जगदलपुर: छत्तीसगढ़ का बस्तर अब विकास की ओर अग्रसर है. लगातार बस्तर में शिक्षा, स्वास्थ्य और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में राज्य सरकारों की ओर से प्रयास किए जाते रहे हैं. नक्सलवाद का दंश झेल रहे बस्तर को काफी पिछड़ा हुआ क्षेत्र माना जाता है. लेकिन अब बस्तर बदल रहा है और विकास के नए आयाम भी गढ़ रहा है. अब बस्तर के युवा राष्ट्रीय खेलों में अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी कामयाबी हासिल कर रहे हैं.
शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए संभागीय मुख्यालय जगदलपुर में प्रदेश का दूसरा बड़ा पुस्तकालय बनाया गया है. बस्तर के सर्वोच्च साहित्यकार स्वर्गीय लाला जगदलपुरी के नाम से बनाए गए इस लाइब्रेरी में 24 घंटे पढ़ाई की सुविधा जिला प्रशासन ने उपलब्ध कराई है. हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस ग्रंथालय का शुभारंभ किया था. अब धीरे धीरे साहित्यकारों के साथ प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने वाले युवा, स्कूली बच्चे महिलाएं, वरिष्ठ नागरिकों के साथ साथ नौकरी पेशा के लोग भी बड़ी संख्या में लाइब्रेरी पहुंचकर एक बेहतर माहौल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
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ऑफलाइन और ऑनलाइन किताबें उपलब्ध
स्मार्टफोन के जमाने में जहां युवा लाइब्रेरी से काफी दूरी बना चुके हैं, लेकिन बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय में युवा शिक्षा का बेहतर माहौल प्राप्त कर रहे हैं. उन्हें यहां शिक्षा से जुड़ी सभी पुस्तकें और सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं. इस ग्रंथालय की खास बात यह है कि यहां ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों की ही पढ़ाई की सुविधा युवाओं के लिए उपलब्ध कराई गई है. इसके अलावा 1931 से अब तक विशेष साहित्यकारों की लिखी गई पुस्तकों का भी संग्रहण इस लाइब्रेरी में पढ़ने को मिलता है.
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कौन थे लाला जगदलपुरी ?
लाला जगदलपुरी बस्तर के एक प्रसिद्ध लोक साहित्यकार थे. उन्होंने बस्तर के ग्रामीण शहरी और कला संस्कृति के अलावा आदिवासियों की परंपरा पर 50 से भी अधिक पुस्तके लिखी हैं जो पूरे प्रदेश के साथ-साथ देश में भी मशहूर है. यही वजह है कि जिला प्रशासन ने इस जिला ग्रंथालय का नाम बस्तर के सभी साहित्यकारों के सहमति से लाला जगदलपुरी के नाम पर रखा है. इस लाइब्रेरी में लाला जगदलपुरी की लिखी गई सभी पुस्तकों का संग्रहण देखने को मिलता है.
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40 हजार से ज्यादा पुस्तकें उपलब्ध
लाइब्रेरी के ई-लर्निंग इंचार्ज यशा हवली बताते हैं कि इस लाइब्रेरी 40 हजार से ज्यादा पुस्तके यहां मौजूद हैं. जिसमें साहित्यिक लाइब्रेरी अलग कॉलम है. जहां बस्तर के साहित्यकारों और दूसरे साहित्यकारों की लिखी किताबें देखने और पढ़ने को मिलती है. वहीं दूसरी तरफ कॉलेज प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने वाले युवाओं के लिए सभी पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं. जिससे वे प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. करंट अफेयर्स से लेकर जितने भी प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं. उन सभी सिलेबस के पुस्तकें ग्रंथालय में मौजूद हैं.
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तीन मंजिल में बनाई गई है लाइब्रेरी
ई-लर्निंग इंचार्ज यशाहवली ने बताया कि 3 मंजिला इस ग्रंथालय में पहले मंजिल में ऑफलाइन पढ़ाई की सुविधा है, जहां सारी किताबें युवाओं को प्राप्त होती है. वहीं दूसरी मंजिल में ई-लर्निंग की व्यवस्था है जहां कंप्यूटर के माध्यम से बच्चे ई-शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. सबसे ऊपर तीसरी मंजिल में स्कूली बच्चों के लिए लाइब्रेरी तैयार की गई है. जहां एक बेहतर शिक्षा माहौल बनाया गया है. जहां पढ़ाई के साथ-साथ शतरंज जैसी खेलों की भी व्यवस्था की गई है. बड़ी संख्या में बच्चे यहां पढ़ाई करने के साथ-साथ खेल का भी आनंद उठाते हैं.
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350 लोगों ने ली मेंबरशिप
इंचार्ज ने बताया कि जिला ग्रंथालय के शुभारंभ के बाद 350 बच्चे ने नामांकन किया है. फिलहाल अभी 100 से अधिक युवा और वरिष्ठजन ग्रंथालय शिक्षा ग्रहण के लिए आ रहे हैं. यही नहीं लाइब्रेरी में बस्तर के बुद्धिजीवियों के साथ-साथ शहर के वरिष्ठ शिक्षकगण अपनी सेवाएं इस लाइब्रेरी में दे रहे हैं, जिनके माध्यम से बच्चे शिक्षा के गुण भी सीख रहे हैं. इस बेहतर माहौल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए ग्रंथालय पहुंच रहे हैं.
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24 घंटे खुली रहती है लाइब्रेरी
युवाओं का भी कहना है कि बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्र में सर्व सुविधा ग्रंथालय खुलने से उन्हें पढ़ाई से संबंधित काफी फायदा मिल रहा है, क्योंकि उन्हें इस स्मार्टफोन के दौर में वह सभी जानकारी नहीं मिल पाती जो कि प्रत्यक्ष रूप से यहां पुस्तकों के माध्यम से मिलती है. बुक्स कलेक्शन बेहतर होने की वजह से उन्हें हर सिलेबस की जानकारी पुस्तकों के माध्यम से मिल रही है. वहीं 24 घंटे लाइब्रेरी खुले रहने की वजह से वे किसी भी समय अच्छे वातावरण में यहां शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं.
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बुक्स का अच्छा संग्रहण
युवाओं का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में उन्हें भाग लेने के लिए राजधानी रायपुर और बड़े शहरों में बुक्स कलेक्शन के लिए जाना पड़ता था. इस दौरान उन्हें काफी दिक्कतें भी आती थी, लेकिन अब बस्तर जैसे क्षेत्र में इस लाइब्रेरी के खुलजाने से उन्हें काफी फायदा मिल रहा है और पढ़ाई में काफी सहूलियत भी हुई है. उनका कहना है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार की पहल से खोले गए इस ग्रंथालय से उन्हें अब प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने के लिए किसी भी तरह की कोई कठिनाई नहीं हो रही है. युवाओं का कहना है कि ग्रंथालय में बुक्स कलेक्शन और भी बढ़ाए जाने की जरूरत है, लेकिन फिलहाल ऑफलाइन और ऑनलाइन शिक्षा से उन्हें काफी फायदा पहुंच रहा है.
ग्रामीण क्षेत्र के युवा भी पहुंच रहे पुस्तकालय
ई-लर्निंग इंचार्ज यशाहवली ने बताया कि इस ग्रंथालय में आजीवन सदस्यता के लिए न्यूनतम शुल्क 1300 रुपए रखी गई है, जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के साथ-साथ नौकरी पेशा व्यक्ति, रिटायर्ड सिटीजन, व्यापारी, महिलाओं के साथ-साथ अन्य लोग भी मेंबरशिप ले सकते हैं. सभी के लिए एक बेहतर सुविधा केंद्र के रूप में यह ग्रंथालय जाना जा रहा है. वहीं गरीब युवाओं को इस न्यूनतम शुल्क के लिए किस्तों का भी प्रावधान रखा गया है. यही वजह है कि शहरी क्षेत्र के के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के भी युवा भी ग्रंथालय पहुंच शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
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पढ़ाई के लिए एक बेहतर माहौल-कलेक्टर
बस्तर कलेक्टर रजत बंसल का कहना है कि बस्तर के बच्चों और युवाओं को बेहतर शिक्षा का माहौल देने के लिए ग्रंथालय को एक मॉडल के रूप में बनाया गया है. जहां 24 घंटे बच्चों के लिए पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. बेहतर शिक्षकों के साथ साथ सर्व सुविधा युक्त होने की वजह से इस लाइब्रेरी में लगातार बच्चे अब पढ़ाई के लिए पहुंच रहे हैं. कलेक्टर ने कहा कि आने वाले समय में बस्तर के भी ज्यादा से ज्यादा युवा प्रतियोगी परीक्षा में भाग ले सके इसके लिए इस ग्रंथालय में करंट अफेयर्स से लेकर सभी तरह की पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं. पढ़ाई के लिए एक बेहतर माहौल बनाने की कोशिश भी जिला प्रशासन की ओर से लगातार की जा रही है.
बस्तर के इतिहास और साहित्य को लेकर होंगे कार्यक्रम
कलेक्टर ने कहा कि आने वाले दिनों में बस्तर के लोक साहित्यकारों की लिखी गई पुस्तकों के लिए एक अलग सदन बनाया जाएगा. जहां केवल लोक साहित्यकारो के पुस्तके और साहित्यकारों के समय-समय पर बस्तर के इतिहास और साहित्य पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि बस्तर जिले में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह ग्रंथालय मील का पत्थर साबित होगा. बस्तर के युवा बेहतर शिक्षा के माहौल में सभी प्रतियोगी परीक्षाओं और UPSC और PSC जैसी परीक्षाओं की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकेंगे.
स्वच्छता से लेकर सभी तरह की सुविधा- महापौर
नगर निगम जगदलपुर की महापौर सफिरा साहू ने बताया कि इस ग्रंथालय को बस्तर में युवाओं को शिक्षा की ओर अग्रसर करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. लाला जगदलपुरी के नाम से बनाए गए इस ग्रंथालय में स्वच्छता से लेकर सभी तरह की सुविधा निगम और जिला प्रशासन ने करवाई है. ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के युवा, महिलाएं और वरिष्ठ नागरिकगण आकर बेहतर माहौल में पढ़ाई कर सकें.