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बलौदाबाजार: इस गांव में जरूरतमंदों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को घर की सुविधा मुहैया करने की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन बलौदाबाजार के कसडोल के बिसीद के लोग इससे महरूम हैं.

गांववालों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास
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Published : Apr 6, 2019, 9:34 PM IST

बलौदाबाजार: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कसडोल के पिसीद में लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए सर्वे का काम तो किया गया लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद ज्यादातर हितग्राहियों को आवास मुहैया नहीं कराए गए हैं.

गांववालों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास


ग्रामीणों को नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
जिन ग्रामीणों को आवास नहीं मिले हैं, उन्होंने बताया कि 'आवेदन किया गया है, अधिकारी आकर सर्वे भी कर चुके हैं, उनके फोटों को भी लिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक आवास निर्माण के लिए किसी भी प्रकार को रकम नहीं मिली है.


गांव में बनने थे चार सौ आवास
गांव में करीब 400 लोगों के आवास निर्माण होना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 30 से 40 फीसदी काम ही हो पाया है. ग्रामीणों ने बताया कि जो वास्तव में जरूरतमंद है उनके आवास का निर्माण नहीं हो रहा है और जो संपन्न हैं उनके आवास बनाए जा रहे हैं.


शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि, 'उन्होंने ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक, सचिव और सरपंच को शिकायत की जाती है तो वो कहते हैं कि पैसा भी आ जाएगा और आवास का निर्माण भी हो जाएगा. गांव में ऐसे भी परिवार हैं, जो एक कमरे के घर में ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं. आवास योजना का लाभ नहीं मिलने से ग्रामीणों में नाराजगी है'.


टूटी छत के नीचे रहने को हैं मजबूर
गांव में रहने वाली भूरी बाई ने बताया कि 'हमारे पास न ही जमीन है और ना ही किसी प्रकार की कोई खेती-बाड़ी, इसलिए हम कमाने खाने के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि 'घर की छत टूटा हुई है.


किराए के घर में काट रहे जिंदगी
ज्यादा समय बाहर रहने के कारण घर का निर्माण भी नहीं हो पाता, इसलिए हम किराए के घर में ही जीवन यापन कर रहे हैं. आवास योजना के लिए फोटो खींचकर संरक्षण भी किया गया, लेकिन अभी तक किसी प्रकार से इसका फायदा हमें नहीं मिल पाया है.

बलौदाबाजार: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कसडोल के पिसीद में लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए सर्वे का काम तो किया गया लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद ज्यादातर हितग्राहियों को आवास मुहैया नहीं कराए गए हैं.

गांववालों को नहीं मिला प्रधानमंत्री आवास


ग्रामीणों को नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
जिन ग्रामीणों को आवास नहीं मिले हैं, उन्होंने बताया कि 'आवेदन किया गया है, अधिकारी आकर सर्वे भी कर चुके हैं, उनके फोटों को भी लिए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक आवास निर्माण के लिए किसी भी प्रकार को रकम नहीं मिली है.


गांव में बनने थे चार सौ आवास
गांव में करीब 400 लोगों के आवास निर्माण होना था, लेकिन अभी तक सिर्फ 30 से 40 फीसदी काम ही हो पाया है. ग्रामीणों ने बताया कि जो वास्तव में जरूरतमंद है उनके आवास का निर्माण नहीं हो रहा है और जो संपन्न हैं उनके आवास बनाए जा रहे हैं.


शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि, 'उन्होंने ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक, सचिव और सरपंच को शिकायत की जाती है तो वो कहते हैं कि पैसा भी आ जाएगा और आवास का निर्माण भी हो जाएगा. गांव में ऐसे भी परिवार हैं, जो एक कमरे के घर में ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं. आवास योजना का लाभ नहीं मिलने से ग्रामीणों में नाराजगी है'.


टूटी छत के नीचे रहने को हैं मजबूर
गांव में रहने वाली भूरी बाई ने बताया कि 'हमारे पास न ही जमीन है और ना ही किसी प्रकार की कोई खेती-बाड़ी, इसलिए हम कमाने खाने के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि 'घर की छत टूटा हुई है.


किराए के घर में काट रहे जिंदगी
ज्यादा समय बाहर रहने के कारण घर का निर्माण भी नहीं हो पाता, इसलिए हम किराए के घर में ही जीवन यापन कर रहे हैं. आवास योजना के लिए फोटो खींचकर संरक्षण भी किया गया, लेकिन अभी तक किसी प्रकार से इसका फायदा हमें नहीं मिल पाया है.

Intro:प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को जिनके पास रहने के लिए पक्की छत नहीं है ऐसे लोगों को आवास की सुविधा कराने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी
बलौदा बाजार जिले के कसडोल के ग्राम पंचायत पिसीद के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अच्छी तरह से नहीं मिल पा रहा है।।
आवास के निर्माण के लिए सर्वेक्षण मात्र किया गया लेकिन लोगों को आवास निर्माण की सुविधा नहीं मिल पाई।।

ग्रामीणों ने लोगों ने बताया कि आवेदन किया गया है, अधिकारी आकर सर्वेक्षन करके ,फोटो खींच कर लर गए है लेकिन अभी तक आवास निर्माण के लिए किसी भी प्रकार को राशि नही मिली है।। गाव में करीब 400 लोगो का आवास निर्माण होना था लेकिन अभी तक सिर्फ 30 से 40 प्रतिशत काम हो पाया है ।। बाकी बचे लोगो लाभ नही मिला है।।




Body:ग्रामीणों ने बताया कि जो वास्तव में जरूरतमंद है उनके आवास का निर्माण नहीं हो रहा है और जो संपन्न है उनके आवाज बनकर तैयार हो जा रहे हैं।।

ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक सचिव और सरपंच को शिकायत की जाती है तो वह निर्माण हो जाएगा कहने की बात करते है।। कहते हैं कि पैसा आ जाएगा निर्माण हो जाएगा।।
लेकिन कब आएगा इसका समय नहीं बताते हैं।।

वहीं गांव में ऐसे भी परिवार हैं जो एक कमरे के घर में ही अपना जीवन यापन कर रहे हैं । आवास योजना का लाभ नहीं मिलने से ग्रामीणों में नाराजगी है।।

गांव में रहने वाली भूरी बाई ने बताया कि हमारे पास ना ही जमीन है और ना ही किसी प्रकार का कोई खेती-बाड़ी इसलिए हम कमाने खाने के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं ।। घर की स्थिति ऐसी है की घर की छत टूटा हुआ है।। ज्यादा समय बाहर रहने के कारण घर का निर्माण भी नहीं हो पाता इसलिए हम किराए के घर में ही जीवन यापन कर रहे हैं और घर वैसा ही बिना छत के पड़ा हुआ है।। आवास योजना के लिए फोटो खींचकर संरक्षण भी किया गया है लेकिन अभी तक किसी प्रकार का हमें लाभ नहीं मिल पाया है।।






Conclusion:ग्रामीणों की बाइट पावरडायरेक्टर में एक साथ मर्ज किए हैं कृपया कर बार देख ले

ग्रामीण महिला भूरी बाई के साथ one to one

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