बलौदाबाजार: कसडोल विकासखंड की जीवनदायनी महानदी से रेत माफिया इन दिनों बेखौफ होकर रेत निकाल रहे हैं. रेत माफिया सुप्रीम कोर्ट और NGT की आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए दिन-रात रेत उत्खनन कर रहे हैं. वहीं लागातर हो रहे रेत उत्खनन के बाद भी खनिज विभाग मूकदर्शक बना हुआ है.
रेत नीति का नहीं हो रहा पालन
दरअसल कसडोल का कोट रेत घाट इन दिनों रेत माफियाओं के लिए सोने की चिड़िया बनी हुई है. कोट रेत घाट से रेत माफिया बेखौफ होकर दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में अवैध रेत उत्खनन को रोकने के लिए नई रेत नीति लागू की गई थी. जो महज कागजों तक ही सिमट कर रह गयी है. जिसका वर्तमान में कहीं कोई पालन होता नहीं दिख रहा है.
ठेकेदार नहीं कर रहे नियमों का पालन
बता दें कि कसडोल का कोट रेत घाट का ठेका सत्यम यादव को मिला है. लेकिन इस रेत घाट का संचालन सुनील दीक्षित नाम का व्यक्ति कर रहा है. जबकि कोट के इस रेत घाट में मशीन से खुदाई करने की अनुमति नहीं है. लेकिन ठेकेदार बेखौफ होकर मशीनों से रेत गाड़ियों को भरावा रहे हैं.
महानदी का अस्तित्व खतरे
मशीनों से रेत गाड़ियों को भरने की वजह से महानदी का अस्तित्व खतरे में है. साथ ही ग्रामीणों को बरसात के समय बाढ़ का डर सताने लगा है. वहीं रेत माफियाओं पर खनिज विभाग और जिला परिवहन विभाग की मेहरबानी से रेत माफिया गाड़ियों को ओवर लोड कर बलौदाबाजार से दूसरे जिलों में बड़े ही आराम से भेज रहे हैं.
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वहीं खनिज और परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. जबकि रेत माफिया खुलेआम बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से रेत गाड़ियों को पार कर दूसरे जिले में में जा रहे हैं.
इस मामले पर ETV भारत की टीम ने जब कसडोल के SDM से चर्चा की तो उनका कहना था कि रेत माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है और शिकायत मिलने पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी.