बलौदा बाजार : कसडोल नगर पंचायत में गुरूवार को तहसीलदार शंकर लाल सिन्हा ने तहसील कार्यालय के आसपास सड़क किनारे लगे ठेलों और दुकानों को हटाने की कार्रवाई की. जिसे लेकर दुकानदार और नगर अध्यक्ष नीलू चंदन साहू ने विरोध जताया है. इस कार्रवाई के बाद नगर के व्यपारियों में हड़कंप मच गया और सैकडों की संख्या में लोग तहसील कार्यालय पहुंच गए.
कोरोना वायरस की वजह से आज पूरे देश में लॉकडाउन है, जिसका सबसे ज्यादा असर मजदूर और फुटकर व्यापारी वर्ग पर हुआ है. पिछले एक महीने से लॉकडाउन होने कि वजह से लोगों के पास आय का कोई साधन नहीं है. वहीं प्रशासन के इस कार्रवाई के बाद उन्हें दोहरा नुकसान झेलना पड़ रहा है. ऐसे में लोग बेरोजगारी की वजह से भूखे मरने के कगार पर हैं.
बेबुनियाद आरोप
कसडोल तहसीलदार की नगर में की गई तोड़फोड़ की कार्रवाई के बाद नगरवासियों ने उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. व्यापारियों का आरोप है कि तहसील कार्यालय और नगर पंचायत की ओर से कार्रवाई के पहले कोई सूचना नहीं दी गई. साथ ही इस दौरान सोशल डिस्टेंशिंग और लॉकडाउन के उल्लंघन होने का आरोप है. वहीं तहसीलदार सिन्हा ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और दुकानों को तोड़ने के लिए पहले से आदेश मिलने की बात कही है.
तानाशाही का आरोप
कसडोल नगर पंचायत अध्यक्ष नीलू साहू ने इस मामले पर पहले कोई जानकारी नहीं होने की बात कही. वहीं इस कार्रवाई लेकर उन्होंने तहसीलदार और नगर पंचायत के सीएमओ के ऊपर तानाशाही का आरोप लगाया है और उच्च अधिकारियों से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.