बस्तर: lac cultivation in Bastar लाख की खेती से छत्तसीगढ़ के किसानों की किस्मत बदल रही है. लाख उत्पादन में देश में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर है और यही वजह है कि सरकार ने इसे पिछले साल से ही खेती की श्रेणी में शामिल किया है. 2008 और 2009 में 7200 टन के साथ पूरे देश में लाख उत्पादन में छत्तीसगढ़ ने रिकॉर्ड कायम किया था. खास बात है कि पूरे देश में बस्तर से लाख उत्पादन और सप्लाई की बड़ी चेन बस्तर से संचालित होती है. इसे बढ़ावा देने के लिए वन विभाग अब सक्रिय तौर पर काम कर रहा है.
लाख उत्पादन को मिला खेती का दर्जा: छत्तीसगढ़ में लाख उत्पादन को खेती का दर्जा मिल गया है और ऐसे में किसानों को प्रशिक्षित कर लाख उत्पादन के लिए विशेष तौर पर तैयार किया जा रहा है. बस्तर वन मंडल अंतर्गत दंतेवाड़ा सुकमा बीजापुर और बस्तर जिले में लाख उत्पादन की पर्याप्त संभावनाएं हैं. यहां के जंगलों में मिलने वाले पलाश कुसुम और बेर के पेड़ों में स्वाभाविक तौर पर लाख तैयार होता है. इसे और बेहतर तरीके से उपज के तौर पर तैयार करने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत है. लाख का संग्रहण एवं विक्रय चेन को डेवलप करने के लिए वन विभाग ने चारों जिलों के 100 किसानों को पहले चरण में प्रशिक्षित करना शुरू किया है.
लाख का उपयोग: लाख का प्रमुख उपयोग चपड़ा बनाने रंजक निकालकर विद्युत उपकरणों एवं वाद्य यंत्रों के साथ-साथ चूड़ियों के निर्माण में भी किया जाता है. सीमेंट और स्याही बनाने में भी लाख का बहुतायत में इस्तेमाल होता है. पूरे देश में सप्लाई होने वाले लाख का 42% हिस्सा अकेले छत्तीसगढ़ सप्लाई करता है. लाख के कीट अत्यंत छोटे होते हैं और यह अपने शरीर से लाख का उत्पादन करते हैं.
बस्तर के जंगलों में पाया जाता है लाख: बस्तर में घने जंगलों में सामान्य रूप से ही लाख के कीट पाए जाते हैं. पर इनसे लाख संग्रहण की प्रक्रिया श्रम साध्य होती है अधिकारियों का कहना है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार लाख का उत्पादन ज्यादा हो इसके लिए विशेष तौर पर तैयारी की जा रही है. जिन किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है उन्हें बैंकों से लोन भी दिलाया जाएगा जिससे भी लाख के बीच खरीद कर जंगलों में उसकी फसल तैयार कर सकें. रांची से आए विशेष वैज्ञानिक लगातार बस्तर में उन्नत किस्म के लाख उत्पादन पर प्रशिक्षण देने के साथ ही नजर भी बनाए रखेंगे ताकि किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन मिल सके.