सुकमा : सुकमा जिले में रविवार रात नक्सलियों की दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी ने (Dakshin Bastar Division Committee of Naxalites issued pamphlet) एक पर्चा जारी किया है. नक्सलियों ने इस पर्चे के माध्यम से तिम्मापुरम में हुई मुठभेड़ को झूठा करार दिया है. साथ ही नए पुलिस कैंप बनाकर सुकमा-बीजापुर में पुलिस अर्धसैनिक बलों द्वारा जनता पर अत्याचार, लूटपाट, मारपीट और फर्जी गिरफ्तारी कर झूठे केसों में फंसाकर जेल भेजने का भी आरोप लगाया है. इतना ही नहीं नक्सलियों ने अपने पर्चे में भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार पर भी आरोप लगाए हैं. नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बस्तर में हुई घटनाओं के पीछे आबकारी मंत्री कवासी लखमा की साजिश बताया है.
पुलिस पर ग्रामीणों को निशाना बनाने का लगाया आरोप
इसके अलावा नक्सलियों ने पर्चे में पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अर्धसैनिक बलों और पुलिस द्वारा नक्सल उन्मूलन के नाम से संयुक्त अभियान चलाकर तीमापुरम, मोरपल्ली, ताड़मेटला, पुलनपल्ली गांव पर हमला कर ग्रामीणों को निशाना बनाया है. नक्सलियों ने कहा है कि ग्राम तीमापुरम के ग्रामीण अपने खेतों में मेड़ बांध रहे थे. घेराबंदी कर पुलिस ने उनपर अंधाधुंध फायरिंग कर दी. जबकि निहत्थे मड़कम जोगा को पकड़कर निर्मम तरीके से उसकी हत्या कर दी गई.
ठेकेदार पर डील में वादाखिलाफी का आरोप लगा आमदई खदान एरिया में नक्सलियों ने फेंका पर्चा
12 लोगों को पकड़ ले जाने का पुलिस पर आरोप, बोले नक्सली-अभी भी दो हैं लापता
नक्सलियों ने यह भी आरोप लगाया है कि दो ग्रामीण अभी भी लापता हैं. जबकि 12 अन्य लोगों को पुलिस पकड़कर अपने साथ ले गई है. उन्हें पुलिस हिरासत में रखकर यातनाएं दे रही हैं. नक्सलियों ने इस जघन्य हत्याकांड के खिलाफ व्यापक व जुझारू आंदोलन करने की बात कही है. साथ ही पुलिस बलों द्वारा की गई झूठी मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की आदिवासी-गैरआदिवासी, जनवादी, बुद्धिजीवियों, मानव अधिकार संगठनों, पत्रकारों, सामाजिक संगठनों, महिलाओं व कार्यकर्ताओं से दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी ने आह्वान किया है.
पर्चे में नक्सलियों ने लिखी हैं ये बातें
- तीमापुरम फर्जी मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराई जाए.
- दोषी पुलिस अधिकारियों व जवानों को सजा दिलाई जाए.
- पुलिस दमन हो नहीं तो सरकार के खिलाफ व्यापक व जुझारू जन आंदोलन.
- गिरफ्तार सभी ग्रामीणों की तुरंत बिना शर्त के रिहाई.
- निर्दोष ग्रामीणों की हत्या, उनपर अत्याचार और उनकी गिरफ्तारी बंद की जाए.