जगदलपुर : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरा देश जुझ रहा है. एक तरफ जहां इस वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं दूसरी तरफ लॉकडाउन में ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं. जिसमें मानव मूल्यों की झलक देखने को मिल रही है. ऐसा ही एक मामला जगदलपुर में आया है जहां सुकमा जिले में यूनिफेब इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में सुपरवाइजर का काम करने वाले रंधीर कुमार की किडनी फेल होने और पीलिया से मौत हो गई. लॉकडाउन की वजह से रंधीर के पार्थिव शरीर को प्रशासन उसके गृह ग्राम नहीं भेज पाई और ना ही उसके परिजन शव को लेने बस्तर आ सके. लिहाजा बस्तर पुलिस ने विधि विधान के साथ रंधीर के शव का अंतिम संस्कार किया.
दरसअल, रंधीर कुमार बिहार के नालंदा जिले के रूपसपुर का रहने वाला था. वह सुकमा जिले में पिछले दो साल से पोटाकेबिन बनाने वाली निजी कंपनी में सुपरवाइजर का काम करता था. रंधीर कुमार की 16 अप्रेल को अचानक तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उसे सुकमा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसे बेहतर उपचार के लिए जगदलपुर डिमरापाल अस्पताल लाया गया. वहां से भी बेहतर उपचार के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन यहां रंधीर कुमार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
परिवार नहीं आ सका पार्थिव शरीर लेने
रंधीर के साथियों ने उसकी मौत की जानकारी उनके परिजनों को दी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से लाचार परिवार के लोग रंधीर कुमार के पार्थिव शरीर को लेने नहीं आ सके. जिसके चलते बस्तर पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए परिजनों से संपर्क साधकर विधि विधान के साथ रंधीर कुमार का अंतिम संस्कार शहर के मुक्तिधाम में किया, और वीडियो कॉलिंग के जरिए परिवार वालों को पूरी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया दिखाई.
पुलिस रखेगी अस्थियां
जगदलपुर के सीएसपी हेमसागर सिदार ने शव को मुखाग्नि दी. सीएसपी ने बताया कि 'शव के अंतिम संस्कार करने के बाद उसके अस्थियों को पुलिस सुरक्षित अपने पास रखेगी और लॉगडाउन हटने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा'. एसपी ने कहा कि 'कंपनी के ठेकेदार और पुलिस विभाग से हर संभव मदद मृतक के परिजनों को दिया जाएगा. मृतक के अंत्योष्टि के दौरान पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे. इसके अलावा जैन समाज के युवकों ने भी पुलिस के इस कार्य में पूरा सहयोग किया.