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आखिर बच्चों को स्कूल भेजने से क्यों घबरा रहे हैं पैरेंट्स ? - स्कूलों में स्क्रीनिंग और सैनिटाइजिंग

कोरोना महामारी के कारण 11 महीने से स्कूल और कॉलेजों पर ताले लगे थे. विद्यालयों में सन्नाटा पसरा था. अब 15 फरवरी से स्कूलों में चहल पहल दिखने लगी है. कक्षा 9वीं और 12वीं क्लास के बच्चे स्कूल आ रहे हैं. लेकिन अब भी कोरोना का डर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर भारी पड़ रहा है. परिजनों में कोरोना को लेकर घबराहट है.

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स्कूल खुलने के बाद परिजनों की बढ़ी चिंता
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Published : Feb 19, 2021, 6:17 PM IST

Updated : Feb 19, 2021, 7:57 PM IST

बलौदाबाजार: कोरोना महामारी के कारण पिछले 11 महीनों से स्कूल बंद थे. बीते 15 फरवरी से सरकार ने स्कूल खोलने का आदेश दिया है. इस आदेश के तहत सिर्फ 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल आने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूल खुलते ही कोरोना का खतरा भी बढ़ने लगा है. पहले कई जगहों में मोहल्ला क्लास लगाया जा रहा था. जहां कोरोना के मामले देखने को मिले थे. अब स्कूल खुलने के बाद स्कूल में कोरोना के केस आ रहे हैं. ऐसे में परिजनों को छात्रों को स्कूल भेजने में घबराहट हो रही है.

आखिर बच्चों को स्कूल भेजने से क्यों घबरा रहे हैं पैरेंट्स ?

बस्तर में खुले स्कूल और कॉलेज, छात्रों में दिखा उत्साह

अभिभावक में कोरोना का खौफ
ETV भारत की टीम ने जब बलौदाबाजार जिले के स्कूली बच्चों के परिजनों से स्कूल खुलने के विषय में जाना. छात्रों के कुछ अभिभावकों ने सरकार के फैसले को सही बताया, जबकि कई अभिभावक फैसले के खिलाफ थे. परिजनों ने स्कूल में कोरोना का खतरा बताया. परिजनों ने कहा कि सरकार जल्दबाजी कर रही है. जब तक आम लोगों को कोरोना टीका नहीं लग जाता, तब तक स्कूल नहीं खोलना चाहिए था. राजनांदगांव में स्कूली बच्चे और शिक्षक कोरोना संक्रमित हुए हैं. इसका हवाला देकर कई अभिभावकों ने छात्रों को स्कूल भेजने से मना कर दिया.

सरगुजा: सैनिक स्कूल के 8 स्टाफ कोरोना संक्रमित

कोरोना गाइडलाइन के तहत तमाम व्यवस्थाएं: शिक्षक
स्कूल खुलने से शिक्षक और स्कूल कर्मचारियों में काफी उत्साह देखने को मिला. शिक्षकों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया. सरकार को धन्यवाद भी दिया. निजी स्कूल के प्राचार्य भुवनेंद्र सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले को बच्चों के भविष्य के लिए सबसे बड़ा फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि छात्र पिछले 11 महीनों से ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाई कर रहे थे. प्राचार्य ने कहा कि ऑनलाइन क्लास में सबको एक साथ पढ़ाना संभव नहीं था. अब छात्रों को परीक्षा की तैयारियां कराई जा रही है. बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में कोरोना गाइडलाइन के तहत तमाम व्यवस्थाएं की गई है. सभी बच्चे मास्क लगाकर क्लास में अध्ययन कर रहे हैं.

स्कूलों में कोरोना बचाव के लिए क्या हैं व्यवस्थाएं ?

ETV भारत की टीम ने कई स्कूलों की पड़ताल की. ज्यादातर स्कूलों में सरकार के कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया जा रहा है. बलौदाबाजार के ज्यादातर स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन के तहत स्कूलों में इंतजाम नहीं किए गए हैं. स्कूलों में स्क्रीनिंग की व्यवस्था और सैनिटाइजर का प्रबंध भी नहीं दिखा. ये सब बातें परिजनों की चिंता को और बढ़ा रही है. जिला प्रशासन को स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराना चाहिए.

BEO ने स्कूल में लापरवाही की बात स्वीकार की

कसडोल BEO रितेश गुप्ता ने कहा कि, सरकार के गाइडलाइन्स का पालन कराया जा रहा है. जिन जगहों में लापरवाही देखने को मिली, उन्हें निर्देशित किया गया है. स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा.

बलौदाबाजार: कोरोना महामारी के कारण पिछले 11 महीनों से स्कूल बंद थे. बीते 15 फरवरी से सरकार ने स्कूल खोलने का आदेश दिया है. इस आदेश के तहत सिर्फ 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल आने के निर्देश दिए गए हैं. स्कूल खुलते ही कोरोना का खतरा भी बढ़ने लगा है. पहले कई जगहों में मोहल्ला क्लास लगाया जा रहा था. जहां कोरोना के मामले देखने को मिले थे. अब स्कूल खुलने के बाद स्कूल में कोरोना के केस आ रहे हैं. ऐसे में परिजनों को छात्रों को स्कूल भेजने में घबराहट हो रही है.

आखिर बच्चों को स्कूल भेजने से क्यों घबरा रहे हैं पैरेंट्स ?

बस्तर में खुले स्कूल और कॉलेज, छात्रों में दिखा उत्साह

अभिभावक में कोरोना का खौफ
ETV भारत की टीम ने जब बलौदाबाजार जिले के स्कूली बच्चों के परिजनों से स्कूल खुलने के विषय में जाना. छात्रों के कुछ अभिभावकों ने सरकार के फैसले को सही बताया, जबकि कई अभिभावक फैसले के खिलाफ थे. परिजनों ने स्कूल में कोरोना का खतरा बताया. परिजनों ने कहा कि सरकार जल्दबाजी कर रही है. जब तक आम लोगों को कोरोना टीका नहीं लग जाता, तब तक स्कूल नहीं खोलना चाहिए था. राजनांदगांव में स्कूली बच्चे और शिक्षक कोरोना संक्रमित हुए हैं. इसका हवाला देकर कई अभिभावकों ने छात्रों को स्कूल भेजने से मना कर दिया.

सरगुजा: सैनिक स्कूल के 8 स्टाफ कोरोना संक्रमित

कोरोना गाइडलाइन के तहत तमाम व्यवस्थाएं: शिक्षक
स्कूल खुलने से शिक्षक और स्कूल कर्मचारियों में काफी उत्साह देखने को मिला. शिक्षकों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया. सरकार को धन्यवाद भी दिया. निजी स्कूल के प्राचार्य भुवनेंद्र सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले को बच्चों के भविष्य के लिए सबसे बड़ा फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि छात्र पिछले 11 महीनों से ऑनलाइन क्लास के जरिए पढ़ाई कर रहे थे. प्राचार्य ने कहा कि ऑनलाइन क्लास में सबको एक साथ पढ़ाना संभव नहीं था. अब छात्रों को परीक्षा की तैयारियां कराई जा रही है. बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में कोरोना गाइडलाइन के तहत तमाम व्यवस्थाएं की गई है. सभी बच्चे मास्क लगाकर क्लास में अध्ययन कर रहे हैं.

स्कूलों में कोरोना बचाव के लिए क्या हैं व्यवस्थाएं ?

ETV भारत की टीम ने कई स्कूलों की पड़ताल की. ज्यादातर स्कूलों में सरकार के कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया जा रहा है. बलौदाबाजार के ज्यादातर स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन के तहत स्कूलों में इंतजाम नहीं किए गए हैं. स्कूलों में स्क्रीनिंग की व्यवस्था और सैनिटाइजर का प्रबंध भी नहीं दिखा. ये सब बातें परिजनों की चिंता को और बढ़ा रही है. जिला प्रशासन को स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराना चाहिए.

BEO ने स्कूल में लापरवाही की बात स्वीकार की

कसडोल BEO रितेश गुप्ता ने कहा कि, सरकार के गाइडलाइन्स का पालन कराया जा रहा है. जिन जगहों में लापरवाही देखने को मिली, उन्हें निर्देशित किया गया है. स्कूल में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा.

Last Updated : Feb 19, 2021, 7:57 PM IST
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