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SPECIAL: मिलिए छत्तीसगढ़ के मिल्खा सिंह से, 81 साल की उम्र में दौड़ में जीता गोल्ड मेडल - 81 साल की उम्र में दौड़

हाल ही में मुंबई में हुए 'मानसून रन' में 5 किलोमीटर मैराथन दौड़ में 81 साल के सरजू उर्फ छत्तीसगढ़ के मिल्खा सिंह ने 55 लोगों को पछाड़कर 52 वां गोल्ड मेडल जीता है.

सरजू ने 81 साल की उम्र में दौड़ में जीता गोल्ड मेडल
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Published : Aug 1, 2019, 12:24 AM IST

Updated : Aug 1, 2019, 11:44 AM IST

बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ के मिल्खा सिंह के नाम से जाने वाले सरजू साहू ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. हाल ही में मुंबई में हुए 'मानसून रन' में 5 किलोमीटर मैराथन दौड़ में उन्होंने पहला स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है.

मिलिए छत्तीसगढ़ के मिल्खा सिंह से,

वो कहते हैं न 'कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं, कभी धुएं की तरह हम पर्वतों से उड़ते हैं, ये कैंचियां हमें उड़ने से खाक रोकेंगी, कि हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं. ये चंद लाइन उस शख्सियत के लिए है, जिन्होंने कुछ कर दिखाने के लिए उम्र को मात दे दी, उन्होंने कुछ कर जाने को ठान लिया और 81 साल के उम्र में रेस जीतकर जीत गोल्ड मेडल ले आए.

ये कहानी है बलौदा बाजार के मकोनी गांव में रहने वाले सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंह की, जिन्होंने 81 साल की उम्र में कुछ ऐसा कर दिखाया, जिनके जज्बातों को देखकर नौजावनों का भी पसीना छूट जाए. जी हां हम बात कर रहे हैं, उस 81 साल के सरजू की, जिन्होंने हाल ही में मुम्बई में हुए मानसून रन में 5 किमी की मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया और पहला स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया.

बचपन से था खेल के प्रति रुझान
81 साल की उम्र होने के बाद भी सरजू का जुनून कम नहीं हुआ. इनके अंदर खेल की प्रतिभा कूट-कूट कर भारी हुई है. ये बचपन से ही खेल प्रतिभा के प्रति धनी हैं. बलौदाबाजार में विद्युत विभाग में लाइनमेन के पद पर कार्य कर रिटायर हो चुके हैं. वैसे तो खेल के प्रति शुरू से ही एक अलग रुझान रहा है, लेकिन नौकरी से रिटायरमेंट के बाद सरजू साहू ने खेल को ही अपना मकसद बना लिया और आज भी 81 साल के उम्र में जवानों को टक्कर देते हैं.

50 से भी ज्यादा गोल्ड मेडल जीत चुके
सरजू साहू अब 52 से भी ज्यादा गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. भारत के करीब सभी राज्यों में अपना खेल का प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में हुए मैराथन में भी सरजू साहू ने पहला स्थान प्राप्त किया था, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ मिल्खा सिंह के नाम से खिताब दिया था.

कलेक्टर कार्तिकेय ने दी बधाई
सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंह ने इस बार भी मुम्बई में हुए मानसून मैराथन में 55 से ज्यादा प्रतिभागियों को हराकर विजेता बने. वहीं जीत के बाद आज सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंह बलौदाबाजार लौट कर कलेक्टर से मुलाकात की. वहीं कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने उनको बधाई देते हुए उनके हौंसले और जज्बे की तारीफ की.

बलौदा बाजार: छत्तीसगढ़ के मिल्खा सिंह के नाम से जाने वाले सरजू साहू ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है. हाल ही में मुंबई में हुए 'मानसून रन' में 5 किलोमीटर मैराथन दौड़ में उन्होंने पहला स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है.

मिलिए छत्तीसगढ़ के मिल्खा सिंह से,

वो कहते हैं न 'कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं, कभी धुएं की तरह हम पर्वतों से उड़ते हैं, ये कैंचियां हमें उड़ने से खाक रोकेंगी, कि हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं. ये चंद लाइन उस शख्सियत के लिए है, जिन्होंने कुछ कर दिखाने के लिए उम्र को मात दे दी, उन्होंने कुछ कर जाने को ठान लिया और 81 साल के उम्र में रेस जीतकर जीत गोल्ड मेडल ले आए.

ये कहानी है बलौदा बाजार के मकोनी गांव में रहने वाले सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंह की, जिन्होंने 81 साल की उम्र में कुछ ऐसा कर दिखाया, जिनके जज्बातों को देखकर नौजावनों का भी पसीना छूट जाए. जी हां हम बात कर रहे हैं, उस 81 साल के सरजू की, जिन्होंने हाल ही में मुम्बई में हुए मानसून रन में 5 किमी की मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया और पहला स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया.

बचपन से था खेल के प्रति रुझान
81 साल की उम्र होने के बाद भी सरजू का जुनून कम नहीं हुआ. इनके अंदर खेल की प्रतिभा कूट-कूट कर भारी हुई है. ये बचपन से ही खेल प्रतिभा के प्रति धनी हैं. बलौदाबाजार में विद्युत विभाग में लाइनमेन के पद पर कार्य कर रिटायर हो चुके हैं. वैसे तो खेल के प्रति शुरू से ही एक अलग रुझान रहा है, लेकिन नौकरी से रिटायरमेंट के बाद सरजू साहू ने खेल को ही अपना मकसद बना लिया और आज भी 81 साल के उम्र में जवानों को टक्कर देते हैं.

50 से भी ज्यादा गोल्ड मेडल जीत चुके
सरजू साहू अब 52 से भी ज्यादा गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. भारत के करीब सभी राज्यों में अपना खेल का प्रदर्शन कर चुके हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में हुए मैराथन में भी सरजू साहू ने पहला स्थान प्राप्त किया था, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ मिल्खा सिंह के नाम से खिताब दिया था.

कलेक्टर कार्तिकेय ने दी बधाई
सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंह ने इस बार भी मुम्बई में हुए मानसून मैराथन में 55 से ज्यादा प्रतिभागियों को हराकर विजेता बने. वहीं जीत के बाद आज सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंह बलौदाबाजार लौट कर कलेक्टर से मुलाकात की. वहीं कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने उनको बधाई देते हुए उनके हौंसले और जज्बे की तारीफ की.

Intro:बलौदाबाजार - छत्तीसगढ़ के मिल्खा सिंग के नाम से जाने ,जाने वाले सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंग ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है ,हाल ही में मुम्बई में हुए मानसून रन में 5 किलोमीटर मैराथन दौड़ में पहला स्थान प्राप्त किये है ,Body:सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंग की उम्र 81 साल है ,,इतने उम्र दर्ज होने बावजूद इनके अंदर खेल प्रतिभा कूट कूट कर भारी हुई है ,,सरजू साहू बलौदाबाजार जिले सुहेला तहसील के अंतर्गत अमकोनी गांव के रहने वाले है ,,81 वर्ष के मिल्खा सिंग बचपन से खेल प्रतिभा के धनी है ,,बलौदाबाजार में विद्युत विभाग में लाइन मेंन के पद पर कार्य कर रिटायर हो चुके है ,,वैसे तो खेल के प्रति शुरू से ही एक अलग रुझान रहा है ,लेकिन नॉकरी से रिटायर मेन्ट के बाद सरजू साहू ने खेल को ही अपना मकसद बना लिया और आज भी 81 बर्ष के उम्र में जवान एथेलेटिक को टक्कर देते है ,सरजू साहू अब 52 से भी ज्यादा गोल्ड मैडल जीत चुके है ,और भारत के करीब सभी राज्यो में अपना खेल का प्रदर्शन कर चुके है ,,वही छत्तीसगढ़ में हुए मैराथन में सरजू साहू ने पहला स्थान प्राप्त किया था जिसके बाद छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंग ने छत्तीसगढ़ मिल्खा सिंग के नाम से खिताब दिया था,,सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंग ने इस बार भी मुम्बई में हुए मानसून मैराथन में 55 से ज्यादा प्रभागियो को हराकर विजेता बने,वही जीत के बाद आज सरजू साहू उर्फ मिल्खा सिंग बलौदाबाजार लौट कर कलेक्टर से मुलाकात की वही कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने उनको बधाई देते हुए ,,उनके हौसले और जज्बे की तारीफ..Conclusion:बाईट 01 - सरजू कुमार साहू - खिलाड़ी

बाईट 02 - कार्तिकेय गोयल - कलेक्टर
Last Updated : Aug 1, 2019, 11:44 AM IST
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