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Illegal Sand Mining : बलौदाबाजार में महानदी को छलनी कर रहे रेत माफिया, माइनिंग विभाग की कब टूटेगी नींद ? - बलौदाबाजार में महानदी को छलनी कर रहे रेत माफिया

बलौदाबाजार जिले में रेत माफिया शासन के सारे नियमों को ताक में रखकर महानदी से रेत का उत्खनन कर रहा है. पर्यावरण विभाग हर साल बारिश शुरु होते ही रेत के उत्खनन पर प्रतिबंध लगाता है. लेकिन जिले में रेत माफिया इस नियम का खुलेआम उल्लंघन करते हैं. इन सबसे वाकिफ होने के बाद भी जिला खनिज विभाग मौन धारण किए हुए है. illegal sand mining

illegal sand mining
महानदी में रेत का अवैध उत्खनन
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Published : Jun 23, 2023, 7:55 PM IST

Updated : Jun 23, 2023, 8:36 PM IST

बलौदाबाजार में महानदी को छलनी कर रहे रेत माफिया

बलौदाबाजार: ये पूरा मामला पलारी विकासखंड के मोहन घाट का है . जिला खनिज विभाग ने ज्ञानदास महंत के नाम पर मोहान घाट को 3 जून 2020 से लेकर 2 जून 2023 तक के लिए लीज पर दिया था. अवधि समाप्त होने के बाद भी घाट पर लगातार उत्खनन जारी है. खनिज विभाग के अफसरों ने अब तक रेत खनन और परिवहन पर रोक नहीं लगाई है.

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की बात : जिले में महानदी पर 20 से अधिक रेत खदान संचालित है. इन खदानों में पर्यावरण मंडल के सारे नियमों को ताक में रखकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है. बारिश का मौसम शुरू होते ही जून महीने से रेत का उत्खनन बंद करने का नियम है. इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों की शह पर अभी भी उत्खनन जारी है. जब खनिज इंस्पेक्टर रेत खदान में जांच के लिए पहुंचे तो वहां कोई गाड़ी नहीं मिली. केवल एक पोकलेन मशीन मिली है. जिस पर कार्रवाई कर खनिज विभाग का अमला वापस लौट गया. वहीं खदान से कुछ दूरी पर इन्हें रेत से भरी गाड़ियां मिलती भी है. लेकिन वाहन चालक के अभाव में इन पर कार्रवाई न करते हुए छोड़कर वापस आ जाते हैंं.

क्या है खनिज इंस्पेक्टर का बयान : वहीं इस पूरे मामले को लेकर में कार्यवाई करने पहुंचे खनिज इंस्पेक्टर ने बताया कि "'रेत माफिया को मुखबिर के माध्यम से हमारे आने की सूचना मिल जाती है. जिसके चलते वो घाट छोड़कर भाग जाते हैं. मोहन घाट में जब टीम पहुंची तो नदी के अंदर एक चैन माउंटेन मशीन खड़ी थी. जिसको सील बंद कर कार्रवाई किया गया है.''


रेत माफिया से सेटिंग का आरोप : ग्रामीणों की माने तो रेत माफिया का जिला खनिज अधिकारी कार्यालय में गजब की सेंटिग दिखाई पड़ती है. कलेक्टर के अवैध उत्खनन पर कार्रवाई करने का आदेश जारी करते ही रेत माफियाओं की इसकी जानकारी लग जाती है.तभी तो जब तक कार्रवाई करने के लिए खनिज अमला मौके पर पहुंचता है तो कोई भी गाड़ी नहीं दिखाई देती.



शासन को लाखों का नुकसान : रेत खदान से निकलने वाली गाड़ियों में क्षमता से अधिक ओवर लोड रेत भरी होती है. जिससे सड़कें खराब हो रही है. साथ ही इन ओवर लोड वाहनों से सरकार को दोहरे राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है. एक तो रेत का अवैध उत्खनन और ऊपर से ओवर लोड गाड़ियों की वजह से सड़कों के खराब होने पर उनकी मरम्मत पर खर्च. लेकिन इन सबसे जिले के अधिकारियों को कोई सरोकार नहीं है.

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पर्यावरण विभाग की तरफ से 15 जून से 15 अक्टूबर तक नदी के अंदर रेत के अवैध उत्खनन पर रोक रहती है. उसके बाद महानदी का सीना चीरकर चैन माउंटेन मशीन के माध्यम से बेखौफ तरीके से रेत माफिया, रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. प्रशासन की नाक के नीचे यह पूरा गोरख धंधा का संचालन हो रहा है. इस पर रोक लगाने में खनिज विभाग नाकाम साबित हो रही है.

बलौदाबाजार में महानदी को छलनी कर रहे रेत माफिया

बलौदाबाजार: ये पूरा मामला पलारी विकासखंड के मोहन घाट का है . जिला खनिज विभाग ने ज्ञानदास महंत के नाम पर मोहान घाट को 3 जून 2020 से लेकर 2 जून 2023 तक के लिए लीज पर दिया था. अवधि समाप्त होने के बाद भी घाट पर लगातार उत्खनन जारी है. खनिज विभाग के अफसरों ने अब तक रेत खनन और परिवहन पर रोक नहीं लगाई है.

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की बात : जिले में महानदी पर 20 से अधिक रेत खदान संचालित है. इन खदानों में पर्यावरण मंडल के सारे नियमों को ताक में रखकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है. बारिश का मौसम शुरू होते ही जून महीने से रेत का उत्खनन बंद करने का नियम है. इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारियों की शह पर अभी भी उत्खनन जारी है. जब खनिज इंस्पेक्टर रेत खदान में जांच के लिए पहुंचे तो वहां कोई गाड़ी नहीं मिली. केवल एक पोकलेन मशीन मिली है. जिस पर कार्रवाई कर खनिज विभाग का अमला वापस लौट गया. वहीं खदान से कुछ दूरी पर इन्हें रेत से भरी गाड़ियां मिलती भी है. लेकिन वाहन चालक के अभाव में इन पर कार्रवाई न करते हुए छोड़कर वापस आ जाते हैंं.

क्या है खनिज इंस्पेक्टर का बयान : वहीं इस पूरे मामले को लेकर में कार्यवाई करने पहुंचे खनिज इंस्पेक्टर ने बताया कि "'रेत माफिया को मुखबिर के माध्यम से हमारे आने की सूचना मिल जाती है. जिसके चलते वो घाट छोड़कर भाग जाते हैं. मोहन घाट में जब टीम पहुंची तो नदी के अंदर एक चैन माउंटेन मशीन खड़ी थी. जिसको सील बंद कर कार्रवाई किया गया है.''


रेत माफिया से सेटिंग का आरोप : ग्रामीणों की माने तो रेत माफिया का जिला खनिज अधिकारी कार्यालय में गजब की सेंटिग दिखाई पड़ती है. कलेक्टर के अवैध उत्खनन पर कार्रवाई करने का आदेश जारी करते ही रेत माफियाओं की इसकी जानकारी लग जाती है.तभी तो जब तक कार्रवाई करने के लिए खनिज अमला मौके पर पहुंचता है तो कोई भी गाड़ी नहीं दिखाई देती.



शासन को लाखों का नुकसान : रेत खदान से निकलने वाली गाड़ियों में क्षमता से अधिक ओवर लोड रेत भरी होती है. जिससे सड़कें खराब हो रही है. साथ ही इन ओवर लोड वाहनों से सरकार को दोहरे राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है. एक तो रेत का अवैध उत्खनन और ऊपर से ओवर लोड गाड़ियों की वजह से सड़कों के खराब होने पर उनकी मरम्मत पर खर्च. लेकिन इन सबसे जिले के अधिकारियों को कोई सरोकार नहीं है.

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पर्यावरण विभाग की तरफ से 15 जून से 15 अक्टूबर तक नदी के अंदर रेत के अवैध उत्खनन पर रोक रहती है. उसके बाद महानदी का सीना चीरकर चैन माउंटेन मशीन के माध्यम से बेखौफ तरीके से रेत माफिया, रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. प्रशासन की नाक के नीचे यह पूरा गोरख धंधा का संचालन हो रहा है. इस पर रोक लगाने में खनिज विभाग नाकाम साबित हो रही है.

Last Updated : Jun 23, 2023, 8:36 PM IST
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