जगदलपुर : कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के मैना मित्र और फ्रंट लाइन स्टाफ के निरंतर प्रयास से अब बस्तर पहाड़ी मैना के संख्या में वृद्धि होने लगी है. आसपास के गांवों में अब पहाड़ी मैना देखने को मिल रही है. छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का प्राकृतिक रहवास कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ही है. यहां लगभग एक साल से स्थानीय समुदाय के युवाओं को प्रशिक्षण देकर मैना मित्र बनाया गया है. मैना मित्र पहाड़ी मैना के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयासरत हैं.
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मैना का बढ़ा कुनबा : कांगेर घाटी से लगे ग्राम जैसे मांझीपाल , धूडमारास के होमस्टे पर्यटन में पहाड़ी मैना को जोड़ा गया है. जहां पर्यटक पक्षी दर्शन गतिविधी में राजकीय पक्षी को भी देख सकते हैं. धूड़मरास के मानसिंह बघेल के मुताबिक पहाड़ी मैना उनके घर के पास ही देखने को मिल रही है. जिसे वो होम स्टे पर्यटन के साथ जोड़कर उसका संरक्षण भी कर रहे हैं. अभी नेस्टिंग सीजन में पहाड़ी मैना के कई नए घोंसले देखने को मिले, जिसमें इस समय पहाड़ी मैना अपने बच्चों को फल और कीड़े खिलाते हुए देखी जा रही है. इनकी निगरानी मैना मित्रों और फील्ड स्टाफ कर रहा है. पहले जहां पहाड़ी मैना की संख्या कम थी अब मैना कई झुंड में नजर आ रही है.