बलौदा बाजार: देश भर में जहां एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है. वहीं जिले में एक ऐसा स्वास्थ्य केंद्र है, जहां के अधिकारी और कर्मचारी स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं. इस अस्पताल में असुविधाओं की भरमार है. यहां न तो डॉक्टर हैं और न ही साफ-सफाई. पीने के पानी के लिए लगे वाटर एटीएम भी शो-पीस बनकर रह गए हैं.
भाटापारा के सरकारी सामुदायिक स्वास्थय केंद्र को जिला हॉस्पिटल की तरह तवज्जो दी जाती है. यहां हर रोज लगभग 300 से 500 मरीज अपनी बीमारियों का इलाज कराने पहुंचते हैं. लेकिन इस अस्पताल में हड्डी रोग, महिला रोग, चाइल्ड स्पेश्लिस्ट, रेडियो लॉजिस्ट जैसे कई आवश्यक रोगों के डाक्टर नहीं हैं. वहीं ब्लड बैंक की शुरुआत हो सकती है लेकिन यहां के डॉक्टरों और बीएमओ का ध्यान न देना लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
वाटर कूलर और शौचालय का हाल भी बुरा
हॉस्पिटल में शौचालय की हालत बेहद खराब है. शौचालय के सेप्टिक टैंक में गंदगी का भंडार है. बिजली के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. अस्पताल में वाटर कूलर तो लगाएं गए हैं लेकिन सफाई नहीं होने की वजह से इनका पानी पीने लायक नहीं है. वाटर कूलर को कभी साफ भी नहीं किया जाता है.
रात के समय डॉक्टर नहीं रहते मौजूद
वहीं जब साफ सफाई के मामले में अस्पताल के नर्स से पूछताछ कि गई तो उन्होंने बताया कि इसके लिए कई बार नगर पालिका को बोला गया है लेकिन नगर पालिका इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. वहीं अस्पताल के मरीज ने बताया कि दिन में तो इलाज के लिए डॉक्टर आ जाते हैं लेकिन रात के समय यहां कोई मौजूद नहीं रहता है.
अस्पताल में 108 की सुविधा का भी अभाव
इस भीषण गर्मी में अस्पताल में मरिजों के लिए कूलर तो लगाए गए हैं लेकिन उनमें से कई की स्थिति खराब है. लैब को ठंडा रखना बेहद जरूरी होता है लेकिन यहां कूलर लगाया ही नहीं गया है.
यहां आने वाले मरीजों को एंबुलेंस के लिए भटकना पड़ता है. इमरजेंसी में 108 की सुविधा नहीं मिल पाती. अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि गाड़ी खराब पड़ी है.