बलौदाबाजार: नगरीय निकाय चुनाव में अंतिम व्यय लेखा प्रस्तुत नहीं करने वाले 20 पार्षद प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में उन्हें 21 जनवरी तक जिला निर्वाचन कार्यालय में चुनाव खर्च का ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा गया है. अंतिम व्यय प्रतिवेदन न जमा करने की स्थिति में कार्रवाई करते हुए उन्हें अगले 6 सालों के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 एवं नगर पालिक अधिनियम 1961 की प्रावधानों के तहत उन पर अपात्रता की कार्रवाई की जा सकती है. अपर कलेक्टर एवं व्यय अनुवीक्षण समिति के अध्यक्ष जोगेन्द्र नायक की अध्यक्षता में आयोजित व्यय लेखा अनुवीक्षण समिति की लेखा समाधान के लिए आयोजित बैठक में इस पर निर्णय लिया गया है. बैठक में जिला कोषालय अधिकारी एवं निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण समिति के प्रभारी अधिकारी दिलीप सिंह ठाकुर, व्यय प्रेक्षक एवं संयुक्त संचालक वित्त सत्यजीत साहू एवं उप संचालक वित्त रत्ना अजगले उपस्थित थी. जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में पार्षद पद के चुनाव लड़ चुके सभी प्रत्याशियों को भी आमंत्रित किया गया था.
बता दें कि जिले में लगभग महीने भर पहले 9 नगरीय निकाय के चुनावों में 157 पार्षद पदों के लिए 584 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से 564 उम्मीदवारों ने अपने अंतिम व्यय प्रतिवेदन प्रस्तुत किए हैं, लेकिन 20 प्रत्याशियों ने अब तक अंतिम व्यय प्रतिवेदन जमा नहीं कराए हैं. इनमें बलौदाबाजार नगरीय निकाय के 13, सिमगा के 5 और कसडोल नगर पंचायत के 2 प्रत्याशी शामिल हैं.
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ये प्रत्याशी बरत रहे लापरवाही
जिला कोषालय अधिकारी दिलीप सिंह ने बताया कि बलौदाबाजार नगर पालिका के अंतर्गत जिन 13 प्रत्याशियों ने आज तक अंतिम व्यय लेखा जमा नहीं कराए हैं, उनमें वार्ड नम्बर 2 से अनिमेश नेताम एवं हरिकृष्ण सिंह, वार्ड नम्बर 4 से प्रसन्न दीवान एवं रविकांत वर्मा, वार्ड नम्बर 5 से मनजीत कौर सलूजा, वार्ड नम्बर 10 से दुर्गा टण्डन, वार्ड नम्बर 16 से जिलानी खान, वार्ड नम्बर 17 से अभिषेक पटेल, वार्ड नम्बर 18 सुशीला वर्मा, वार्ड नम्बर 19 से धर्मेन्द्र वर्मा एवं तेनसिंह साहू और वार्ड नम्बर 20 से महेन्द्र वर्मा एवं यशवंत वर्मा शामिल हैं. कसडोल नगर पंचायत से वार्ड नम्बर 2 की प्रत्याशी सुनीता साहू एवं वार्ड नम्बर 5 से जयप्रकाश पैकरा ने व्यय लेखा प्रस्तुत नहीं किया है.
विभाग कर रहा जांच
बता दें कि बलौदाबाजार और भाटापारा नगरीय निकाय के पार्षद पद के लिए व्यय की अधिकतम सीमा 1 लाख 50 हजार रुपए और नगर पंचायत क्षेत्र के पार्षद के लिए व्यय की अधिकतम सीमा 50 हजार रुपए निर्धारित थी. खर्च के ब्यौरे के लिए प्रत्याशियों को एक पुस्तिका दी गई थी, जिसमें पूरे खर्च का ब्यौरा देना था. शुक्रवार को लेखा समाधान बैठक में प्रस्तुत व्यय प्रतिवेदन का अधिकारियों ने परीक्षण किया. जिन प्रत्याशियों के प्रतिवेदन नियमानुसार पाए गए, उनका व्यय लेखा जमा करा लिया गया और जिनके प्रतिवेदन में कुछ कमियां थी, उन्हें समझााइश देकर पूर्ण करने कहा गया है.