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SPECIAL: एग्जाम्पल सेट कर रहा है ये गर्ल्स स्कूल, मिलिए नन्ही फूंगसुंग वांगडू से

भाटापारा का एक सरकारी स्कूल पढ़ाई के मामले में प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है, यहां बच्चों को तकनीकी शिक्षा देने के लिए शिक्षकों ने खास पहल की है.

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Published : Jul 7, 2019, 9:16 PM IST

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बलौदा बाजार: साल 2009 में आई फिल्म थ्री इडियट्स तो आपको याद होगी और याद होंगे मिस्टर रणछोड़दास छांछड़, जो बाद में एक छोट से स्कूल में फूंगसुंग वांगडू बनकर कई वैज्ञानिक तैयार करते नजर आए थे. वैसे बाबा रणछोड़दास छांछड़ ने एक बात कही थी ज्ञान के पीछे भागो, सफलता आपके पीछे आएगी. ठीक वैसे ही छत्तीसगढ़ के इस गर्वमेंट गर्ल्स स्कूल में भी बच्चियां टेक्निकल का नॉलेज ले रही हैं और साइंस से जरिए वैज्ञानिक बनने का सपना देख रही हैं.

एग्जाम्पल सेट कर रहा है ये गर्ल्स स्कूल

भाटापारा के इस सरकारी स्कूल के बारे में जितने शब्द लिखे जाएं वो कम हैं. स्कूल चलें हम और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का परफेक्ट एग्जाम्पल है ये स्कूल. इस स्कूल में बेटियां पढ़ती हैं. शिक्षक किसी को इंजीनियर बनाने के सपने देखते हैं, तो किसी को वैज्ञानिक.

भाटापारा के शासकीय पंचम दीवान कन्या पूर्व माध्यमिक शाला में छठी से आठवीं कक्षा की बच्चियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए यहां शिक्षक नवाचार औ नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं. यूं कहिए यहां अगली पीढ़ी को सुनीता विलियम्स और कल्पना चावला बनाने की तैयारी है.

स्कूल तो सरकारी है लेकिन यहां सुविधाएं किसी भी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं हैं

स्कूल में बच्चियों को मोटिवेट करने के लिए स्कूली के कक्षाओं का नाम महान महिला हस्तियों के नाम पर रखा गया है. साथ ही छात्राओं की प्रतिभा निखारने के लिए तरह-तरह की एक्टिविटी कराई जाती है.

कबाड़ से जुगाड़
साइंस के सब्जेक्ट और प्रैक्टिकल सिखाने के लिए बच्चों से कबाड़ से चीजें बनवाई जाती हैं और प्रैक्टिकल सिखाया जाता है. साथ ही प्रोजेक्टर और स्मार्ट टीवी के माध्य्म से भी पढ़ाई करवाई जाती है.

बच्चों की स्किल बढ़ाने की ओर दिया जा रहा ध्यान
सिर्फ थ्योरी क्लासेस ही नहीं बल्कि शिक्षकों द्वारा बच्चों को कंप्यूटर के अलावा स्कूल में होने वाले कार्यक्रम में फोटोग्राफी भी करवाई जाती है. साथ ही छात्राओं को लैपटॉप ओर प्रोजेक्टर का इस्तेमाल करना सिखाया गया है.
साथ ही यहां शिक्षा से जुड़ी शॉर्ट फिल्म और डॉक्यूमेंट्री बनाई जाती है, जिसमें छात्राओं की भी भूमिका रहती है.

स्कूल को मिला है सम्मान
ये स्कूल 1963 से संचालित है. इसे बालिका शिक्षा के लिए और स्वच्छ विद्यालय हेतु सर्वश्रेष्ठ विद्यालय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है. साथ ही स्कूल के प्रधान पाठक को भी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

स्कूल के प्रधान पाठक केशव राम वर्मा ने बताया स्कूल में छठीं से आठवीं तक कक्षाएं संचालित की जाती हैं, वहीं तीनों कक्षाओं में तीन-तीन सेक्शन हैं. छात्राओं को अच्छी शिक्षा देने के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट के लिए भी शिक्षकों द्वारा कार्य किया जाता है. साथ ही स्कूल के बच्चे भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जिले और प्रदेश को भी रिप्रेजेंट कर चुके हैं.

इस स्कूल के टीचर्स को हमारा सलाम और छात्राओं को ऊंची उड़ान के लिए ऑल द बेस्ट.

बलौदा बाजार: साल 2009 में आई फिल्म थ्री इडियट्स तो आपको याद होगी और याद होंगे मिस्टर रणछोड़दास छांछड़, जो बाद में एक छोट से स्कूल में फूंगसुंग वांगडू बनकर कई वैज्ञानिक तैयार करते नजर आए थे. वैसे बाबा रणछोड़दास छांछड़ ने एक बात कही थी ज्ञान के पीछे भागो, सफलता आपके पीछे आएगी. ठीक वैसे ही छत्तीसगढ़ के इस गर्वमेंट गर्ल्स स्कूल में भी बच्चियां टेक्निकल का नॉलेज ले रही हैं और साइंस से जरिए वैज्ञानिक बनने का सपना देख रही हैं.

एग्जाम्पल सेट कर रहा है ये गर्ल्स स्कूल

भाटापारा के इस सरकारी स्कूल के बारे में जितने शब्द लिखे जाएं वो कम हैं. स्कूल चलें हम और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का परफेक्ट एग्जाम्पल है ये स्कूल. इस स्कूल में बेटियां पढ़ती हैं. शिक्षक किसी को इंजीनियर बनाने के सपने देखते हैं, तो किसी को वैज्ञानिक.

भाटापारा के शासकीय पंचम दीवान कन्या पूर्व माध्यमिक शाला में छठी से आठवीं कक्षा की बच्चियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए यहां शिक्षक नवाचार औ नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं. यूं कहिए यहां अगली पीढ़ी को सुनीता विलियम्स और कल्पना चावला बनाने की तैयारी है.

स्कूल तो सरकारी है लेकिन यहां सुविधाएं किसी भी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं हैं

स्कूल में बच्चियों को मोटिवेट करने के लिए स्कूली के कक्षाओं का नाम महान महिला हस्तियों के नाम पर रखा गया है. साथ ही छात्राओं की प्रतिभा निखारने के लिए तरह-तरह की एक्टिविटी कराई जाती है.

कबाड़ से जुगाड़
साइंस के सब्जेक्ट और प्रैक्टिकल सिखाने के लिए बच्चों से कबाड़ से चीजें बनवाई जाती हैं और प्रैक्टिकल सिखाया जाता है. साथ ही प्रोजेक्टर और स्मार्ट टीवी के माध्य्म से भी पढ़ाई करवाई जाती है.

बच्चों की स्किल बढ़ाने की ओर दिया जा रहा ध्यान
सिर्फ थ्योरी क्लासेस ही नहीं बल्कि शिक्षकों द्वारा बच्चों को कंप्यूटर के अलावा स्कूल में होने वाले कार्यक्रम में फोटोग्राफी भी करवाई जाती है. साथ ही छात्राओं को लैपटॉप ओर प्रोजेक्टर का इस्तेमाल करना सिखाया गया है.
साथ ही यहां शिक्षा से जुड़ी शॉर्ट फिल्म और डॉक्यूमेंट्री बनाई जाती है, जिसमें छात्राओं की भी भूमिका रहती है.

स्कूल को मिला है सम्मान
ये स्कूल 1963 से संचालित है. इसे बालिका शिक्षा के लिए और स्वच्छ विद्यालय हेतु सर्वश्रेष्ठ विद्यालय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है. साथ ही स्कूल के प्रधान पाठक को भी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.

स्कूल के प्रधान पाठक केशव राम वर्मा ने बताया स्कूल में छठीं से आठवीं तक कक्षाएं संचालित की जाती हैं, वहीं तीनों कक्षाओं में तीन-तीन सेक्शन हैं. छात्राओं को अच्छी शिक्षा देने के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट के लिए भी शिक्षकों द्वारा कार्य किया जाता है. साथ ही स्कूल के बच्चे भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जिले और प्रदेश को भी रिप्रेजेंट कर चुके हैं.

इस स्कूल के टीचर्स को हमारा सलाम और छात्राओं को ऊंची उड़ान के लिए ऑल द बेस्ट.

Intro:भाटापारा के शासकीय पंचम दीवान कन्या पूर्व माध्यमिक शाला में छटवी से आठवीं कक्षा की बच्चियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए यहां शिक्षक नवाचार ओर नई नई तकनीकों का इस्तेमाल कर बच्चियो को पढ़ा रहे है।।


स्कूल तो सरकारी है लेकिन स्कूल में सुविधाए प्राइवेट स्कूल से कम नही है।
स्कूल में बच्चो को मोटिवेट करने के स्कूल के कक्षाओं पर महान महिला हस्तियों के नाम से रखा गया है। साथ ही बच्चो की प्रतिभा निखारने के लिए तरह तरह को एक्टिविटी कराई जाती है।।





Body:कबाड़ से जुगाड़

बच्चो को साइंस के सब्जेक्ट ओर प्रेक्टिकल सिखाने के लिए बच्चो से कबाड़ से चीजे बनवाई जाती है ,और प्रेकिटकल सिखाया जाता है।
साथ ही प्रोजेक्टर के और स्मार्ट टीवी के माध्य्म से भी पढ़ाई करवाई जाती है।।


बच्चो के स्किल बढ़ाने भी दिया जा रहा ध्यान

शिक्षकों द्वारा बच्चो को कंप्यूटर के अलावा ,स्कूल में होने वाले कार्यक्रम में फोटोग्राफी भी करवाई जाट है। साथ ही बच्चे लैपटॉप ओर प्रोजेक्ट के इस्तेमाल चलाना सिखाया गया है।। साथ ही बच्चे एडुकेशन के जुड़े शार्ट फ़िल्म ओर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म बनाई जाती है जिसमे छात्रओं की भी भूमिका रहती है।


स्कूल को मिला है सम्मान

तो सही स्कूल 1963 से संचालित है।
वहीं स्कूल को बालिका शिक्षा के लिए और स्वच्छ विद्यालय हेतु सर्वश्रेष्ठ विद्यालय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।।
साथ ही स्कूल के प्रधान पाठक को भी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है










Conclusion:स्कूल के प्रधान पाठक केशव राम वर्मा ने बताया स्कूल में छठवीं से आठवीं तक कक्षाएं संचालित की जाती है वहीं तीनों कक्षाओं में तीन तीन सेक्शन है। वही छात्राओं को अच्छी शिक्षा देने के साथ साथ स्किल डेवलपमेंट के लिए भी शिक्षकों द्वारा कार्य किया जाता है।
साथी स्कूल के बच्चे भी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जिले और प्रदेश को भी रिप्रेजेंट कर चुके हैं।।
आगे भविष्य में बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए तकनीकी रूप से उन्हें स्ट्रांग बनाने के लिए स्मार्ट क्लासरूम की भी शुरुआत की जाएगी।।


बाईट -


केशवराम वर्मा
प्रधान पाठक

बाईट


छात्रा


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