जगदलपुर: बस्तर के ऐतिहासिक धरोहर दलपत सागर शनिवार की शाम लगभग सवा दो लाख दीयों की रोशनी से जगमगा उठा है. नगर निगम और जिला प्रशासन की पहल पर नगरवासियों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से दलपत सागर के संरक्षण के लिए आयोजित इस कार्यक्रम के लिए लोगों से दान में दीपक, तेल और बातियां ली गई थी. स्वच्छ जगदलपुर के संकल्प पर दीपोत्सव के इस कार्यक्रम को लेकर शहर के सभी वर्गों में गजब का उत्साह देखने को मिला. पूरे दलपत सागर के आसपास मेले से माहौल बन गया. बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी जाति सम्प्रदाय और आय वर्ग के लोगों की सहभागिता से यहां का उत्साह और भी अधिक बढ़ गया.
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वहीं रानी घाट में पूजा अर्चना के बाद एक साथ सवा दो लाख दीयों की रोशनी में दलपत सागर की सुंदरता भी कई गुना बढ़ गई. इस दौरान दलपत सागर के किनारों के अलावा पानी मे भी जलते दिए छोड़े गए. आसमान में छोड़े गए गुब्बारों में दियो की रोशनी जल थल और नभ को रोशनी से भर दिया. दलपत सागर के आसपास दीप उत्सव पर जमकर आतिशबाजी भी की गई, जिससे पूरा माहौल उल्लासमय हो गया.
जगदलपुर के स्थानीय नागरिक अनिल लुंक्कड़ के बताया कि "इस साल सवा दो लाख दीया जगदलपुर शहर के दलपत सागर में जलाया गया है. जितनी आबादी जगदलपुर शहर की नहीं है. उससे अधिक दीया जलाया गया है. इससे यह साबित होता है कि शहर के प्रत्येक नागरिकों की मदद से ऐतेहासिक धरोहर जगमगाया है. इससे पहले भी शहर के जागरूक नागरिकों ने धरोहर को स्वच्छ रखने के लिए अभियान चलाया था.
बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि "बस्तर के सभी नागरिकों ने मिलकर इस दीपोत्सव को मनाया है. जिसकी वजह से दलपत सागर जगमग आ उठा है. इस दीपोत्सव का उद्देश्य है कि जिस प्रकार से दीया और बाती का संबंध होता है. वैसे ही धरोहर और शहर के नागरिकों का संबंध होता है. दीपोत्सव से ऐतिहासिक धरोहर और सुंदर नजर आएगा. इसके अलावा शहर के नागरिकों ने भी प्रण लिया है कि वे स्वच्छता के लिए आगे आएंगे और ऐतिहासिक धरोहर दलपत सागर के अलावा जगदलपुर शहर को भी स्वच्छ रखेंगे.