बस्तर : भानपुरी थाना क्षेत्र के कुंगारपाल निवासी 15 वर्षीय नाबालिग अपने परिवार की आर्थिक स्थिति से परेशान था. पैसे कमाने के लिए उसने पलायन करने का सोचा.इसके लिए नाबालिग ने बिना किसी को कुछ बताए बोरवेल की गाड़ी में काम करने के लिए परिचित के लोगों के साथ आंध्रप्रदेश चला गया.लेकिन नाबालिग होने के कारण उसे कोई काम नहीं मिला. नाबालिग के पास पैसे नहीं थे.फिर भी वो घर वापसी के लिए निकल गया. लेकिन रास्ता भटकर बेंगलुरू चला गया.जहां पुलिस ने उसे पकड़कर पूछताछ की.इसके बाद बाल संप्रेक्षण गृह में भेज दिया.
परिवार को नाबालिग ने दी सूचना : बाल संप्रेक्षण गृह में जाने के बाद नाबालिग ने फोन से अपने परिवार को सूचना दी. जानकारी लगते ही पिता ने जिला कलेक्टर को आवेदन देकर बच्चे को वापस घर लाने की अपील की थी. जिस पर थाना भानपुरी से एक टीम को बेंगलुरु भेजी गई. टीम ने बच्चे को सकुशल भानपुरी थाना पहुंचाया. जिसके बाद परिजनों के सुपुर्द किया गया.
परिजन भी गए टीम के साथ : नाबालिग के मामा ने बताया कि '' बच्चा बिना बताए काम करने के लिए आंध्रप्रदेश चला गया था. जिसे लेने के लिए खुद मामा रमेश कश्यप, नाबालिग के पिता और भानपुरी थाना से एक पुलिस जवान बैंगलुरु पहुंचे. जहां से उन्होंने सकुशल बच्चे को भानपुरी थाना पहुंचाया.'' यह कार्य बस्तर जिले के अधिकारियों की मदद की वजह से ही संभव हो पाया है. जिसके कारण बस्तर के सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया है.
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पलायन के कारण परेशानी :छत्तीसगढ़ से लगे पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए प्रतिवर्ष बस्तर से पलायन करके ग्रामीण काम करने के लिए जाते हैं. कई बार बस्तर के मजदूरों को इन राज्यों में बंधक बना लिया जाता है. जिनमें कुछ लोगों की मृत्यु की भी खबर सामने आई है. जिसे देखते हुए बस्तर पुलिस अब लोगों को पलायन नहीं करने की समझाइश दे रही है.