ETV Bharat / state

बलौदाबाजार: वन भूमि पर बसे ग्रामीणों को हटाने पहुंचे अधिकारियों को फिर लौटना पड़ा खाली हाथ

वन विभाग की आरक्षित भूमि हुर्रा डोंगरी में अर्जुनी गांव के तकरीबन 25 परिवार जबरदस्ती कब्जा कर बसने लगे हैं.

author img

By

Published : Mar 31, 2019, 2:40 PM IST

वन विभाग की भूमि
वीडियो
बलौदाबाजार: जिले के जनपद पंचायत से महज 2 किलोमीटर दूर बिलाईगढ़ धनसीर मार्ग पर वन विभाग की आरक्षित भूमि हुर्रा डोंगरी में अर्जुनी गांव के तकरीबन 25 परिवार जबरदस्ती कब्जा कर बसने लगे हैं. वन विभाग ने पूरे दल-बल के साथ जाकर ग्रामीणों को वहां से हटाने की कोशिश की लेकिन माहौल बिगड़ता देख वन विभाग वहां से वापस आ गया.


वन विभाग ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी जिसके बाद बिलाईगढ़ एसडीएम, तहसीलदार और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी बातों पर अड़े रहे. ग्रामीणों का कहना है कि ये दिवानपुर की जमीन है जो कि उनके पूर्वज की है. उनका कहना है कि उन्होंने इसके लिए एसडीएम कलेक्टर को भी आवेदन दिया है. एक तरफ जहां ग्रामीण जगह खाली नही करने के जिद पर अड़े है वहीं दूसरी ओर वन विभाग इसे अपनी जमीन बताते हुए खाली कराने की कोशिशों में लगी हुई है.


एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि अगर ग्रामीणों के पास इस जमीन का कोई भी जायज सबूत हो तो दिखाए, लेकिन ग्रामीणों के जिद के सामने अधिकारियों की एक न चली और उन्हें वापस आना पड़ा. वहीं ग्रामीणों का अब ये कहना है कि भले ही जमीन कोई भी हो और किसी की भी हो पर हमें यहां रहने दिया जाय. हमारे पास रहने की जगह नहीं है.

वीडियो
बलौदाबाजार: जिले के जनपद पंचायत से महज 2 किलोमीटर दूर बिलाईगढ़ धनसीर मार्ग पर वन विभाग की आरक्षित भूमि हुर्रा डोंगरी में अर्जुनी गांव के तकरीबन 25 परिवार जबरदस्ती कब्जा कर बसने लगे हैं. वन विभाग ने पूरे दल-बल के साथ जाकर ग्रामीणों को वहां से हटाने की कोशिश की लेकिन माहौल बिगड़ता देख वन विभाग वहां से वापस आ गया.


वन विभाग ने इसकी जानकारी प्रशासन को दी जिसके बाद बिलाईगढ़ एसडीएम, तहसीलदार और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण अपनी बातों पर अड़े रहे. ग्रामीणों का कहना है कि ये दिवानपुर की जमीन है जो कि उनके पूर्वज की है. उनका कहना है कि उन्होंने इसके लिए एसडीएम कलेक्टर को भी आवेदन दिया है. एक तरफ जहां ग्रामीण जगह खाली नही करने के जिद पर अड़े है वहीं दूसरी ओर वन विभाग इसे अपनी जमीन बताते हुए खाली कराने की कोशिशों में लगी हुई है.


एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि अगर ग्रामीणों के पास इस जमीन का कोई भी जायज सबूत हो तो दिखाए, लेकिन ग्रामीणों के जिद के सामने अधिकारियों की एक न चली और उन्हें वापस आना पड़ा. वहीं ग्रामीणों का अब ये कहना है कि भले ही जमीन कोई भी हो और किसी की भी हो पर हमें यहां रहने दिया जाय. हमारे पास रहने की जगह नहीं है.

Intro:31/03/2019

लोकेशन - बिलाईगढ़

रिपोर्टर - करन साहू

स्लग - वन भूमि में बसे ग्रामीणों को हटाने पहुंचे अधिकारी फिर लौटे बैरंग.

एंकर :- बिलाईगढ़ जनपद पंचायत से महज 2 किलोमीटर बिलाईगढ़ धनसीर मार्ग पर हुर्रा डोंगरी जो कि फारेस्ट विभाग की आरक्षित भूमि थी. जिसमे पास के ही गांव अर्जुनी के करीब 25 परिवार फारेस्ट विभाग की भूमि में कब्जा कर बसने लगे, जिसकी जानकारी फारेस्ट विभाग को हुई तो आनन फानन में अपने दाल बल के साथ कुछ दिन पहले पहुंच कर फारेस्ट विभाग एवं पुलिश की टीम खाली करानी चाही. लेकिन ग्रामीण और फारेस्ट विभाग के टीम के बीच माहौल बिगड़ता हुआ दिखा. जिसपर ग्रामीण और फारेस्ट बिभाग की टीम वापस लौट आई. और प्रसासन को इसकी जानकारी दी. जिस पर आज बिलाईगढ़ एसडीएम, तहसीलदार व फारेस्ट विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाने की कोसिस की, लेकिन ग्रामीण अपनी बातों पर अड़े रहे. उनका कहना था कि ये दि्वान पुर की जमीन है, उनके पूर्वज यहां थे और इस जगह की नक्सा सहित एसडीएम कलेक्टर को दिये आवेदन भी ग्रामीणों के पास है ।ऐसे में एकतरफ ग्रामीण जगह खाली नही करने के जिद में अड़े है तो वही फारेस्ट विभाग अपनी जमीन कहकर खाली कराने चाहती है. आज एसडीएम बिलाईगढ़ ने ग्रामीणों को समझाने की कोसिस की कहा अगर ग्रामीणो के पास इस जमीन की कोई जायज सबूत हो तो दिखाए।लेकिन ग्रामीणों के जिद के सामने अधिकारियो को आज भी वापस आना पड़ा. और ग्रामीण अब ये कह रहे हैं कि कोई भी जमीन हो हमे रहने दिया जाय. हमारे पास रहने की जगह नही है. अब देखना होगा इस पर प्रसासन क्या कदम उठाती है.

बाइट - के एल सोरी - एसडीएम बिलाईगढ़

बाइट - पीड़ित ग्रामीणBody:31/03/2019

लोकेशन - बिलाईगढ़

रिपोर्टर - करन साहू

स्लग - वन भूमि में बसे ग्रामीणों को हटाने पहुंचे अधिकारी फिर लौटे बैरंग.

एंकर :- बिलाईगढ़ जनपद पंचायत से महज 2 किलोमीटर बिलाईगढ़ धनसीर मार्ग पर हुर्रा डोंगरी जो कि फारेस्ट विभाग की आरक्षित भूमि थी. जिसमे पास के ही गांव अर्जुनी के करीब 25 परिवार फारेस्ट विभाग की भूमि में कब्जा कर बसने लगे, जिसकी जानकारी फारेस्ट विभाग को हुई तो आनन फानन में अपने दाल बल के साथ कुछ दिन पहले पहुंच कर फारेस्ट विभाग एवं पुलिश की टीम खाली करानी चाही. लेकिन ग्रामीण और फारेस्ट विभाग के टीम के बीच माहौल बिगड़ता हुआ दिखा. जिसपर ग्रामीण और फारेस्ट बिभाग की टीम वापस लौट आई. और प्रसासन को इसकी जानकारी दी. जिस पर आज बिलाईगढ़ एसडीएम, तहसीलदार व फारेस्ट विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाने की कोसिस की, लेकिन ग्रामीण अपनी बातों पर अड़े रहे. उनका कहना था कि ये दि्वान पुर की जमीन है, उनके पूर्वज यहां थे और इस जगह की नक्सा सहित एसडीएम कलेक्टर को दिये आवेदन भी ग्रामीणों के पास है ।ऐसे में एकतरफ ग्रामीण जगह खाली नही करने के जिद में अड़े है तो वही फारेस्ट विभाग अपनी जमीन कहकर खाली कराने चाहती है. आज एसडीएम बिलाईगढ़ ने ग्रामीणों को समझाने की कोसिस की कहा अगर ग्रामीणो के पास इस जमीन की कोई जायज सबूत हो तो दिखाए।लेकिन ग्रामीणों के जिद के सामने अधिकारियो को आज भी वापस आना पड़ा. और ग्रामीण अब ये कह रहे हैं कि कोई भी जमीन हो हमे रहने दिया जाय. हमारे पास रहने की जगह नही है. अब देखना होगा इस पर प्रसासन क्या कदम उठाती है.

बाइट - के एल सोरी - एसडीएम बिलाईगढ़

बाइट - पीड़ित ग्रामीणConclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.