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स्कूल में है 'हादसे का कुआं', जिस दिन सावधानी हटी, उस दिन दुर्घटना घटी - छात्र-छात्राएं

जिले के सेल गांव में संचालित सरकारी स्कूल में मौजूद एक कुआं कभी भी किसी बड़े हादसे का सबब बन सकता है. इस कुएं के आस-पास बच्चे खेलते रहत हैं और उसमें झांकते हैं, लिहाजा कभी भी कोई हादसा हो सकता है.

स्कूल में 'मौत का कुआं'
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Published : Aug 6, 2019, 4:03 PM IST

बलौदाबाजार : सेल गांव के शासकीय स्कूल पू्र्व माध्यमिक स्कूल परिसर में मौजूद कुआं कई साल से खुला पड़ा है. कुएं का इस तरह खुला रहना स्कूल में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए खतरे से खाली नहीं हैं. स्कूल में पढ़ाई कर रहे छोटे-छोटे बच्चे हमेशा इसके आस-पास खेलते रहते हैं, लिहाजा कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

स्कूल में 'मौत का कुआं

दरअसल, ये कुआं खुलेआम हादसे को न्यौता दे रहा है. इस पर न तो स्कूल प्रशासन का ध्यान है और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी को, कुएं को देखकर लगता है कि शायद इन्हें किसी हादसे का इंतजार है.

पानी की समस्याओं को देखते हुए किया था कुंए का निर्माण
करीब 40 साल पहले गांव में पानी की कमी की वजह से कुंए का निर्माण किया गया था, जो अब बच्चों के लिए खतरा बन गया है. वर्तमान में बोरिंग हो जाने की वजह से, अब कुएं को उपयोग नहीं रह गया है.

हो सकती है बड़ी दुर्घटना
20 फीट गहरे इस कुएं के पास कोई बाउंड्री वॉल या रेलिंग नहीं लगी होने के चलते बच्चे इसमें झांकते रहते हैं, जिससे किसी दिन जनहानि भी हो सकती है.

SDM से की थी मांग
इस संबंध में स्कूल के हेडमास्टर ने कसडोल के पूर्व एसडीएम अंजोर सिंह पैकरा से भी शिकायत की थी, लेकिन शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

बलौदाबाजार : सेल गांव के शासकीय स्कूल पू्र्व माध्यमिक स्कूल परिसर में मौजूद कुआं कई साल से खुला पड़ा है. कुएं का इस तरह खुला रहना स्कूल में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए खतरे से खाली नहीं हैं. स्कूल में पढ़ाई कर रहे छोटे-छोटे बच्चे हमेशा इसके आस-पास खेलते रहते हैं, लिहाजा कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

स्कूल में 'मौत का कुआं

दरअसल, ये कुआं खुलेआम हादसे को न्यौता दे रहा है. इस पर न तो स्कूल प्रशासन का ध्यान है और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी को, कुएं को देखकर लगता है कि शायद इन्हें किसी हादसे का इंतजार है.

पानी की समस्याओं को देखते हुए किया था कुंए का निर्माण
करीब 40 साल पहले गांव में पानी की कमी की वजह से कुंए का निर्माण किया गया था, जो अब बच्चों के लिए खतरा बन गया है. वर्तमान में बोरिंग हो जाने की वजह से, अब कुएं को उपयोग नहीं रह गया है.

हो सकती है बड़ी दुर्घटना
20 फीट गहरे इस कुएं के पास कोई बाउंड्री वॉल या रेलिंग नहीं लगी होने के चलते बच्चे इसमें झांकते रहते हैं, जिससे किसी दिन जनहानि भी हो सकती है.

SDM से की थी मांग
इस संबंध में स्कूल के हेडमास्टर ने कसडोल के पूर्व एसडीएम अंजोर सिंह पैकरा से भी शिकायत की थी, लेकिन शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.

Intro:बलौदाबाजार :- जिले के सेल गांव के शासकीय पूर्व माध्यम स्कूल परिषद में स्थिति वर्षो पुराना कुंआ अब बच्चो के लिए खतरों से खाली नही है. यहा छोटे छोटे बच्चे हमेशा खेलते रहते है. इसमे कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है. लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान ही नही है.Body:वर्तमान समय से लगभग 40 वर्ष पूर्व यहा गांव के ग्रामीणों ने पानी की समस्याओ को देखते हुए कुंआ का निर्माण किया था. जो अब बच्चो के लिए खतरा बन कर रह गया है. अब वर्तमान में बोरिंग हो जाने से कुंआ का पानी कोई नही निकलता साथ ही साथ कुएं की गहराई अब कम होती जा रही है. जिसमे स्कूली बच्चे खेलते नजर आते है. कुंआ खुला है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है. इस संबन्ध में स्कूल के हेडमास्टर ने कसडोल के पूर्व एसडीएम अन्जोर सिंह पैकरा को अवगत कराया था. और कुएं को बराबर करने की मांग की गई थी. लेकिन एसडीएम ने ध्यान नही दिया.कुएं की अभी वर्तमान गहराई लगभग 20 फिट होगी. जिसमे हमेशा बच्चे बैठे रहते है.


Conclusion:ऐसे में सवाल यह है की इस बड़ी लापरवाही में अगर बड़ी दुर्घटना हो जाती है तो जवाबदारी किसकी होगी.

बाईट 01 - उमाशंकर साहू - हेडमास्टर

बाईट 02 - गौर सिंह पैकरा - सरपंच प्रतिनिधि
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