जगदलपुर: शहर के आदेश्वर एकेडमी स्कूल में 2 साल पहले हुई 9वीं कक्षा के छात्र की हत्या की गुत्थी नहीं सुलझ सकी है. इस मामले में कोतवाली पुलिस मुख्य आरोपी गिरफ्तार नहीं कर सकी है. पिछले 2 सालों से न्याय के लिए भटक रही छात्र की मां ने अगले 15 दिनों के अंदर हत्या के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है.
छात्र की मां ने स्कूल प्रबंधन, हॉस्टल के वार्डन और एक शिक्षक पर उनके बेटे की हत्या का आरोप लगाया है. कोतवाली पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के जुर्म में शिक्षक और हॉस्टल वार्डन के खिलाफ मामला दर्ज किया है. बावजूद इसके आज इस मामले को 2 साल बीतने के बावजूद, पुलिस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. साथ ही अब तक स्कूल प्रबंधन पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इस बात से हताश हो चुकी मृतक छात्र की मां ने 15 दिन के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है.
छात्र की मां शांताराव ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि 25 जुलाई सन 2019 को उन्हें स्कूल से फोन आया था कि उनके बेटे ने हॉस्टल के ऊपर वाले मंजिल में फांसी लगा ली है. छात्र की मां ने बताया कि उनका बेटा 13 साल का था और 9वीं कक्षा का छात्र था. जिस मंजिल में आत्महत्या किए जाने की बात स्कूल प्रबंधन ने बताई थी. उस माले की सीलिंग की हाइट काफी ऊंची थी. ऐसे में उनके बच्चे ने कोई आत्महत्या नहीं की. उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले ही उनके अपने बच्चे से मुलाकात हुई थी और छात्र ने सब कुछ ठीक-ठाक होने की बात कही थी और पढ़ाई में भी उनका बेटा अव्वल था.
साथ ही सभी दोस्तों के साथ खुश था, ऐसे में उन्होंने आत्महत्या की बात को सिरे से नकारते हुए स्कूल प्रबंधन और हॉस्टल की वार्डन और शिक्षक पर हत्या का आरोप लगाया है. छात्र की मां शांताराव ने कहा कि स्कूल के अन्य बच्चों से पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि हॉस्टल की वार्डन रिता मानिक और शिक्षक राजेश सिंह के द्वारा उनके बेटे से मारपीट की जाती थी. नोट्स कंपलीट नहीं किए जाने के नाम पर काफी ज्यादा मानसिक रूप से उनके बेटे को प्रताड़ित किया जाता था और उन लोगों ने ही उनकी बेटे की हत्या की है.
छात्र की मां ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने प्रारंभिक जांच में आत्महत्या करार देते हुए फाइल बंद कर दी. लेकिन उनके बेटे के दोस्तों ने उन्हें पत्र लिखकर बताया कि उनके बेटे की हत्या की गई है और उसे काफी मानसिक रूप से हॉस्टल वार्डन और शिक्षक के द्वारा प्रताड़ित किया जाता था. इधर बच्चों के बयान के बाद कोतवाली पुलिस ने साल 2020 में हॉस्टल के वार्डन रिता मानिक और शिक्षक राजेश सिंह पर धारा 306 के तहत एफआईआर दर्ज किया और इस मामले के एक आरोपी राजेश सिंह को गिरफ्तार किया गया. लेकिन वह न्यायालय से छूट गया. वही पिछले 2 साल से मुख्य आरोपी रीता मानिक के बारे में पुलिस को अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लग पाई है.
छात्र की मां ने पुलिस पर आरोप लगाया कि इस मामले को 2 साल बीतने के बावजूद भी पुलिस मुख्य आरोपी को पकड़ नहीं सकी है और थाना जाने पर उन्हें केवल आश्वासन देकर भेज दिया जाता है. जबकि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. बावजूद इसके पुलिस उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और ना ही स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोई एक्शन ले रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर वह प्रदेश के डीजीपी, बस्तर के आईजी, एसपी, कलेक्टर और यहां तक कि जनप्रतिनिधियों से भी न्याय की गुहार लगा चुकी है, लेकिन अब तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है.
लिहाजा उन्होंने सिस्टम से त्रस्त होकर आगामी 15 दिनों के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी और मैनेजमेंट पर कार्रवाई नहीं किए जाने पर कोतवाली परिसर के सामने आत्मदाह की चेतावनी दी है. इधर सीएसपी हेमसागर सिदार का कहना है कि इस मामले में कोतवाली पुलिस ने हॉस्टल के वार्डन और शिक्षक पर धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया है और एक शिक्षक की गिरफ्तारी भी हुई है और चार्ज सीट बनाकर पेश किया गया, वहीं उन्होंने कहा कि एक और आरोपी हॉस्टल वार्डन रिता मानिक की लगातार पतासाजी की जा रही है लेकिन वह पिछले 2 सालों से फरार चल रही है और उसका अब तक कुछ पता नहीं लग पाया है.
सीएसपी का कहना है कि पुलिस लगातार आरोपी की पतासाजी कर रही है और जल्द ही गिरफ्तारी भी कर ली जाएगी. वहीं स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई को लेकर सीएसपी ने किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया. शिक्षक और हॉस्टल वार्डन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस पूरी तरह से इस मामले में ढिलाई बरत रही है और घटना के 2 साल बाद भी मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.