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कसडोल में धड़ल्ले से जारी है रेत का अवैध खनन, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति - Balodabazar news update

महानदी से धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन जारी है. खनिज और परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.

Illegal sand quarrying game
अवैध रेत उत्खनन का खेल
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Published : Nov 27, 2019, 7:39 AM IST

Updated : Nov 27, 2019, 2:10 PM IST

बलौदाबाजार: कसडोल विकासखंड की जीवनदायनी महानदी से रेत माफिया इन दिनों बेखौफ होकर रेत निकाल रहे हैं. रेत माफिया सुप्रीम कोर्ट और NGT की आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए दिन-रात रेत उत्खनन कर रहे हैं. वहीं लागातर हो रहे रेत उत्खनन के बाद भी खनिज विभाग मूकदर्शक बना हुआ है.

कसडोल के कोट रेत में चल रहा अवैध रेत उत्खनन का खेल

रेत नीति का नहीं हो रहा पालन

दरअसल कसडोल का कोट रेत घाट इन दिनों रेत माफियाओं के लिए सोने की चिड़िया बनी हुई है. कोट रेत घाट से रेत माफिया बेखौफ होकर दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में अवैध रेत उत्खनन को रोकने के लिए नई रेत नीति लागू की गई थी. जो महज कागजों तक ही सिमट कर रह गयी है. जिसका वर्तमान में कहीं कोई पालन होता नहीं दिख रहा है.

ठेकेदार नहीं कर रहे नियमों का पालन

बता दें कि कसडोल का कोट रेत घाट का ठेका सत्यम यादव को मिला है. लेकिन इस रेत घाट का संचालन सुनील दीक्षित नाम का व्यक्ति कर रहा है. जबकि कोट के इस रेत घाट में मशीन से खुदाई करने की अनुमति नहीं है. लेकिन ठेकेदार बेखौफ होकर मशीनों से रेत गाड़ियों को भरावा रहे हैं.

महानदी का अस्तित्व खतरे

मशीनों से रेत गाड़ियों को भरने की वजह से महानदी का अस्तित्व खतरे में है. साथ ही ग्रामीणों को बरसात के समय बाढ़ का डर सताने लगा है. वहीं रेत माफियाओं पर खनिज विभाग और जिला परिवहन विभाग की मेहरबानी से रेत माफिया गाड़ियों को ओवर लोड कर बलौदाबाजार से दूसरे जिलों में बड़े ही आराम से भेज रहे हैं.

पढ़े: धान खरीदी को लेकर कांग्रेस की पदयात्रा, केंद्र पर लगाए भेदभाव के आरोप

वहीं खनिज और परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. जबकि रेत माफिया खुलेआम बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से रेत गाड़ियों को पार कर दूसरे जिले में में जा रहे हैं.

इस मामले पर ETV भारत की टीम ने जब कसडोल के SDM से चर्चा की तो उनका कहना था कि रेत माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है और शिकायत मिलने पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी.

बलौदाबाजार: कसडोल विकासखंड की जीवनदायनी महानदी से रेत माफिया इन दिनों बेखौफ होकर रेत निकाल रहे हैं. रेत माफिया सुप्रीम कोर्ट और NGT की आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए दिन-रात रेत उत्खनन कर रहे हैं. वहीं लागातर हो रहे रेत उत्खनन के बाद भी खनिज विभाग मूकदर्शक बना हुआ है.

कसडोल के कोट रेत में चल रहा अवैध रेत उत्खनन का खेल

रेत नीति का नहीं हो रहा पालन

दरअसल कसडोल का कोट रेत घाट इन दिनों रेत माफियाओं के लिए सोने की चिड़िया बनी हुई है. कोट रेत घाट से रेत माफिया बेखौफ होकर दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में अवैध रेत उत्खनन को रोकने के लिए नई रेत नीति लागू की गई थी. जो महज कागजों तक ही सिमट कर रह गयी है. जिसका वर्तमान में कहीं कोई पालन होता नहीं दिख रहा है.

ठेकेदार नहीं कर रहे नियमों का पालन

बता दें कि कसडोल का कोट रेत घाट का ठेका सत्यम यादव को मिला है. लेकिन इस रेत घाट का संचालन सुनील दीक्षित नाम का व्यक्ति कर रहा है. जबकि कोट के इस रेत घाट में मशीन से खुदाई करने की अनुमति नहीं है. लेकिन ठेकेदार बेखौफ होकर मशीनों से रेत गाड़ियों को भरावा रहे हैं.

महानदी का अस्तित्व खतरे

मशीनों से रेत गाड़ियों को भरने की वजह से महानदी का अस्तित्व खतरे में है. साथ ही ग्रामीणों को बरसात के समय बाढ़ का डर सताने लगा है. वहीं रेत माफियाओं पर खनिज विभाग और जिला परिवहन विभाग की मेहरबानी से रेत माफिया गाड़ियों को ओवर लोड कर बलौदाबाजार से दूसरे जिलों में बड़े ही आराम से भेज रहे हैं.

पढ़े: धान खरीदी को लेकर कांग्रेस की पदयात्रा, केंद्र पर लगाए भेदभाव के आरोप

वहीं खनिज और परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. जबकि रेत माफिया खुलेआम बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से रेत गाड़ियों को पार कर दूसरे जिले में में जा रहे हैं.

इस मामले पर ETV भारत की टीम ने जब कसडोल के SDM से चर्चा की तो उनका कहना था कि रेत माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है और शिकायत मिलने पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी.

Intro:कसडोल विकासखण्ड की जीवनदायनी महानदी का सीना चीर कर रेत माफिया इन दिनों बेखौफ होकर दिन रात महानदी से रेत निकाल रहे हैं,आपको बता दें कि रेत माफिया सुप्रीम कोर्ट और एन जी टी की आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए जे सी बी से दिन रात रेत उत्खनन कर रहे हैं,रेत माफियाओं के द्वारा लागातर रेत उत्खनन करने के बाद भी खनिज विभाग मूकदर्शक बनी हुई।


Body:कसडोल का कोट रेत घाट इन दिनों रेत माफियाओं के लिए सोने की चिड़िया बनी हुई है,कोट रेत घाट से रेत माफिया बेखौफ होकर दिन रात रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं, छत्तीसगढ़ में अवैध रेत उत्खनन को रोकने के लिए नई रेत नीति लागू की गई थी जो महज कागजों तक ही सिमट कर रह गयी और जिसका वर्तमान में कहीं कोई पालन होता नहीं दिख रहा है,आपको बता दें कि कसडोल का कोट रेत घाट का ठेका सत्यम यादव को मिला है लेकिन इस रेत घाट का संचालन सुनील दीक्षित नाम का व्यक्ति कर रहा है,जबकि कोट के इस रेत घाट में मशीन से खुदाई करने की अनुमति नहीं है लेकिन ठेकेदार के द्वारा बिना ख़ौफ़ के मशीनों से रेत गाड़ियों को भरा जा रहा है,मशीनों से रेत गाड़ियों को भरने की वजह से महानदी का अस्तित्व खतरे में है और ग्रामीणों को बरसात के समय बाढ़ का डर सताने लगा है। वहीं रेत माफियाओं पर खनिज विभाग और जिला परिवहन विभाग की मेहरबानी से रेत माफिया गाड़ियों को ओवर लोड कर बलौदाबाजार से दूसरे जिलों में बड़े ही आराम से भेज रहे हैं, आपको बता दें कि खनिज और परिवहन विभाग के द्वारा कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति मात्र की जाती है जबकि रेत माफिया खुलेआम बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से रेत गाड़ियों को पार कर दूसरे जिले में प्रवेश कर रहे हैं, वहीं रेत माफियाओं पर नकेल कसने के लिए कसडोल के एस डी से इस गंभीर मामले पर चर्चा की गई तो उनका कहना था कि रेत माफियाओं पर कार्यवाही की जा रही है और शिकायत मिलने पर आगे भी कार्यवाही की जाएगी ।

Conclusion:बाइट - हाइवा चालक

बाइट - टी सी अग्रवाल एस डी एम कसडोल
Last Updated : Nov 27, 2019, 2:10 PM IST
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