बलौदाबाजार : जिला कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने नए शिक्षा सत्र के लिए आगामी कार्य योजना की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि अगर कक्षा के समय में बच्चे स्कूल के बाहर दिखाई दिए तो इसके लिए शिक्षक, प्रिंसिपल और प्रधान अध्यापक जिम्मेदार होंगे और उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बैठक में कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि, शिक्षा विभाग का पूरा अमला ये सुनिश्चित करे कि बच्चे स्कूल में सुबह 10 बजे से 4 बजे तक उपस्थित रहें. अगर स्कूल के समय बच्चे बाहर घूमते मिले तो जिम्मेदारी संबंधित स्कूल के प्राचार्य, प्रधान अध्यापक और शिक्षकों की होगी'.
'शिकायत मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई'
उन्होंने कहा कि, 'उन्हें इस तरह की शिकायत मिली या उनके जिला भ्रमण के दौरान किसी स्कूल में बच्चे कक्षा में पढ़ने के बजाए स्कूल के बाहर घूमते नजर आए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही शिक्षकों को भी इस समय सारणी पालन करना है'.
'यूनिट टेस्ट से करें पढ़ाई का आकलन'
उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि, 'सभी शिक्षक अपने स्कूलों में निर्धारित समय पर ड्यूटी पर मौजूद रहें. पढ़ाई में गुणवत्ता लाने के लिए नियमित अंतराल पर अनिवार्य रूप से यूनिट टेस्ट लिए जाएं और टेस्ट के आधार पर बच्चों की पढ़ाई का आकलन करें साथ ही कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान दें. नियमित रूप से बच्चों की काउंसलिंग करें, ताकि उनका भय दूर हो और आत्मविश्वास बढ़े'.
मिड-डे मील मेनू का पालन ने करने वाले समूहों को बर्खास्त करें
कलेक्टर ने कहा कि, 'शिक्षण सत्र की शुरुआत से ही मिड-डे मील शुरू हो जाना चाहिए. ये सुनिश्चित कर लें कि सभी स्कूलों में बच्चों को दोपहर का खाना मिल रहा है या नहीं'. उन्होंने कहा कि, 'इस बात की पूरी निगरानी रखी जाए कि मेनू के अनुसार पौष्टिक आहार मिल रहा है या नहीं'.
'आंगनबाड़ी केंद्रों का भी करें निरीक्षण'
उन्होंने कहा कि, 'जो समूह मेनू का पालन नहीं कर रहे हैं उनको बर्खास्त कर नए समूह बनाएं जाएं. इस योजना के संचालन में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी'. इसके अलावा उन्होंने स्कूलों में पाठ्यपुस्तक और यूनिफॉर्म वितरण की भी समी़क्षा की. उन्होंने स्कूलों के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों का सतत निरीक्षण करने के निर्देश दिए.