जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में दीर्घायु योजना के माध्यम से कैंसर मरीजों के लिए जिला स्तर पर कीमोथेरेपी सुविधा का विस्तार किया जा रहा है. प्रदेश के नौ जिला अस्पतालों में डे-केयर कीमोथेरेपी की सुविधा शुरू की गई है, जहां विभिन्न तरह के कैंसर से पीड़ितों को निःशुल्क कीमोथेरेपी दी जा रही है. बस्तर में दीर्घायु योजना कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है, इस साल बस्तर में 15 फरवरी से महारानी अस्पताल में शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 98 मरीजों ने कीमोथेरेपी का डोज लिया है.
दूसरे राज्यों से भी आते है मरीज
बस्तर के मरीजों को कैंसर के इलाज की यह सुविधा नि:शुल्क मिलने से कैंसर मरीजों को काफी राहत मिल रही है. बस्तर के ग्रामीण अंचलों के साथ-साथ शहरी इलाकों के लोगों और पड़ोसी राज्य ओडिशा से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण जगदलपुर के महारानी अस्पताल में बने डे केयर सेंटर में इलाज करवाने पहुंच रहे हैं. इसके अलावा कीमोथेरेपी के लिए लगने वाली दवाएं भी आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क मरीजों को मुहैया कराई जा रही है.
पढ़ें- CANCER AWARENESS DAY: रूटीन चेकअप और स्वस्थ खानपान से कैंसर को दी जा सकती है मात: शारदा सिंह
अबतक 98 मरीजों का हुआ नि:शुल्क इलाज
कीमोथेरेपी डे केयर सेंटर के डिप्टी इंचार्ज ने ETV भारत को जानकारी देते हुए बताया कि 15 फरवरी से शुरू हुई कीमोथेरेपी डे केयर सेंटर में अब तक 110 लोगों का पंजीयन किया गया है और इनमें से 98 मरीजों को कीमोथेरेपी का डोज दिया गया है. इन मरीजों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है, जिनमें ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा है. डिप्टी इंचार्ज ने बताया कि मरीजों को इलाज के दौरान सारी सुविधाएं दी जाती है, हालांकि सीटी स्कैन और X-RAY की शुल्क के अलावा और किसी तरह की मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है. वहीं 10 से 15 दिन तक चलने वाली कीमोथेरेपी डोज के दौरान मरीजों का पूरी तरह से देखभाल किया जाता है. डिप्टी इंचार्ज ने बताया कि अब तक इलाज करवा चुके 98 मरीजों में बस्तर के ग्रामीण और शहरी इलाके के अलावा ओडिशा राज्य से भी ग्रामीण कीमोथेरेपी करवाने पहुंच चुके हैं और उन्हें भी इलाज के दौरान बेहतर सुविधा दी गई है. उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग का एकमात्र कीमोथेरेपी डे केयर सेंटर जगदलपुर में होने की वजह से पूरे बस्तर संभाग के लोगों को इससे राहत मिल रही है.
इलाज के दौरान आर्थिक स्थिति पड़ी कमजोर
पहले कैंसर इलाज के लिए बस्तर के लोगों को दूसरे शहरों में जाकर कीमोथेरेपी डोज के लिए तकरीबन 30 से 40 हजार रुपए खर्च होता था. वहीं हर 21 दिनों के अंतराल में मरीज को कीमोथेरेपी देने की सलाह डॉक्टर्स देते हैं. ऐसे में इस इलाज के चलते ही कई परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर पड़ जाती है और सही तरीके से इलाज उन्हें नहीं मिल पाता था. इसके चलते आखिर में कैंसर पीड़ित की मौत हो जाती है.
दरअसल, कीमोथेरेपी में होने वाले खर्च के कारण ही लोग इसके लिए हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं. बस्तर में बेहतर स्वास्थ सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू हुई कीमोथेरेपी डे केयर सेंटर से निश्चित रूप से बस्तर के लोगों को काफी राहत मिल रही है और महज 7 महीनों में ही 98 लोगों की कीमोथेरेपी हुई है.
पढ़ें- सरगुजा: कैंसर मरीजों के लिए राहत भरी खबर, अब मुफ्त में होगी कीमोथैरेपी
लोगों को सरकार द्वारा दी जाएगी सुविधाएं
जगदलपुर के विधायक और संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि कीमोथेरेपी डे केयर सेंटर बस्तर में रहने वाले कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है. इस स्वास्थ्य सुविधा को तकनीकी माध्यम से और बेहतर करने की कोशिश हो रही है. इसके लिए रुपये भी खर्च किए जा रहे हैं. साथ ही कैंसर पीड़ित मरीजों के दवाई से लेकर कीमोथेरेपी में लगने वाले सभी डोज नि:शुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं. विधायक ने कहा कि आने वाले दिनों में कीमोथेरेपी सेंटर में जरूरत पड़ने पर और तकनीकी मशीनों को शासन की तरफ से मुहैया कराया जाएगा, ताकि बस्तर वासियों को दूसरे राज्य और शहरों में जाकर महंगे दामों में कैंसर का इलाज और कीमोथेरेपी का डोज न लेना पड़े. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ महीने पहले ही प्रदेश के 9 जिलों में कीमोथेरेपी डे केयर सेंटर की शुरुआत की है, जो बस्तर के साथ-साथ अन्य जिलों में भी कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है.