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बीजेपी शासनकाल में सबसे ज्यादा हुए धर्मांतरण-कवासी लखमा

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Published : Aug 9, 2021, 10:38 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बीजेपी को धर्मांतरण के मुद्दे पर घेरा है. उन्होंने कहा कि बस्तर में सबसे ज्यादा धर्मांतरण बीजेपी के शासनकाल में हुआ.

Excise Minister Kawasi Lakhma
आबकारी मंत्री कवासी लखमा

जगदलपुर: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बस्तर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने धर्मांतरण पर एक बड़ा बयान दिया है. कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर में सबसे अधिक धर्मांतरण भाजपा शासनकाल में हुआ है. उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में ही बस्तर के गांव गांव में सबसे ज्यादा चर्च बने हैं. जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछले 2 सालों में सुकमा जिले में एक भी नया चर्च नहीं बना है. बल्कि राज्य सरकार गांव-गांव में बने देवगुड़ियों के जीर्णोद्धार के लिए लाखों रुपए देने के साथ ही घोटुल और नये देवगुड़ियों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता दे रही है.

बीजेपी शासनकाल में सबसे ज्यादा हुए धर्मांतरण-कवासी लखमा

कवासी लखमा ने कहा कि भाजपा के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रभारी पुंदेश्वरी भाजपा के नेताओं को मुद्दा बता रही है और वही आरएसएस का डंडा चलने के बाद अब भाजपा के नेता धर्मांतरण के विरोध का राग गा रहे हैं. लखमा ने कहा कि सबसे अधिक प्रदेश में और बस्तर मे धर्मांतरण भाजपा शासनकाल में हुआ है और आज यही भाजपा के लोग धर्मांतरण के विरोध में रैली जुलूस निकालकर ढोंग कर रहे हैं. लखमा ने कहा कि राज्य सरकार धर्मांतरण को लेकर पहले से ही गंभीर है. इस वजह से गांव-गांव के देव गुड़ियों के जीर्णोद्धार के लिए बकायदा सरकार लाखों रुपए की राशि खर्च कर रही है. साथ ही आदिवासी संस्कृति को बचाए रखने के लिए समय-समय पर उन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत प्रोत्साहित भी कर रही है.

Excise Minister Kawasi Lakhma
आबकारी मंत्री कवासी लखमा

विश्व आदिवासी दिवस पर बस्तर पहुचे मंत्री कवासी लखमा, मांदर की थाप पर जमकर झूमे

कवासी लखमा ने कहा कि भाजपा के नेता धर्मांतरण को लेकर अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. जबकि बस्तर में आदिवासी समाज धर्मांतरण को रोकने के लिए पूरी तरह से जागरूक कर बकायदा आदिवासी समाज के प्रमुखों के द्वारा समय-समय पर सभी आदिवासियों को नीति नियम और आदिवासियों की परंपरा के बारे में बताया जाता है. कवासी लखमा ने कहा कि वे खुद सुकमा के कलेक्टर से सर्वे करा चुके हैं. सुकमा जिले में इन 2 सालों में एक भी चर्च नहीं बनाया गया है जबकि भाजपा शासनकाल में सुकमा में 30 चर्च बनाए गए थे. उन्होंने कहा कि बस्तर के भोले भाले आदिवासी भाजपा के बातों में नहीं आएंगे और ना ही वे अपना धर्म छोड़ेंगे. राज्य सरकार इसके लिए गंभीर है और पिछले 2 सालों में प्रदेश में धर्मांतरण नहीं के बराबर हुआ है और जितने भी धर्मांतरण हुए हैं वह भाजपा शासनकाल में हुए हैं.

जगदलपुर: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बस्तर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने धर्मांतरण पर एक बड़ा बयान दिया है. कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर में सबसे अधिक धर्मांतरण भाजपा शासनकाल में हुआ है. उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में ही बस्तर के गांव गांव में सबसे ज्यादा चर्च बने हैं. जबकि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पिछले 2 सालों में सुकमा जिले में एक भी नया चर्च नहीं बना है. बल्कि राज्य सरकार गांव-गांव में बने देवगुड़ियों के जीर्णोद्धार के लिए लाखों रुपए देने के साथ ही घोटुल और नये देवगुड़ियों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता दे रही है.

बीजेपी शासनकाल में सबसे ज्यादा हुए धर्मांतरण-कवासी लखमा

कवासी लखमा ने कहा कि भाजपा के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है. ऐसे में छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रभारी पुंदेश्वरी भाजपा के नेताओं को मुद्दा बता रही है और वही आरएसएस का डंडा चलने के बाद अब भाजपा के नेता धर्मांतरण के विरोध का राग गा रहे हैं. लखमा ने कहा कि सबसे अधिक प्रदेश में और बस्तर मे धर्मांतरण भाजपा शासनकाल में हुआ है और आज यही भाजपा के लोग धर्मांतरण के विरोध में रैली जुलूस निकालकर ढोंग कर रहे हैं. लखमा ने कहा कि राज्य सरकार धर्मांतरण को लेकर पहले से ही गंभीर है. इस वजह से गांव-गांव के देव गुड़ियों के जीर्णोद्धार के लिए बकायदा सरकार लाखों रुपए की राशि खर्च कर रही है. साथ ही आदिवासी संस्कृति को बचाए रखने के लिए समय-समय पर उन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत प्रोत्साहित भी कर रही है.

Excise Minister Kawasi Lakhma
आबकारी मंत्री कवासी लखमा

विश्व आदिवासी दिवस पर बस्तर पहुचे मंत्री कवासी लखमा, मांदर की थाप पर जमकर झूमे

कवासी लखमा ने कहा कि भाजपा के नेता धर्मांतरण को लेकर अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं. जबकि बस्तर में आदिवासी समाज धर्मांतरण को रोकने के लिए पूरी तरह से जागरूक कर बकायदा आदिवासी समाज के प्रमुखों के द्वारा समय-समय पर सभी आदिवासियों को नीति नियम और आदिवासियों की परंपरा के बारे में बताया जाता है. कवासी लखमा ने कहा कि वे खुद सुकमा के कलेक्टर से सर्वे करा चुके हैं. सुकमा जिले में इन 2 सालों में एक भी चर्च नहीं बनाया गया है जबकि भाजपा शासनकाल में सुकमा में 30 चर्च बनाए गए थे. उन्होंने कहा कि बस्तर के भोले भाले आदिवासी भाजपा के बातों में नहीं आएंगे और ना ही वे अपना धर्म छोड़ेंगे. राज्य सरकार इसके लिए गंभीर है और पिछले 2 सालों में प्रदेश में धर्मांतरण नहीं के बराबर हुआ है और जितने भी धर्मांतरण हुए हैं वह भाजपा शासनकाल में हुए हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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