बस्तर: देश में फैली कोरोना महामारी की वजह से किए गए लॉकडाउन के बाद से प्रदेश के कई जिलों के मजदूर बाहर राज्यों में फंसे हुए थे, जिन्हें लाने का प्रयास किया गया. इसी बीच रविवार को तमिलनाडु के रोयापुरम और चेन्नई के सालेम से बस्तर संभाग के लगभग 24 नाबालिग लड़के-लड़कियों और 3 महिलाओं को बाल संरक्षण इकाई ने रेस्क्यू कर वापस जगदलपुर लाया है.
ये सभी वहां मजदूरी करने के लिए गए हुए थे. सभी ग्रामीण मजदूर तमिलनाडु राज्य के रेलवे स्टेशन, ईंट भट्ठी और पॉल्ट्री फॉर्म में काम करते थे, जहां से इन्हें रेस्क्यू कर बालगृह तमिलनाडु के रोयापुरम और सालेम में रखा गया था. जगदलपुर से गई एक टीम ने नाबालिगों और महिलाओं को रेस्क्यू किया और इन्हें जगदलपुर लाया गया.
मजदूरी वसूलकर सौंपा गया
बाल कल्याण समिति जगदलपुर के आदेश के बाद सभी नाबालिगों का पुनर्वास करने के लिए उनके निवास स्थान से संबंधित जिला बाल संरक्षण इकाई को सौंपा गया है, साथ ही नाबालिगों और महिलाओं के ईंट-भट्ठी और पॉल्ट्री फॉर्म में किए गए मजदूरी कार्य के लगभग 1 लाख 37 हजार 577 रुपये प्रबंधक से वसूल कर उन्हें दिया है.
बस्तर संभाग के इन जिलों के हैं मजदूर
सौंपे गए नाबालिग लड़के-लड़कियों में बस्तर संभाग के नारायणपुर के 2 लड़के, 9 लड़कियां और 1 महिला, कोंडागांव की 5 लड़कियां और 2 महिलाएं, कांकेर जिले के 4 लड़के और एक लड़की शामिल है. इन सभी को जिला बाल संरक्षण इकाई को सौंपा गया है.
जशपुर और रायपुर के एक-एक लड़के
जशपुर और रायपुर के जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित नहीं होने के कारण जशपुर और रायपुर के 1-1 बालक को जगदलपुर के बाल गृह में रखा गया है, जिन्हें संबंधित जिले के अधिकारी-कर्मचारी के उपस्थिति में सौंपने का आदेश जारी किया गया है.