जगदलपुर : बस्तर में आने वाले मानसून को देखते हुए आपदा राहत बल के जवानों ने अपनी तैयारी को परखा है.जवानों ने जगदलपुर मुख्यालय के इंद्रावती नदी पर मॉक ड्रिल कर अपनी तैयारियों का प्रदर्शन किया. इंद्रावती नदी के तट महादेव घाट पर राजस्व, आपदा प्रबंधन विभाग और निगम ने बाढ़ आपदा से बचाव राहत के लिए की जा रही तैयारियों का जायजा लिया. एसडीआरएफ और नगर सेना के जवानों ने अपने पूरे साजो सामान और संसाधनों के साथ इंद्रावती नदी में अभ्यास किया.
इस प्रदर्शन के तहत गोताखोरों ने नदी के तट में डूब रहे व्यक्तियों को बाहर कैसे निकाला जाए और बाढ़ के दौरान किस तरह से लोगों की जान बचाई जा सकती है, इसका अभ्यास किया. साथ ही एसडीआरएफ के पास मौजूद संसाधनों की टेस्टिंग भी की गई. प्रदर्शन के दौरान नदी में मोटर बोट से फर्राटे के साथ पहुंचकर लोगों की जिंदगी को बचाने का अभ्यास जवानों ने बखूबी किया.
एसडीआरएफ के प्रभारी और जिला सेनानी एसके मार्बल ने बताया कि पूरे बस्तर संभाग में एसडीआरएफ की कुल 36 टीमें बनाई गई हैं जो संभाग के 7 जिलों में मानसून के दौरान तैनात रहेंगे. जिला सेनानी ने कहा कि एसडीआरएफ के पास पर्याप्त संसाधन हैं जिससे बाढ़ में डूबते हुए लोगों की जान बचाने के साथ राहत कार्य किया जा सकता है. साथ ही नाइट विजन भी उपलब्ध है जिससे रात में भी एसडीआरएफ की टीम अपनी सेवा दे सकती है.
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बाढ़ से निपटने की तैयारियों में जुटा प्रशासन
गौरतलब है कि बस्तर जिले के मंगड़ू कचौरा, गणपति रिसोर्ट, महादेव घाट, घोटिया और इंद्रावती नदी से लगे सभी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. साथ ही इंद्रावती नदी के तट पर बसे गांव भी प्रभावित होते हैं. इसे देखते हुए एसडीआरएफ, नगर सेना और बाढ़ आपदा के जवानों की टीम पहले से ही अभ्यास कर बाढ़ से निपटने की अपनी तैयारी कर रही है.