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बलौदाबाजार जिला अस्पताल को सैनिटाइजर बनाने में मिली कामयाबी - बालौदाबाजार में सैनिटाईजर बनाने में कामयाबी

कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने स्पिरिट के जरिये सैनिटाइजर बनाने के लिए जिला अस्पताल को लाइसेंस प्रदान कर दिया है. बलौदाबाजार राज्य में प्रथम जिला है जिसने सैनिटाईजर की समस्या का तोड़ निकाला है.

Success in making sanitizer at local level
बलौदाबाजार जिला अस्पताल में बना सैनिटाइजर
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Published : Mar 24, 2020, 9:31 PM IST

बलौदाबाजार - कोरोना वायरस से बचाव के रूप में सैनिटाइजर की भूमिका सामने आने के बाद से बाजार में इसकी मांग बढ़ गई है. साथ ही इसकी अपूर्ति, मांग के अनुसार पूरी नहीं हो पा रही थी. लिहाजा जिला प्रशासन ने इसे सरकारी अस्पताल में बनाने का निर्णय लिया है.कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने स्पिरिट के जरिये सैनिटाइजर बनाने के लिए जिला अस्पताल को लाइसेंस प्रदान कर दिया है. बलौदाबाजार राज्य में प्रथम जिला है जिसने सैनिटाईजर की समस्या का तोड़ निकाला है.

स्थानीय स्तर पर सैनिटाइजर बनाने में मिली कामयाबी

लाइसेंस मिलने के बाद जिला अस्पताल में स्पिरिट से सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू कर दिया गया हैं. पहली बार में लगभग सवा 4 सौ लीटर सैनिटाइजर तैयार किया गाय है. अस्पताल में इस्तेमाल के बाद इसे पुलिस विभाग, जेल सहित अन्य जरूरतमंद विभागों को भी बेचा जा रहा है.

महिला समूह को भी मिलेगी मदद

कुछ महिला स्व सहायता समूह से भी इसे बेचने को लेकर समझौता हुआ है. वे जिला अस्पताल से इसे खरीद कर जरूरतमंद लोगों को बेचेंगी. इससे उनकी भी अतिरिक्त आमदनी का रास्ता खुल गया है. इस प्रकार यह सैनिटाइजरआपात स्थिति में जरूरत को पूरी करने के साथ ही महिला समूहों की अतिरिक्त आमदनी का बढ़िया जरिया बन गया है. महिला समूहों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें अत्यंत रियायती दर 70 रूपए प्रति लीटर पर उपलब्ध कराया गया है. महिलाएं इसे 200 रूपये प्रति 100 एमएल के हिसाब से बेच सकेंगी.

स्पिरिट से सैनिटाइजर बनाने वाले प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों ने इसे बनाया. बाकायदा इसका परीक्षण भी किया गया. परीक्षण की माने तो यह सैनिटाइजर बाजार से कम दाम पर उपलब्ध है और इसकी क्वालिटी भी दूसरे सैनिटाइजर से अच्छी है.

बलौदाबाजार - कोरोना वायरस से बचाव के रूप में सैनिटाइजर की भूमिका सामने आने के बाद से बाजार में इसकी मांग बढ़ गई है. साथ ही इसकी अपूर्ति, मांग के अनुसार पूरी नहीं हो पा रही थी. लिहाजा जिला प्रशासन ने इसे सरकारी अस्पताल में बनाने का निर्णय लिया है.कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने स्पिरिट के जरिये सैनिटाइजर बनाने के लिए जिला अस्पताल को लाइसेंस प्रदान कर दिया है. बलौदाबाजार राज्य में प्रथम जिला है जिसने सैनिटाईजर की समस्या का तोड़ निकाला है.

स्थानीय स्तर पर सैनिटाइजर बनाने में मिली कामयाबी

लाइसेंस मिलने के बाद जिला अस्पताल में स्पिरिट से सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू कर दिया गया हैं. पहली बार में लगभग सवा 4 सौ लीटर सैनिटाइजर तैयार किया गाय है. अस्पताल में इस्तेमाल के बाद इसे पुलिस विभाग, जेल सहित अन्य जरूरतमंद विभागों को भी बेचा जा रहा है.

महिला समूह को भी मिलेगी मदद

कुछ महिला स्व सहायता समूह से भी इसे बेचने को लेकर समझौता हुआ है. वे जिला अस्पताल से इसे खरीद कर जरूरतमंद लोगों को बेचेंगी. इससे उनकी भी अतिरिक्त आमदनी का रास्ता खुल गया है. इस प्रकार यह सैनिटाइजरआपात स्थिति में जरूरत को पूरी करने के साथ ही महिला समूहों की अतिरिक्त आमदनी का बढ़िया जरिया बन गया है. महिला समूहों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें अत्यंत रियायती दर 70 रूपए प्रति लीटर पर उपलब्ध कराया गया है. महिलाएं इसे 200 रूपये प्रति 100 एमएल के हिसाब से बेच सकेंगी.

स्पिरिट से सैनिटाइजर बनाने वाले प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों ने इसे बनाया. बाकायदा इसका परीक्षण भी किया गया. परीक्षण की माने तो यह सैनिटाइजर बाजार से कम दाम पर उपलब्ध है और इसकी क्वालिटी भी दूसरे सैनिटाइजर से अच्छी है.

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