जगदलपुर: कोरोना के साए में गुजरा 2020 आज खत्म हो रहा है. नए साल की शुरुआत जश्न और हर्षोल्लास के साथ करने के लिए लोग पर्यटन स्थलों में पहुंचे रहे हैं. बस्तर के पर्यटक स्थलों पर भी बड़ी संख्या में पर्यटक नए साल का जश्न मनाने पहुंच रहे हैं. पर्यटन स्थलों में किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है. साथ ही कोविड गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया जा रहा है.
बस्तर के प्रसिद्ध तीरथगढ़ जलप्रपात में भी सैकड़ों की संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. यहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और न ही कोरोना से बचने के लिए किसी तरह की कोई सतर्कता बरती जा रही है. प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. प्रशासन ने पर्यटन स्थलों पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की है. प्रशासन का एक भी जिम्मेदार व्यक्ति यहां मौजूद नहीं है.
वन विभाग पर मनमाने रुपए वसूलने का आरोप
पर्यटकों का कहना है कि पर्यटन विभाग और वन विभाग टिकट के नाम पर और पार्किंग के नाम पर मनमानी रुपए वसूल रहे है. लेकिन पार्किंग के लिए किसी तरह से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जलप्रपात तक जाने वाले मार्ग में गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई है.
नये साल में दूर दराज से पहुंचते हैं पर्यटक
कोरोना की वजह से करीब 5 महीने तक बंद इन पर्यटन स्थलों को राजस्व के लिए दोबारा तो खोला गया है. कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने के कारण यहां कोरोना का खतरा बढ़ गया है. यहां बस्तर से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों और प्रदेश के अलग-अलग शहरों से पर्यटक न्यू ईयर का जश्न मनाने पहुंच रहे हैं. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि इन पर्यटन स्थलों में नियमों का पालन कराने के लिए किसी जिम्मेदार व्यक्ति की तैनाती की जाए.