ETV Bharat / state

जगदलपुर: 11 साल में 300 जवानों की जान बचा चुका है बस्तर का गरुड़ - बस्तर न्यूज

बस्तर के नक्सल मोर्चो पर तैनात यह हेलीकॉप्टर और एयर फोर्स के गरुड़ कमांडो जवानों के लिए देव दूत का काम करते हैं. घटना स्थल से घायल जवानों को रेस्क्यू कर नजदीकी स्वास्थ केंद्र पहुंचाकर जवानों की जान बचाते हैं. पुलिस विभाग से मिली आकड़ों के मुताबिक बस्तर संभाग में पिछले 11 सालों में 300 से अधिक जवानों की जान इन हेलीकॉप्टर की मदद से गरुड़ कमांडो ने बचाई है.

bastar-garud
बस्तर का गरूड़
author img

By

Published : Oct 8, 2020, 6:24 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में भारतीय वायुसेना के दो MI-17 हेलीकॉप्टर पिछले 11 सालों से बस्तर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नक्सल मोर्चे पर भारतीय वायुसेना के ये दोनों हेलीकॉप्टर बस्तर में तैनात जवानों के लिए संजीवनी साबित हो रहे हैं. बीते 11 सालों में भारतीय वायु सेना के दोनों हेलीकॉप्टर की मदद से 300 से अधिक जवानों की जान बचाई गई है. पुलिस नक्सली मुठभेड़ या आईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में इन हेलीकॉप्टर की मदद से घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर समय पर जवानों को इलाज मिलने से उनकी जान बची है.

Bastar Garud saved lives of 300 soldiers in 11 years
बस्तर का गरुड़

बस्तर के नक्सल मोर्चो पर तैनात यह हेलीकॉप्टर और एयर फोर्स के गरुड़ कमांडो जवानों के लिए देव दूत का काम करते हैं. घटना स्थल से घायल जवानों को रेस्क्यू कर नजदीकी स्वास्थ केंद्र पहुंचाकर जवानों की जान बचाते हैं. पुलिस विभाग से मिली आकड़ों के मुताबिक बस्तर संभाग में पिछले 11 सालों में 300 से अधिक जवानों की जान इन हेलीकॉप्टर की मदद से गरुड़ कमांडो ने बचाई है.

पढ़ें- केशकाल गैंगरेप: हिरासत में 5 आरोपी, कोर्ट में पेश करने की तैयारी, SIT कर रही है जांच


बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने फोन पर चर्चा करते हुए बताया कि बस्तर में पिछले 11 सालों से एयरफोर्स लगातार अपनी सेवा दे रही है. हेलीकॉप्टर घायल जवानों को विकट परिस्थितियों में भी घटना स्थल से अपनी जान जोखिम में डाल कर रेस्क्यू कर लाती है और जवानों की जान बचाने का काम करती है.

बस्तर में लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है और इस दौरान सर्चिंग पर निकले जवानों का सामना कभी भी नक्सलियों से होता रहता है. ऐसे में मुठभेड़ में जवानों को जब गोली लगती है या जवान नक्सलियों द्वारा किये ब्लास्ट की चपेट में आते हैं, जिससे जवानों की हालात घटना स्थल पर गंभीर हो जाती है. तब पैदल जवानों को तुरंत वापस लाना काफा मुश्किल हो जाता है. ऐसे जगहों पर वायु सेना के हेलीकाप्टर की मदद से जवानों को एयर लिफ्ट कराया जाता है. गौरतलब है कि 10 साल पूर्व नक्सलियों ने वायु सेना के एक MI-17 हेलीकॉप्टर पर गोलियों से हमला कर दिया था. जिसमें एक पायलट की मौत हो गई थी, बावजूद इसके बस्तर में तैनात पायलट और गरुड़ कमांडो का मनोबल कम नहीं हुआ और पिछले 11 सालों से बस्तर में बखूबी अपनी सेवा देने के साथ बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रो में जवानों की जान बचाने के साथ पुलिस कैम्पों में रसद भी पहुंचाते हैं.

जगदलपुर: नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में भारतीय वायुसेना के दो MI-17 हेलीकॉप्टर पिछले 11 सालों से बस्तर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. नक्सल मोर्चे पर भारतीय वायुसेना के ये दोनों हेलीकॉप्टर बस्तर में तैनात जवानों के लिए संजीवनी साबित हो रहे हैं. बीते 11 सालों में भारतीय वायु सेना के दोनों हेलीकॉप्टर की मदद से 300 से अधिक जवानों की जान बचाई गई है. पुलिस नक्सली मुठभेड़ या आईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में इन हेलीकॉप्टर की मदद से घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर समय पर जवानों को इलाज मिलने से उनकी जान बची है.

Bastar Garud saved lives of 300 soldiers in 11 years
बस्तर का गरुड़

बस्तर के नक्सल मोर्चो पर तैनात यह हेलीकॉप्टर और एयर फोर्स के गरुड़ कमांडो जवानों के लिए देव दूत का काम करते हैं. घटना स्थल से घायल जवानों को रेस्क्यू कर नजदीकी स्वास्थ केंद्र पहुंचाकर जवानों की जान बचाते हैं. पुलिस विभाग से मिली आकड़ों के मुताबिक बस्तर संभाग में पिछले 11 सालों में 300 से अधिक जवानों की जान इन हेलीकॉप्टर की मदद से गरुड़ कमांडो ने बचाई है.

पढ़ें- केशकाल गैंगरेप: हिरासत में 5 आरोपी, कोर्ट में पेश करने की तैयारी, SIT कर रही है जांच


बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने फोन पर चर्चा करते हुए बताया कि बस्तर में पिछले 11 सालों से एयरफोर्स लगातार अपनी सेवा दे रही है. हेलीकॉप्टर घायल जवानों को विकट परिस्थितियों में भी घटना स्थल से अपनी जान जोखिम में डाल कर रेस्क्यू कर लाती है और जवानों की जान बचाने का काम करती है.

बस्तर में लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन भी चलाया जा रहा है और इस दौरान सर्चिंग पर निकले जवानों का सामना कभी भी नक्सलियों से होता रहता है. ऐसे में मुठभेड़ में जवानों को जब गोली लगती है या जवान नक्सलियों द्वारा किये ब्लास्ट की चपेट में आते हैं, जिससे जवानों की हालात घटना स्थल पर गंभीर हो जाती है. तब पैदल जवानों को तुरंत वापस लाना काफा मुश्किल हो जाता है. ऐसे जगहों पर वायु सेना के हेलीकाप्टर की मदद से जवानों को एयर लिफ्ट कराया जाता है. गौरतलब है कि 10 साल पूर्व नक्सलियों ने वायु सेना के एक MI-17 हेलीकॉप्टर पर गोलियों से हमला कर दिया था. जिसमें एक पायलट की मौत हो गई थी, बावजूद इसके बस्तर में तैनात पायलट और गरुड़ कमांडो का मनोबल कम नहीं हुआ और पिछले 11 सालों से बस्तर में बखूबी अपनी सेवा देने के साथ बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रो में जवानों की जान बचाने के साथ पुलिस कैम्पों में रसद भी पहुंचाते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.