही कुछ बीजीएल से बम दागने से जवानों को और कैम्प को नुकसान भी हुआ. आईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि BGL की मारक क्षमता 200 मीटर तक की रहती है और इससे दूर से धमाका करना आसान है. जिस जगह विस्फोट होता है वहां 20 से 25 मीटर तक बच पाना मुश्किल है.

आईजी का कहना है कि नक्सलियों के पास मौजूद बीजीएल फोर्स से ही लूटे गए हथियार हैं यह हथियार फोर्स के लिए काफी घातक सिद्ध हो रहा है. नक्सल बेल्ट के घने जंगलों में बीजीएल बनाने के कारखाने तक बनाए जाने की सूचना पुलिस की खुफिया विभाग को मिली है.
वहीं आईजी का भी मानना है कि नक्सली बीजीएल तैयार कर लगातार फोर्स के लिए परेशानी बढ़ा रहे हैं. यही कारण है कि बीते कुछ महीनों में बीजीएल से धमाका कर नक्सलियों ने फोर्स की नींद उड़ा दी है.

हालांकि आईजी का कहना है कि बीजीएल का तोड़ निकालने में पुलिस पूरी तरह से जुटी हुई है. इसके लिए खुफिया विभाग भी अपने तरीके से काम कर रही है. इसके अलावा पुलिस काउंटर प्लानिंग बनाकर बीजीएल तैयार करने के लिए मैटेरियल सप्लाई की चेन तोड़ने में लगी हुई है और कोशिश की जा रही है.

काउंटर स्ट्रेटजी के तहत नक्सलियों तक अत्याधुनिक हथियार नहीं पहुंचे और ना ही उन्हें इन हथियारों को तैयार करने के लिए मैटेरियल पहुंचे इस पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही आने वाले दिनों में पुलिस द्वारा बनाये जा रहे काउंटर प्लान से इसका तोड़ निकालने में पुलिस कक सफलता भी मिल सकती है.

जगदलपुर: बस्तर में नक्सली अत्याधुनिक हथियार के जरिए अपने संगठन को और मजबूत करने में जुट हैं. पिछले 2 सालों में बस्तर संभाग के अलग-अलग इलाकों में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ों में नक्सलियों के द्वारा अत्याधुनिक हथियारों से पुलिस के जवानों पर हमले करने की पुष्टि बस्तर आईजी ने की है. इसमें सबसे अत्याधुनिक हथियार BGL का नक्सलियों ने इस्तेमाल किया है.

दरसअल नक्सलियों द्वारा पुलिस पर हमला के लिए सबसे घातक हथियार IED और देसी रॉकेट लांचर होता है. वहीं अब पुलिस के जवानों से ही कई मुठभेड़ों में लूटे गए BGL से ही अब पुलिस कैंपों और बड़ी मुठभेड़ों में नक्सली जवानों पर हमला कर रहे हैं. इससे पुलिस फोर्स को काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है.

बस्तर आईजी सुंदरराज पी

वहीं अब बस्तर पुलिस नक्सलियों के पास पहुंचे इस अत्याधुनिक हथियार का तोड़ निकालने में जुट गई है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी देते हुए बताया कि दरअसल नक्सलियों के संगठन में निचले कैडरों को मुठभेड़ों के दौरान 12 बोर की बंदूक दी जाती है और संगठन में पद के अनुसार उन्हें आधुनिक हथियार दिया जाता है.

नक्सलियों के शहीदी सप्ताह में बस्तर पुलिस को मिल रही सफलता

वहीं 3 साल पहले माओवाद प्रभावित राज्यों में पुलिस फोर्स ने सुरक्षा मजबूत करने के लिए बीजीएल तकनीक अपनाई थी. यह अत्याधुनिक हथियार सीआरपीएफ के जवानों के साथ ही जिला पुलिस बल DRG के जवानों को भी दी गई. कई बड़ी नक्सली मुठभेड़ में इस अत्याधुनिक हथियार से नक्सलियों को नुकसान भी हुआ. लेकिन दुर्भाग्यवश कई मुठभेड़ों में नक्सलियों द्वारा एंबुश लगाकर जवानों पर हमला करने से कई जवान शहीद हुए और नक्सलियों ने इनके पास से BGL, एके-47, एसएलआर जैसे अत्याधुनिक हथियार लूट लिए और अब नक्सली इन्ही हथियारों से पुलिस जवानों और अंदरूनी क्षेत्र में स्थित पुलिस कैंपों पर हमला कर रहे हैं. नक्सली खासकर फोर्स से ही लूटे गए बीजीएल से घातक हथियार बनाने की तैयारी में जुट गए हैं.

आईजी के मुताबिक कि हाल ही में नारायणपुर में हुए नक्सलियों ने देसी रॉकेट लॉन्चर के साथ बड़ी संख्या में BGL से कैंप पर हमला किया था. हालांकि इनमें से कई बम विस्फोट नहीं हो पाए लेकिन वही कुछ बीजीएल से बम दागने से जवानों को और कैम्प को नुकसान भी हुआ. आईजी ने जानकारी देते हुए बताया कि BGL की मारक क्षमता 200 मीटर तक की रहती है और इससे दूर से धमाका करना आसान है. जिस जगह विस्फोट होता है वहां 20 से 25 मीटर तक बच पाना मुश्किल है.

आईजी का कहना है कि नक्सलियों के पास मौजूद बीजीएल फोर्स से ही लूटे गए हथियार हैं यह हथियार फोर्स के लिए काफी घातक सिद्ध हो रहा है. नक्सल बेल्ट के घने जंगलों में बीजीएल बनाने के कारखाने तक बनाए जाने की सूचना पुलिस की खुफिया विभाग को मिली है.
वहीं आईजी का भी मानना है कि नक्सली बीजीएल तैयार कर लगातार फोर्स के लिए परेशानी बढ़ा रहे हैं. यही कारण है कि बीते कुछ महीनों में बीजीएल से धमाका कर नक्सलियों ने फोर्स की नींद उड़ा दी है.

हालांकि आईजी का कहना है कि बीजीएल का तोड़ निकालने में पुलिस पूरी तरह से जुटी हुई है. इसके लिए खुफिया विभाग भी अपने तरीके से काम कर रही है. इसके अलावा पुलिस काउंटर प्लानिंग बनाकर बीजीएल तैयार करने के लिए मैटेरियल सप्लाई की चेन तोड़ने में लगी हुई है और कोशिश की जा रही है.

काउंटर स्ट्रेटजी के तहत नक्सलियों तक अत्याधुनिक हथियार नहीं पहुंचे और ना ही उन्हें इन हथियारों को तैयार करने के लिए मैटेरियल पहुंचे इस पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. इसके साथ ही आने वाले दिनों में पुलिस द्वारा बनाये जा रहे काउंटर प्लान से इसका तोड़ निकालने में पुलिस कक सफलता भी मिल सकती है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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