बलौदाबाजार: एक और जहां जिले में फर्जी डॉक्टरों के इलाज करने से लोगों की मौत हो रही है, वहीं सरकारी अस्पताल में भी इलाज के दौरान युवक रोशन वर्मा की मौत हो गई.
इलाज के दौरान हुई मौत
मामला बलौदाबाजार के जिला अस्पताल का है, जहां सड़क हादसे में घायल रोशन को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. युवक के परिजन का आरोप है कि डॉक्टरों की ओर से इलाज में लापरवाही की गई.
जिला अस्पताल में कराया गया था भर्ती
युवक की मौत के बाद इलाके के युवा इलाज करने वाले डॉक्टर ओर नर्स के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे हैं. रोशन वर्मा को अस्पताल में भर्ती कराने आए उनके मित्र ने बताया कि 27 मई की रात सड़क दुर्घटना के बाद युवक को पहले रावण अंबुजा सीमेंट के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं होने पर वो उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे.
सही से इलाज नहीं करने का आरोप
युवकों का आरोप है कि जिला अस्पताल में घायल का सही तरीके से इलाज नहीं किया गया. वहीं 27 मई को भर्ती कराने के बाद 28 मई की सुबह तक किसी डॉक्टर को यह जानकारी नहीं थी कि रोशन वर्मा नाम का कोई मरीज अस्पताल में भर्ती हुआ है. मृतक के परिजन एवं रोशन के मित्रों ने जिला अस्पताल का घेराव कर लापरवाही करने वाले डॉक्टर और नर्स को निलंबित करने की मांग कर रहे हैं.
सेकेंड फ्लोर में किया गया था भर्ती
रोशन के दोस्तों का कहना है कि घायल रोशन को जिला अस्पताल के सेकेंड फ्लोर में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टर को सूचना ही नहीं थी. वहीं प्रबंधन ने बताया कल रात युवक को भर्ती किया गया था.
शिफ्ट चेंज होने पर डॉक्टर को नहीं दी जानकारी
फर्स्ट फ्लोर के वार्ड भरे होने की वजह से रोशन को दूसरे फ्लोर के वॉर्ड में भर्ती किया गया था. लेकिन नाइट शिफ्ट के डॉक्टर और नर्स ने शिफ्ट चेंज होने के दौरान मॉर्निंग शिफ्ट वाले डॉक्टर को जानकारी नहीं दी की दूसरे फ्लोर में कोई मरीज भर्ती है और इसी वजह से सुबह के समय किसी भी डॉक्टर ने रोशन का इलाज नहीं किया.
परिवार का इकलौता सहारा था रोशन
रोशन उर्फ मोहन वर्मा परिवार का इकलौता सहारा था. परिवार में माता-पिता और एक भाई है जिसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. रौशन की कमाई से ही उसका परिवार चलता है.
बातचीत कर रहा था घायल युवक
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन अभय सिंह परिहार ने बताया कि 'युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इलाज के दौरान उसका एक्सरे भी लिया गया था. जिस वक्त उसे भर्ती कराया गया था, उस दौरान युवक बातचीत कर रहा था.
इलाज के दौरान तोड़ा दम
युवक के परिजनों ने बताया कि 28 मई की सुबह युवक अच्छे से बात कर रहा था. इसी दौरान अचानक उसकी तबियत खराब होने लगी, जिसके बाद उसे कैजुअल्टी में भर्ती कराया गया और इसके कुछ समय बाद ही मौत हो गई
निलंबित की हुई अनुशंसा
CMHO का कहना है कि मौत के बाद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने बताया कि घटना में लापरवाही हुई है और रात ड्यूटी पर रहने वाले डॉ भरत साहू और नर्स पिकी टंडन, सरिता लहरे, शिवानी यादव के खिलाफ निलंबन की अनुशंसा मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी के पास भेजी गई है.