जगदलपुर: बस्तर में मध्यम वर्ग के लोगों को हवाई सेवा का लाभ दिलाने के लिए शुरू की गई केंद्र सरकार की उड़ान योजना पूरी तरह से विफल होती नजर आ रही है. आनन-फानन में शुरू हुई यह योजना कुछ महीनों तक चलने के बाद बस्तर में दम तोड़ती दिख रही है. वहीं 14 अक्टूबर से इसे दोबारा शुरू करने की बात सामने आई थी, लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हो पाया है. इसकी वजह से हवाई यात्रा बस्तरवासियों के लिए एक सपना बनकर ही रह गया है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2018 में उड़ान योजना का शुभारंभ बस्तर में किया था. योजना के तहत बस्तर के व्यापारियों के साथ मध्यम वर्ग के लोगों को भी सस्ते दामों पर हवाई यात्रा का लाभ दिलाने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी. वहीं कुछ महीनों तक एयर ओडिशा के 18 सीटर विमान ने अपनी सेवा भी दी और रायपुर से जगदलपुर उड़ान की शुरुआत भी हुई, लेकिन कुछ ही दिनों तक यह सेवा बस्तरवासियों को मिल पाई.
प्रशासन ने किया एयर ओडिशा का टेंडर रद्द
घाटे का सौदा देखते हुए एयर ओडिशा ने अपनी सेवा बंद कर दी, जिस पर प्रशासन ने भी एयर ओडिशा के साथ टेंडर रद्द कर दिया, जिसके बाद कुछ माह पहले फिर से नियमित रूप में लोगों को सेवा दिलाने के लिए एयर इंडिया और जेट एयरवेज से बातचीत की गई और दोनों कंपनियों ने अपनी विमान सेवा देने की बात भी कही थी, लेकिन जगदलपुर एयरपोर्ट में बने DRDO की आवासीय कॉलोनी एयर स्ट्रीप रनवे में बाधा डालने के कारण एक बार फिर से एयर इंडिया और जेट एयरवेज कंपनी पीछे हट गई है. वहीं 14 अक्टूबर से शुरू होने वाली यह योजना एक बार फिर ठंडी पड़ गई है.
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जानकारी के मुताबिक 4 नंवबर को एक बार फिर से दोनों कंपनी के सीईओ सर्वे के लिए बस्तर पंहुचने वाले हैं, जिसके बाद ही तय हो पाएगा की बस्तर में हवाई सेवा फिर से शुरू हो पाएगी या नहीं.