बस्तर: मलेशिया में आयोजित वर्ल्ड यूथ म्यू थाई चैंपियनशिप में भारत को कांस्य पदक मिला है. 71 किलोग्राम कैटेगरी में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे 13 साल के युवराज सिंह ने यह खिताब जीता है.Yuvraj of Bastar won bronze medal ब्राजील और इंग्लैंड जैसे देशों के खिलाड़ियों को रिंग में परास्त कर युवराज सेमीफाइनल में पहुंचा था. सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी के साथ हुए 3 राउंड के मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.World muaythai Boxing Championship
देश को दिलाउंगा गोल्ड: वहीं, मैच के बाद युवराज ने कहा "वर्ल्ड म्यू थाई चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है. हर मैच में एक नया अनुभव मिला है. जिस मैच में जीता उसमें भी कुछ नया सीखा हूं. जहां हार मिली वहां भी नया अनुभव प्राप्त किया. इस बार गोल्ड से चूक गया हूं. फिर भी खुश हूं कि खाली हाथ नहीं आ रहा. देश के लिए कांस्य मेडल लाया हूं. अगली बार और कड़ी मेहनत करूंगा और देश को गोल्ड जरूर दिलाऊंगा."
प्रैक्टिस पर और करुंगा फोकस: युवराज ने कहा, "म्यू थाई गेम के लिए रिंग में रोज 4 घंटे पसीना बहाता हूं. कोच अब्दुल हर तरह की टिप्स देते हैं. अच्छी बात यह है कि पैरेंट्स का भी पूरा स्पोर्ट मिलता है. जब पीछे पलट कर देखता हूं, तो पैरेंट्स की आंखों में मेरे लिए कई उम्मीदें नजर आती है. इसी कारण मेरा मनोबल और बढ़ता है. परिजनों के आशीर्वाद और कोच के बताए टिप्स से वर्ल्ड चैंपियनशिप तक पहुंच पाया. अब रिंग में ज्यादा पसीना बहाने की जरूरत है. अब 4 घंटे से ज्यादा समय रिंग में दूंगा."
युवराज ने किया बेहतर प्रदर्शन: इस विषय में युवराज के कोच अब्दुल मोईन ने बताया, "उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी से साथ सेमीफाइनल मुकाबला 3 राउंड का हुआ. पहले राउंड में दोनों की जबरदस्त टक्कर हुई. हालांकि इस राउंड में उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी को एक अंक मिले. दूसरे राउंड में भी उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी ने दूसरा अंक हासिल कर लिया और फाइनल में अपनी जगह बनाई. युवराज ने भी अपना बेहतर प्रदर्शन किया. देशवासियों के आशीर्वाद से वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है."
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इसलिए चुना यह गेम: जगदलपुर के रहने वाले युवराज ने बताया, "वो दीप्ति कान्वेंट स्कूल में कक्षा नौंवी में पढ़ाई करता है. पिता ठेकेदार हैं. मुझे wwe बेहद पसंद है. बड़ा होकर रेसलर बनना चाहता हूं. जब 7 साल का था, तब कुश्ती की कोचिंग की. धीरे-धीरे फाइटिंग का शौक हुआ और फिर म्यू थाई गेम की कोचिंग लेना शुरू कर दिया. 3 साल की प्रोफेशनल कोचिंग लेने के बाद 10 साल की उम्र में म्यू थाई गेम का पहला स्टेट लेवल का मैच खेला. कोच अब्दुल मोईन के दिए गए टिप्स को फॉलो किया. किस्मत ने साथ दिया और स्टेट चैंपियन बन गया. यह देख परिजन बेहद खुश हुए. फिर नेशनल टूर्नामेंट की तैयारी की."
मूवी से हुआ प्रभावित: युवराज ने कहा, " सुल्तान और दंगल यह दोनों मूवी रिलीज हुई थी. दोनों मूवी से बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ और देश के लिए गोल्ड लाने का लक्ष्य रखा. साल 2018 स्टेट चैंपियन बनने के कुछ दिनों के बाद गोवा में नेशनल चैंपियनशिप था. वहां गया और देशभर से आए विरोधियों को रिंग में परास्त किया. गोवा में पहली बार नेशनल चैंपियन बना और गोल्ड मेडल हासिल किया. उस समय भी फुकेट में होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चयन हो गया था, लेकिन उम्र कम होने की वजह से वीजा नहीं मिला था. इस वजह से थोड़ी निराशा जरूर हुई थी लेकिन हार नहीं माना. अब एमपी में हुए नेशनल टूर्नामेंट में शामिल होकर फिर से गोल्ड पर कब्जा जमाया, जिसके बाद अब मलेशिया में वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए आया हूं."