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अंधविश्वास में महिला ने खुद को लगाई आग, 4 दिन तक लाश की पूजा करता रहा परिवार - अंधविश्वास के कारण मौत

भाटापारा से 10 किलोमीटर दूर रानी जरौद में अंधविश्वास के चलते एक महिला की मौत हो गई. पुलिस ने महिला की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और जांच में जुट गई है.

Woman set herself on fire
अंधविश्वास ने ली जान
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Published : Dec 19, 2020, 7:17 PM IST

Updated : Dec 19, 2020, 9:42 PM IST

बलौदाबाजार/भाटापारा: भाटापारा से लगभग 10 किलोमीटर दूर रानी जरौद गांव में अंधविश्वास की अजीबो-गरीब घटना सामने आई है. अंधविश्वास की वजह से एक महिला बलि की भेंट चढ़ गई. दरअसल, गांव में रहने वाली एक महिला ने 4 दिन पहले खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी और परिवार के लोगों ने इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी. लाश से आ रही बदबू से लोगों को घटना को जानकारी मिली. स्थानीय निवासियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी.

अंधविश्वास ने ली महिला की जान

पुलिस ने बताया कि मृतक महिला का परिवार खुजली की बीमारी से परेशान था. खुजली का इलाज डॉक्टर से कराया गया लेकिन बीमारी और बढ़ गई. जिसके बाद मृतक महिला और परिवार के लोगों ने झाड़ फूंक और पूजापाठ का रास्ता अपनाया. परिवार वालों का मानना था कि 18 दिसंबर को बलि देने के बाद महिला जिंदा हो जाएगी और परिवार को रोग से मुक्ति मिल जाएगी.

लाश से बदबू आने के बाद मामले का हुआ खुलासा

अंधविश्वास में आकर 15 दिसंबर की रात 1 बजे मिट्टी का तेल छिड़क कर महिला ने अपने आप को आग के हवाले कर दिया. परिवार के लोगों ने जली हुई लाश को एक कुर्सी पर रखा और उसकी पूजापाठ करने लगे. परिवारवालों ने घटना की जानकारी किसी को भी नहीं दी. परिवार महिला के जिंदा होने को इंतजार करने लगा. 4 दिन बीत जाने के बाद भी जब महिला नहीं जगी और उसकी लाश से बदबू आने लगी तो आसपास के लोगों को घटना की जानकारी हुई.

पढ़ें- आस्था या अंधविश्वास: महिलाओं को लिटाकर उनके ऊपर चलते हैं बैगा, जानिए क्यों

कोटवार और सरपंच ने सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और ग्राम रानी जरौद पहुंच कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पुलिस ने बताया कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

बलौदाबाजार/भाटापारा: भाटापारा से लगभग 10 किलोमीटर दूर रानी जरौद गांव में अंधविश्वास की अजीबो-गरीब घटना सामने आई है. अंधविश्वास की वजह से एक महिला बलि की भेंट चढ़ गई. दरअसल, गांव में रहने वाली एक महिला ने 4 दिन पहले खुद को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी और परिवार के लोगों ने इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी. लाश से आ रही बदबू से लोगों को घटना को जानकारी मिली. स्थानीय निवासियों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी.

अंधविश्वास ने ली महिला की जान

पुलिस ने बताया कि मृतक महिला का परिवार खुजली की बीमारी से परेशान था. खुजली का इलाज डॉक्टर से कराया गया लेकिन बीमारी और बढ़ गई. जिसके बाद मृतक महिला और परिवार के लोगों ने झाड़ फूंक और पूजापाठ का रास्ता अपनाया. परिवार वालों का मानना था कि 18 दिसंबर को बलि देने के बाद महिला जिंदा हो जाएगी और परिवार को रोग से मुक्ति मिल जाएगी.

लाश से बदबू आने के बाद मामले का हुआ खुलासा

अंधविश्वास में आकर 15 दिसंबर की रात 1 बजे मिट्टी का तेल छिड़क कर महिला ने अपने आप को आग के हवाले कर दिया. परिवार के लोगों ने जली हुई लाश को एक कुर्सी पर रखा और उसकी पूजापाठ करने लगे. परिवारवालों ने घटना की जानकारी किसी को भी नहीं दी. परिवार महिला के जिंदा होने को इंतजार करने लगा. 4 दिन बीत जाने के बाद भी जब महिला नहीं जगी और उसकी लाश से बदबू आने लगी तो आसपास के लोगों को घटना की जानकारी हुई.

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कोटवार और सरपंच ने सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और ग्राम रानी जरौद पहुंच कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पुलिस ने बताया कि जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Dec 19, 2020, 9:42 PM IST
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