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अब गूगल में भी गोंडी भाषा: वॉइस सर्च के साथ कर सकते हैं टाइप - Unicode font of Gondi language

छत्तीसगढ़ के बस्तर और आदिवासी इलाके में बोली जाने वाली गोंडी भाषा का गूगल ने यूनिकोड तैयार किया है. जिससे गोंडी भाषा में बोलने के साथ-साथ लोग इसी भाषा में टाइप भी कर सकते हैं.

Gondi language will be included in mobile Unicode
गोंडी भाषा को मिलेगी पहचान
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Published : Oct 3, 2020, 9:20 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में आदिवासियों की भाषा गोंडी अब उन अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में शामिल हो गई है. जिसका यूनीकोड अब गूगल में भी मौजूद होगा. गोंडी भाषा को भी लिपिबद्ध कर लिया गया है और गूगल ने इसका यूनीकोड फॉन्ट भी बना दिया है. इसके साथ ही अब गोंडी भाषा मोबाइल और इंटरनेट पर आसानी से टाइप की जा सकेगी.

गोंडी भाषा को मिलेगी पहचान

गोंडी भाषा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने का काम गूगल और न्यूजीलैंड की कंपनी ने किया है. इस काम में सहयोग देने वाले शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को गोंडी यूनीकाेड फॉन्ट के ऑनलाइन इनोग्रेशन के दौरान तेलंगाना के सिदाम अरजु, न्यूजीलैंड के मार्क पैनी, गूगल से क्रेक कोरनेलियस और देवांश मेहता मौजूद थे.

गोंडी भाषा को मिलेगी नई पहचान

शुभ्रांशु ने बताया कि यूनीकोड फॉन्ट आ जाने से गोंडी भाषा का खासा विस्तार होगा. अबतक गोंडी भाषा सिर्फ बोली जाती थी, लेकिन अब इसे लिखा भी जा सकेगा. खासतौर पर यूनीकोड फॉन्ट के जरिए इसका उपयोग युवा कर पाएंगे. इसके अलावा शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि गोंडी भाषा को यूनिकोड में पहचान मिलने से मध्य भारत में फैली नक्सल हिंसा पर बातचीत के भी रास्ते खुलेंगे. साथ ही गोंडी भाषा में सार्थक चर्चा की जा सकेगी. इसके अलावा शुभ्रांशु का कहना है कि इससे मध्य भारत में शांति लाने में भी मदद होगी.

पढ़ें: जगदलपुर:मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या

शुभ्रांशु ने बताया कि इसके अलावा बस्तर डॉयलाग की टीम ने मध्य भारत में चल रही हिंसा और इसके समाधान के लिए ऑनलाइन जनमत संग्रह कार्यक्रम चलाया था. जिसमें कुल 3 हजार 760 लोगों ने हिस्सा लिया. इसी कड़ी में गांधी जयंती के मौके पर 150 गांवों के पीड़ितों को इस जनमत संग्रह कार्यक्रम से जोड़ा गया.

जगदलपुर: बस्तर में आदिवासियों की भाषा गोंडी अब उन अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में शामिल हो गई है. जिसका यूनीकोड अब गूगल में भी मौजूद होगा. गोंडी भाषा को भी लिपिबद्ध कर लिया गया है और गूगल ने इसका यूनीकोड फॉन्ट भी बना दिया है. इसके साथ ही अब गोंडी भाषा मोबाइल और इंटरनेट पर आसानी से टाइप की जा सकेगी.

गोंडी भाषा को मिलेगी पहचान

गोंडी भाषा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने का काम गूगल और न्यूजीलैंड की कंपनी ने किया है. इस काम में सहयोग देने वाले शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को गोंडी यूनीकाेड फॉन्ट के ऑनलाइन इनोग्रेशन के दौरान तेलंगाना के सिदाम अरजु, न्यूजीलैंड के मार्क पैनी, गूगल से क्रेक कोरनेलियस और देवांश मेहता मौजूद थे.

गोंडी भाषा को मिलेगी नई पहचान

शुभ्रांशु ने बताया कि यूनीकोड फॉन्ट आ जाने से गोंडी भाषा का खासा विस्तार होगा. अबतक गोंडी भाषा सिर्फ बोली जाती थी, लेकिन अब इसे लिखा भी जा सकेगा. खासतौर पर यूनीकोड फॉन्ट के जरिए इसका उपयोग युवा कर पाएंगे. इसके अलावा शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि गोंडी भाषा को यूनिकोड में पहचान मिलने से मध्य भारत में फैली नक्सल हिंसा पर बातचीत के भी रास्ते खुलेंगे. साथ ही गोंडी भाषा में सार्थक चर्चा की जा सकेगी. इसके अलावा शुभ्रांशु का कहना है कि इससे मध्य भारत में शांति लाने में भी मदद होगी.

पढ़ें: जगदलपुर:मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या

शुभ्रांशु ने बताया कि इसके अलावा बस्तर डॉयलाग की टीम ने मध्य भारत में चल रही हिंसा और इसके समाधान के लिए ऑनलाइन जनमत संग्रह कार्यक्रम चलाया था. जिसमें कुल 3 हजार 760 लोगों ने हिस्सा लिया. इसी कड़ी में गांधी जयंती के मौके पर 150 गांवों के पीड़ितों को इस जनमत संग्रह कार्यक्रम से जोड़ा गया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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