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Pahadi Myna : कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में बढ़ा पहाड़ी मैना का कुनबा

छत्तीसगढ़ की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का अब कुनबा बढ़ने लगा है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पहाड़ी मैना को संरक्षित किया गया है. इसके लिए मैना मित्र और फ्रंट लाइन स्टाफ की मदद ली जा रही है.hill myna Chhattisgarh

Kanger Valley National Park
पहाड़ी मैना का बढ़ा कुनबा
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Published : Apr 27, 2023, 3:44 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर : कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के मैना मित्र और फ्रंट लाइन स्टाफ के निरंतर प्रयास से अब बस्तर पहाड़ी मैना के संख्या में वृद्धि होने लगी है. आसपास के गांवों में अब पहाड़ी मैना देखने को मिल रही है. छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का प्राकृतिक रहवास कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ही है. यहां लगभग एक साल से स्थानीय समुदाय के युवाओं को प्रशिक्षण देकर मैना मित्र बनाया गया है. मैना मित्र पहाड़ी मैना के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयासरत हैं.

Pahadi Myna
पहाड़ी मैना
कैसे पाई सफलता : कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि '' कैम्पा योजना अंतर्गत संचालित मैना सरंक्षण एवं संवर्धन प्रोजेक्ट बस्तर पहाड़ी मैना के सरंक्षण के लिए कारगर साबित हुआ है. प्रोजेक्ट अंतर्गत मैना मित्रों द्वारा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से लगे 30 स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. प्रत्येक शनिवार और रविवार स्कूली बच्चों को पक्षी दर्शन के लिए ले जाया जा रहा है. जिससे उनके व्यवहार में बदलाव भी देखा जा रहा है. एक समय में जिन बच्चों के हाथ में गुलेल थे अब उनके हाथ में दूरबीन देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि मैना का रहवास साल के सूखे पेड़ो में होता जहां कटफोड़वे घोंसले बनाते है. इसी कड़ी में बस्तर वन मंडल ने साल के सूखे पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिससे मैना का रहवास कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के बाहर भी सुरक्षित हो सके.''

ये भी पढ़ें- द्रोणिका और चक्रवात ने बदला छत्तीसगढ़ के मौसम का मिजाज

मैना का बढ़ा कुनबा : कांगेर घाटी से लगे ग्राम जैसे मांझीपाल , धूडमारास के होमस्टे पर्यटन में पहाड़ी मैना को जोड़ा गया है. जहां पर्यटक पक्षी दर्शन गतिविधी में राजकीय पक्षी को भी देख सकते हैं. धूड़मरास के मानसिंह बघेल के मुताबिक पहाड़ी मैना उनके घर के पास ही देखने को मिल रही है. जिसे वो होम स्टे पर्यटन के साथ जोड़कर उसका संरक्षण भी कर रहे हैं. अभी नेस्टिंग सीजन में पहाड़ी मैना के कई नए घोंसले देखने को मिले, जिसमें इस समय पहाड़ी मैना अपने बच्चों को फल और कीड़े खिलाते हुए देखी जा रही है. इनकी निगरानी मैना मित्रों और फील्ड स्टाफ कर रहा है. पहले जहां पहाड़ी मैना की संख्या कम थी अब मैना कई झुंड में नजर आ रही है.

जगदलपुर : कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के मैना मित्र और फ्रंट लाइन स्टाफ के निरंतर प्रयास से अब बस्तर पहाड़ी मैना के संख्या में वृद्धि होने लगी है. आसपास के गांवों में अब पहाड़ी मैना देखने को मिल रही है. छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का प्राकृतिक रहवास कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ही है. यहां लगभग एक साल से स्थानीय समुदाय के युवाओं को प्रशिक्षण देकर मैना मित्र बनाया गया है. मैना मित्र पहाड़ी मैना के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयासरत हैं.

Pahadi Myna
पहाड़ी मैना
कैसे पाई सफलता : कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि '' कैम्पा योजना अंतर्गत संचालित मैना सरंक्षण एवं संवर्धन प्रोजेक्ट बस्तर पहाड़ी मैना के सरंक्षण के लिए कारगर साबित हुआ है. प्रोजेक्ट अंतर्गत मैना मित्रों द्वारा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से लगे 30 स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. प्रत्येक शनिवार और रविवार स्कूली बच्चों को पक्षी दर्शन के लिए ले जाया जा रहा है. जिससे उनके व्यवहार में बदलाव भी देखा जा रहा है. एक समय में जिन बच्चों के हाथ में गुलेल थे अब उनके हाथ में दूरबीन देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि मैना का रहवास साल के सूखे पेड़ो में होता जहां कटफोड़वे घोंसले बनाते है. इसी कड़ी में बस्तर वन मंडल ने साल के सूखे पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाया गया है. जिससे मैना का रहवास कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के बाहर भी सुरक्षित हो सके.''

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मैना का बढ़ा कुनबा : कांगेर घाटी से लगे ग्राम जैसे मांझीपाल , धूडमारास के होमस्टे पर्यटन में पहाड़ी मैना को जोड़ा गया है. जहां पर्यटक पक्षी दर्शन गतिविधी में राजकीय पक्षी को भी देख सकते हैं. धूड़मरास के मानसिंह बघेल के मुताबिक पहाड़ी मैना उनके घर के पास ही देखने को मिल रही है. जिसे वो होम स्टे पर्यटन के साथ जोड़कर उसका संरक्षण भी कर रहे हैं. अभी नेस्टिंग सीजन में पहाड़ी मैना के कई नए घोंसले देखने को मिले, जिसमें इस समय पहाड़ी मैना अपने बच्चों को फल और कीड़े खिलाते हुए देखी जा रही है. इनकी निगरानी मैना मित्रों और फील्ड स्टाफ कर रहा है. पहले जहां पहाड़ी मैना की संख्या कम थी अब मैना कई झुंड में नजर आ रही है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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