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बलौदाबाजार में तेजी से लापता हो रहे बच्चे, सालभर में 105 पर पहुंचा आंकड़ा

लापता बच्चों की संख्या तेजी से बड़ी है, लेकिन उसके बरामदगी के लिये चालाया जा रहा आपरेशन मुस्कान की टीम को कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है

बलौदाबाजार में तेजी से लापता हो रहे बच्चे
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Published : Aug 22, 2019, 12:15 PM IST

बलौदाबाजार : जिले में बच्चे सभी थाना क्षेत्रों से लगातार लापता हो रहे हैं. इसमें नाबालिग व स्कूली लड़कियों की संख्या ज्यादा है. पुलिस विभाग के एक आंकड़ों के अनुसार सालभर में जिले के सभी 14 थाना क्षेत्रों से कुल 105 बच्चे लापता हुए हैं, जिसमें से 90 बच्चे नाबालिग बालिका थी. इसमें से कुछ बच्चों को आपरेशन मुस्कान के तहत सकुशल घर वापस लाया गया है.

बलौदाबाजार में तेजी से लापता हो रहे बच्चे

एक साल में सर्वाधिक भाटपारा ग्रमीण थाने से 16 बच्चे लापता हुए, जिसमें से 13 बालिका थी. जिसे अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है. इसी तरह कसडोल थाने से एक साल में 12 बच्चे लापता हुए, जिसमें से 10 बालिका थीं, जिसे भी अभी तक नहीं खोजा जा सका है. इससे स्पष्ट है कि जिले में पिछले एक साल में लापता बच्चों की संख्या खासकर लड़कियों की तेजी से बड़ी है, लेकिन उसके बरामदगी के लिये चालाया जा रहा आपरेशन मुस्कान की टीम को कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है.

विशेष अभियान भी चलाए जा रहे
एसपी नीथू कमल की मानें, तो छह माह में लगभग 50 बच्चों को खोजकर परिजनों के हवाले किया गया है, लेकिन वे पिछले तीन-चार वर्ष पहले भागे हुए बच्चे थे. वर्तमान में लापता बच्चों की तलाशी के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं, जिससे जल्द ही सफलता मिलने की भी उम्मीद लगाई जा रही है.

बलौदाबाजार : जिले में बच्चे सभी थाना क्षेत्रों से लगातार लापता हो रहे हैं. इसमें नाबालिग व स्कूली लड़कियों की संख्या ज्यादा है. पुलिस विभाग के एक आंकड़ों के अनुसार सालभर में जिले के सभी 14 थाना क्षेत्रों से कुल 105 बच्चे लापता हुए हैं, जिसमें से 90 बच्चे नाबालिग बालिका थी. इसमें से कुछ बच्चों को आपरेशन मुस्कान के तहत सकुशल घर वापस लाया गया है.

बलौदाबाजार में तेजी से लापता हो रहे बच्चे

एक साल में सर्वाधिक भाटपारा ग्रमीण थाने से 16 बच्चे लापता हुए, जिसमें से 13 बालिका थी. जिसे अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है. इसी तरह कसडोल थाने से एक साल में 12 बच्चे लापता हुए, जिसमें से 10 बालिका थीं, जिसे भी अभी तक नहीं खोजा जा सका है. इससे स्पष्ट है कि जिले में पिछले एक साल में लापता बच्चों की संख्या खासकर लड़कियों की तेजी से बड़ी है, लेकिन उसके बरामदगी के लिये चालाया जा रहा आपरेशन मुस्कान की टीम को कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है.

विशेष अभियान भी चलाए जा रहे
एसपी नीथू कमल की मानें, तो छह माह में लगभग 50 बच्चों को खोजकर परिजनों के हवाले किया गया है, लेकिन वे पिछले तीन-चार वर्ष पहले भागे हुए बच्चे थे. वर्तमान में लापता बच्चों की तलाशी के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं, जिससे जल्द ही सफलता मिलने की भी उम्मीद लगाई जा रही है.

Intro:बलौदाबाजार :- जिले मे बच्चे सभी थाना क्षेत्रो से लगातार लापता हो रहे है जिसमे नाबालिक व स्कूली लड़कियो की संख्या ज्यादा है पुलिस विभाग के एक आंकडो के अनुसार साल भर मे जिले के सभी 14 थाना क्षेत्रो से कुल 105 बच्चे लापता हुए जिसमे से 90 बच्चे नाबालिक बालिका थी. जिसमे से कुछ बच्चो को आपरेशन मुस्कान के तहत सकुशल घऱ वापस लाया गया है.Body:एक साल मे सर्वाधिक भाटपारा ग्रमीण थाने से 16 बच्चे लापता हुए जिसमे से 13 बालिका थी. जिसे अभी तक बरामद नही किया जा सका.
इसी तरह कसडोल थाने से एक साल मे 12 बच्चे लापता हुए जिसमे से 10 बालिका थी. जिसे भी अभी तक नही खोजा जा सका. इससे स्पष्ट है कि जिले मे पिछले एक साल मे लापता बच्चो की संख्या खासकर लड़कियो की तेजी से बड़ी है. लेकिन उसके बरामदगी के लिये चालाया जा रहा आपरेशन मुस्कान की टीम को कोई खास सफलता नही मिल सकी है. एसपी नीतू कमल की माने तो छ: माह मे लगभग पचास बच्चो को खोजकर परिजनो के हवाले किया गया है. लेकिन वे पिछले तीन-चार वर्ष पहले भागे हुए बच्चे थे.
Conclusion:लगातार जिले में अपने घऱ छोड़ कर भाग रहे बच्चो से पुलिस को कारण खोजकर लापता बच्चो की खोजबीन करने की जरूरत है ताकि बच्चे सकुशल घर आ सके.वर्तमान में लापता बच्चों की तलाशी के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं. जिससे जल्द ही सफलता मिलने की भी उम्मीद लगाई जा रही है.

बाईट 01 - नीतू कमल- एसपी बलौदाबाजार
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