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नर्स की लापरवाही ने छीना मासूमों के सिर से मां का साया, नसबंदी कराने आई थी पीड़िता - छीना मासूमों के सिर से मां का साया

नर्स की लापरवाही ने इन मासूमों के सिर से मां का साया छीन लिया है. इस घटना ने नसबंदी कांड की यादें ताजा कर दी हैं.

मासूमों के सिर से मां का साया
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Published : May 25, 2019, 11:01 PM IST

Updated : May 26, 2019, 11:51 AM IST

बलौदाबाजार: इस खूबसूरत बचपन से वो साया सिर से उठ गया है, जिसके सहारे उन्हें दुनिया देखनी थी, दुनियादारी सीखनी थी, जिसकी उंगली पकड़कर चलना था, जिसके सहारे बढ़ना है. नर्स की लापरवाही ने इन मासूमों के सिर से मां का साया छीन लिया है. इस घटना ने नसबंदी कांड की यादें ताजा कर दी हैं.

नसबंदी कराने आई पीड़िता की मौत

बलौदा बाजार के पलारी ब्लॉक के गुमा गांव की रहने वाली पूर्णिमा की मौत की वजह नर्स के घर हुई नसंबदी है. पूर्णिमा अपने पिता की तबीयत खराब होने पर मायके आई हुई थी. परिजनों की सलाह पर उसने नसबंदी कराने का फैसला लिया. सलाह लेने के लिए शहर के रामसागर तालाब पर रहने वाली नर्स डागेश्वरी यदु के पास पहुंची, तो नर्सं ने खुद ही ऑपरेशन कर देने की बात कही.

नर्स ने घर में की नसबन्दी

इसी बीच बालौद बाजार पूर्व सीएमएचओ प्रमोद तिवारी की मदद से नर्स डागेश्वरी यदु ने 20 मई को अपने ही घर में पूर्णिमा की नसबन्दी कर दी और 3 घंटे बाद उसे छुट्टी दे दी. पूर्णिमा जब घर लौटी तो 22 तारीख को फिर उसकी तबीयत खराब हो गई. रात 8 बजे परिजन नर्स के घर फिर पहुंचे, जिसके बाद इलाज करके फिर छुट्टी दे दी गई. 23 को फिर पूर्णिमा की तबीयत खराब होने पर घरवाले उसे लेकर पहुंचे, तो पूर्व सीएमएचओ प्रमोद तिवारी वहां मौजूद थे.

3 महीने पहले ही जुड़वा बच्चों को दिया था जन्म

वहां से आनन-फानन में प्रमोद तिवारी पीड़िता को लेकर अपने बेटे के निजी नर्सिंग होम आए. हालत बिगड़ते देख उसे रायपुर के आरोग्य अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. बता दें कि पूर्णिमा ने 3 महीने पहले ही जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था.

प्रमोद तिवारी ने दी मामले में सफाई

नर्स डागेश्वरी यदु खैंदा उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ है और उसने अपने घर पर ही अस्पताल खोल रखा है, जहां वह ऑपरेशन और डिलीवरी कराती है और मरीजों का इलाज करने का दावा करती है. इससे पूर्व में भी डागेश्वरी को सस्पेंड किया गया है और इन्हीं कामों के चलते दो बार जेल भी जा चुकी हैं. इतना सब होने के बाद भी उसकी हरकतें जारी है. वह फरार है और अपना मोबाइल भी बंद कर रखी है. प्रमोद तिवारी ने इस मामले में अपनी सफाई भी दी है.

वहीं इस मामले में कलेक्टर और सीएमएचओ का कहना है कि जिन लोगों ने ऐसा काम किया है, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पूर्णिमा का विवाह बेमेतरा के राजू से हुआ था. उसके 4 बच्चे हैं. 3 माह पहले ही पूर्णिमा ने दो जुड़वा बच्चे को जन्म दिया था. अब 4 बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया है और इसका जिम्मेदार पूरा सिस्टम है, जिसने इन बच्चों से उनकी मां छीन ली.

बलौदाबाजार: इस खूबसूरत बचपन से वो साया सिर से उठ गया है, जिसके सहारे उन्हें दुनिया देखनी थी, दुनियादारी सीखनी थी, जिसकी उंगली पकड़कर चलना था, जिसके सहारे बढ़ना है. नर्स की लापरवाही ने इन मासूमों के सिर से मां का साया छीन लिया है. इस घटना ने नसबंदी कांड की यादें ताजा कर दी हैं.

नसबंदी कराने आई पीड़िता की मौत

बलौदा बाजार के पलारी ब्लॉक के गुमा गांव की रहने वाली पूर्णिमा की मौत की वजह नर्स के घर हुई नसंबदी है. पूर्णिमा अपने पिता की तबीयत खराब होने पर मायके आई हुई थी. परिजनों की सलाह पर उसने नसबंदी कराने का फैसला लिया. सलाह लेने के लिए शहर के रामसागर तालाब पर रहने वाली नर्स डागेश्वरी यदु के पास पहुंची, तो नर्सं ने खुद ही ऑपरेशन कर देने की बात कही.

नर्स ने घर में की नसबन्दी

इसी बीच बालौद बाजार पूर्व सीएमएचओ प्रमोद तिवारी की मदद से नर्स डागेश्वरी यदु ने 20 मई को अपने ही घर में पूर्णिमा की नसबन्दी कर दी और 3 घंटे बाद उसे छुट्टी दे दी. पूर्णिमा जब घर लौटी तो 22 तारीख को फिर उसकी तबीयत खराब हो गई. रात 8 बजे परिजन नर्स के घर फिर पहुंचे, जिसके बाद इलाज करके फिर छुट्टी दे दी गई. 23 को फिर पूर्णिमा की तबीयत खराब होने पर घरवाले उसे लेकर पहुंचे, तो पूर्व सीएमएचओ प्रमोद तिवारी वहां मौजूद थे.

3 महीने पहले ही जुड़वा बच्चों को दिया था जन्म

वहां से आनन-फानन में प्रमोद तिवारी पीड़िता को लेकर अपने बेटे के निजी नर्सिंग होम आए. हालत बिगड़ते देख उसे रायपुर के आरोग्य अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. बता दें कि पूर्णिमा ने 3 महीने पहले ही जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था.

प्रमोद तिवारी ने दी मामले में सफाई

नर्स डागेश्वरी यदु खैंदा उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ है और उसने अपने घर पर ही अस्पताल खोल रखा है, जहां वह ऑपरेशन और डिलीवरी कराती है और मरीजों का इलाज करने का दावा करती है. इससे पूर्व में भी डागेश्वरी को सस्पेंड किया गया है और इन्हीं कामों के चलते दो बार जेल भी जा चुकी हैं. इतना सब होने के बाद भी उसकी हरकतें जारी है. वह फरार है और अपना मोबाइल भी बंद कर रखी है. प्रमोद तिवारी ने इस मामले में अपनी सफाई भी दी है.

वहीं इस मामले में कलेक्टर और सीएमएचओ का कहना है कि जिन लोगों ने ऐसा काम किया है, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पूर्णिमा का विवाह बेमेतरा के राजू से हुआ था. उसके 4 बच्चे हैं. 3 माह पहले ही पूर्णिमा ने दो जुड़वा बच्चे को जन्म दिया था. अब 4 बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया है और इसका जिम्मेदार पूरा सिस्टम है, जिसने इन बच्चों से उनकी मां छीन ली.

मासूम छोटे छोटे बच्चे रोते।हुए
Last Updated : May 26, 2019, 11:51 AM IST
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