बस्तरः देश ने भले ही तरक्की क्यों न कर ली हो, चंद्रमा पर चंद्रयान-2 भेज चुके हो, डिजिटल युग में जी रहे हो, लेकिन इन सब से इतर आज भी लोग आपस में एक दूसरे से लड़ रहे हैं. समाज, धर्म, कौम की दुहाई दे रहे हैं. ऐसा ही एक मामला जगदलपुर शहर से लगे गांव डोगाम में देखने को मिला है. यहां दो विशेष समाज के लोग एक व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसका अंतिम सस्कार छोड़ विवाद में उलझे हुए हैं. मौत पर इंसानियत भूल आपस में लड़ रहे हैं. समाज के ठेकेदार जमकर सियासत का गंदा खेल खेल रहे हैं. शर्म है समाज के ऐसे ठेकेदारों पर, जो मौत पर भी राजनीति और सियासत कर रहे हैं.
दरअसल, डोगाम में एक ग्रामीण की मौत होने के बाद उसके शव को दफनाने के लिए गांव के लोगों ने जमीन देने से इंकार कर दिया. इस कारण दो वर्ग के बीच मामला तुल पकड़ लिया है और विवाद बढ़ गया है. मामले को शांत करना के लिए प्रशासन व पुलिस टीम को मौके पर पहुंची.
श्मशान जमीन बांटने का निर्देश
प्रशासनिक अधिकारियों ने जमीन विवाद को सुलझाने के लिए तहसीलदार और पटवारी को दोनों समाज के लिए अलग- अलग श्मशान जमीन बांटने का निर्देश दिया है. इसके लिए प्रशासन ने विरोध कर रहे ग्रामीणों से दो दिन की मोहलत मांगी है, जिससे समस्या का हल बातचीत करके निकाला जा सके.
अन्य धर्म को अपनाने की बात
बता दें कि ग्राम डोगाम के पकलू (उम्र 55) की अज्ञात कारणों से मौत हो गई है. मृतक ने कुछ साल पहले एक अन्य धर्म को अपनाया था. मौत बाद मृतक के परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए शव को जाटम गांव के श्मशान लेकर पहुंचे, लेकिन वहां ग्रामीणों ने शव को श्मशान में दफनाने से रोक दिया. इसके बाद परिजन शव को वापस अपने गांव डोगाम के श्मशान घाट लेकर पहुंचे और वहां पर शव को दफना दिया. इसकी सूचना मिलते ही डोगाम निवासियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.
प्रशासन को करना पड़ा हस्तक्षेप
ग्रामीणों का कहना है कि 'मृतक किसी अन्य धर्म का अनुयायी था. हम अपने श्मशान की जमीन में किसी अन्य धर्म के अनुयायी को दफनाने नहीं देंगे'. इसके बाद दफनाए गए शव को निकालने के लिए पंच, सरपंच और ग्रामीण इकट्टा हो गए, जिसे लेकर दो गुटों के बीच विवाद शुरू हो गया है. दोनों में विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया है कि मामले को सुलझाने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर हस्तक्षेप करना पड़ा. हस्तक्षेप के बाद मृतक के परिजन चले गए, लेकिन मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है.