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'रेडी टू ईट' बनाने वाले महिला समूह ने परियोजना अधिकारी पर लगाया रिश्वत मांगने का आरोप

भारतीय महिला स्वसहायता समूह के अध्यक्ष ने भटगांव परियोजना अधिकारी पर 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है.

स्व सहायता सदस्य की महिलाएं
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Published : Sep 17, 2019, 3:23 PM IST

Updated : Sep 17, 2019, 3:36 PM IST

बलौदाबाजार: भटगांव परियोजना के अंतर्गत 'रेडी टू ईट' बनाने वाली सरसींवा सेक्टर की महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने भटगांव परियोजना अधिकारी पर तीन लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है.

बताया जा रहा है कि भटगांव एकीकृत बाल विकास परियोजना के अंतर्गत आने वाले सेक्टर सरसिंवा की भारतीय महिला स्वसहायता समूह साल 2009 से 'रेडी टू ईट फूड' का संचालन करती आ रही हैं. लेकिन 8 सितम्बर 2019 को जिला कार्यक्रम अधिकारी की ओर से सेक्टर से पृथक का आदेश जारी किया गया. जबकि 8 सितम्बर 2015 को समूह और परियोजना विभाग भटगांव के बीच 5 साल के लिए अनुबंध किया गया था, बावजूद इसके परियोजना विभाग भटगांव के द्वारा समय से पहले अनुबंध समाप्त कर सेक्टर से अलग कर दिया गया है.

रिश्वत की मांग की गई थी
वहीं दूसरी ओर भारतीय महिला स्वसहायता समूह के अध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि भटगांव परियोजना अधिकारी की ओर से 3 लाख रुपये के रिश्वत की मांग की गई थी.

उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
महिला समूह आरोप लगाया कि इस मामले की शिकायत उनके द्वारा जिला स्तर पर भी की जा चुकी है, लेकिन वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद महिला समूह की कार्यकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. इतना ही नहीं महिला समूह ने भटगांव परियोजना में कार्यरत लिपिक पर घर पहुंच कर डराने-धमकाने और बकाया राशि न देने की धमकी देने का आरोप लगाया है.

जांच का आश्वासन
वहीं रुपयों के लेनदेन के संगीन आरोप के मामले में विभाग का कहना है कि उनके द्वारा किसी तरह की राशि की मांग नहीं की गई है, लेकिन जिस आत्मविश्वास से विभाग को चेक देने की बात महिला समूह कह रही है वो जांच का विषय है.

बलौदाबाजार: भटगांव परियोजना के अंतर्गत 'रेडी टू ईट' बनाने वाली सरसींवा सेक्टर की महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने भटगांव परियोजना अधिकारी पर तीन लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है.

बताया जा रहा है कि भटगांव एकीकृत बाल विकास परियोजना के अंतर्गत आने वाले सेक्टर सरसिंवा की भारतीय महिला स्वसहायता समूह साल 2009 से 'रेडी टू ईट फूड' का संचालन करती आ रही हैं. लेकिन 8 सितम्बर 2019 को जिला कार्यक्रम अधिकारी की ओर से सेक्टर से पृथक का आदेश जारी किया गया. जबकि 8 सितम्बर 2015 को समूह और परियोजना विभाग भटगांव के बीच 5 साल के लिए अनुबंध किया गया था, बावजूद इसके परियोजना विभाग भटगांव के द्वारा समय से पहले अनुबंध समाप्त कर सेक्टर से अलग कर दिया गया है.

रिश्वत की मांग की गई थी
वहीं दूसरी ओर भारतीय महिला स्वसहायता समूह के अध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि भटगांव परियोजना अधिकारी की ओर से 3 लाख रुपये के रिश्वत की मांग की गई थी.

उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
महिला समूह आरोप लगाया कि इस मामले की शिकायत उनके द्वारा जिला स्तर पर भी की जा चुकी है, लेकिन वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद महिला समूह की कार्यकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. इतना ही नहीं महिला समूह ने भटगांव परियोजना में कार्यरत लिपिक पर घर पहुंच कर डराने-धमकाने और बकाया राशि न देने की धमकी देने का आरोप लगाया है.

जांच का आश्वासन
वहीं रुपयों के लेनदेन के संगीन आरोप के मामले में विभाग का कहना है कि उनके द्वारा किसी तरह की राशि की मांग नहीं की गई है, लेकिन जिस आत्मविश्वास से विभाग को चेक देने की बात महिला समूह कह रही है वो जांच का विषय है.

Intro:बलौदाबाजार - छत्तीसगढ़ में नौनिहालों को कुपोषण से बचाने के मुख्यमंत्री शिशु शक्ति आहार योजना के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट प्रदाय की जाती है लेकिन बलौदाबाजार जिले में इस योजना पर भ्रष्टाचारियों का काला ग्रहण लग चुका है जिले के भटगांव परियोजना के अंतर्गत रेडी टू ईट बनाने वाली सरसींवा सेक्टर के महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों ने भटगांव परियोजना अधिकारी के ऊपर तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगने का संगीन आरोप लगाया है।

Body:दरअसल बलौदाबाजार जिले के एकीकृत बाल विकास परियोजना भटगांव के अंतर्गत आने वाले सेक्टर सरसिंवा के भारती महिला स्वसहायता समूह बिलासपुर सन 2009 से रेडी टू ईट फूड संचालन करते आ रहे है, जिन्हें अचानक 8 सितम्बर 19 को जिला कार्यक्रम अधिकारी बलौदाबाजार द्वारा सेक्टर से पृथक का आदेश जारी किया गया जबकि
8 सितम्बर 2015 को समूह और परियोजना विभाग भटगांव के बीच 5 वर्ष के लिए अनुबंध किया गया था,
बावजूद इसके परियोजना विभाग भटगांव के द्वारा समय से पहले अनुबंध समाप्त कर सेक्टर से पृथक कर दिया गया है.
वहीं दूसरी ओर भारती महिला स्वसहायता समूह के अध्यक्ष ने गंम्भीर आरोप लगाते हुए बताया की भटगांव परियोजना अधिकारी द्वारा 3 लाख रुपये का रिश्वत की मांग की गई थी, और समूह के अध्यक्ष द्वारा परियोजना अधिकारी भटगांव के हितैषी रिश्तेदार के खाते में चेक के माध्यम से 60 हजार रुपए दिया गया है जबकि विभाग के ही सुपरवाइजर को 40,000 चालीस हजार और विभागीय लिपिक बंजारे को 30,000 तीस हजार रुपए नगद दिया गया , साथ ही साथ भटगांव परियोजना अधिकारी को लगभग 200000 दो लाख रुपए और देना बताया गया।

महिला समूह ने आगे आरोप लगाते हुए बताया कि इस मामले कि शिकायत उनके द्वारा जिला स्तर पर भी की जा चुकी है लेकिन वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं जिसके बाद महिला समूह की कार्यकर्ताओं ने माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, इतना ही नहीं महिला समूह ने भटगांव परियोजना में कार्यरत लिपिक के ऊपर भी आरोप लगाते हुए कहा कि बंजारे ने विभाग से पृथक होने के बाद समूह के निवास स्थान पहुँच कर किसी प्रकार की शिकायत की तो उन्हें जेल भेजवा देंगे और साथ ही साथ शासन से रुकी हुई राशि को आहरण कर नही देंने का धमकी भी दिया गया है, वहीं रुपयों के लेन देन के संगीन आरोप के मामले में विभाग का कहना है कि उनके द्वारा किसी तरह की राशि की मांग नहीं की गई है,लेकिन जिस आत्मविश्वास से विभाग को चेक देने की बात महिला समूह कह रही है वो जांच का विषय है और जांच के बाद जो आरोप प्रत्यारोप का दौर महिला बाल विकास विभाग और महिला समूह के बीच चल रही वो जांच के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी होगा।Conclusion:बाईट 01- मालती महिलांगे - स्वसहायता समूह के अध्यक्ष

बाईट 02- समूह के सदस्य।

बाईट 03 - चितरंजन बंजारे - लिपिक परियोजना भटगांव
Last Updated : Sep 17, 2019, 3:36 PM IST
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